
युद्ध विनाशक है, सभी इसे भलीभांति जानते है। युद्ध के पक्षधर आम जन कभी नहीं हो सकते पर युद्ध की स्थिति किसी कारण वश बन जाए तो पीछे लौटना मुश्किल हो जाता। इस तरह की स्थिति को समझने के लिए युद्ध के इतिहास पर एक नजर डालें जहां प्राचीन काल के महाभारत में केवल पांच पांडव हीं बचे कौरव दल सहित शेष सारे मारे गये। विश्व युद्ध का वीभत्स परिदृश्य, वर्तमान में 24 फरवरी2022 से रुस यूक्रेन के बीच जारी युद्ध सामने है। जो अभी भी जारी है। इसमें कितना जान माल का नुकसान हुआ, कितने निर्दोष मारे गये, प्रभावित देश हीं बता सकते, भारत-पाक में पूर्व में हुए युद्ध का इतिहास सामने है। कारगिल में बहुत कुछ खोया । युद्ध के अंत में समझौता हीं काम आता है। जहां खोने के शिवाय कुछ शेष नहीं रह जाता।
आज वारूद की ढ़ेर पर दुनियां बैठी हुई है। परमाणु बम से लेकर एक से एक बढ़कर खतरनाक मानव अहितकारी बम सभी के पास है। कोई किसी से कम नहीं। चंद समय भी नहीं लगेगा सुंदर सी दुनियां उजाड़ने में। आज जो युद्ध युद्ध की बात कर रहे है, उन्हें इस बात को समझने की महती आवश्यकता है। तब सीजफायर की उपयोगिता समझ में आयेगी।
पाक पड़ोसी देश है, पर आतंकवाद को पनाह देने के कारण आजतक भारत का सही पड़ोसी नहीं बन पाया। आजादी के बाद से ही आतंकवाद को भारत के खिलाफ खड़ा रहा ,आज भी आतंकी भेजने का क्रम जारी है। जिसका ताजा उदाहरण पहलगाम की ताजी आतंकवादी घटना है जहां पहली बार धर्म की आड़ में निर्दोष जान ले ली गई। बहुत हीं बुरा हुआ जिसके प्रतिरोध में भारत ने ऑपरेशन सिंदूर का अमल कर जिसे युद्ध कभी भी कहा नहीं जा सकता , आतंकवाद को समाप्त करने की दिशा में सराहनीय कदम उठाया जिसकी सराहना विश्व भर में हुई। पाकिस्तान ने इसके विरोध में भारत पर प्रहार किया। जिसे युद्ध का स्वरूप कहा जा सकता फिर भी भारत ने उसके प्रहार को प्रभावहीन करते हुए केवल आतंकवाद को केन्द्रित कर जवाबी कार्रवाई की। विश्व के सभी देशों ने आतंकवाद के विरुद्ध भारत के कदम की प्रशंसा की एवं पाक के कदम की आलोचना की। धीरे -धीरे स्थिति युद्ध की ओर बढ़ती जा रही थी तभी अमेरिका ने पहल कर भारत – पाक युद्ध को सीजफायर की स्थिति बनाकर टालने की कोशिश की। उसके पहल पर सीजफायर की घोषणा दोनों देश ने की,जो शांति एवं दोनों देश के अमन-चैन की दिशा में सकरात्मक कदम है। वैसे आतंकवाद के अधीन पाक ने तत्काल सीजफायर का उल्लंघन कर भारत पर प्रहार करना शुरू कर दिया है, जिसके लिये अमेरिका ने पाक को फटकार भी लगाई।
भारत पाक के हर नापाक इरादे को नेस्तनाबूद करना अच्छी तरह जानती है। सीजफायर की पहल सकरात्मक हो, तभी शांति अमन-चैन दोनों देश में कायम हो सकेगा। पाक आतंकवाद को पनाह न दें तभी पड़ोसी देश की भूमिका निभा सकता है। सीजफायर अच्छी पहल है जो सराहनीय कदम है।
स्वतंत्र पत्रकार, डाॅ.भरत मिश्र प्राची