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जन्माष्टमी पर राशि अनुसार कैसे करें उपाय जाने


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धर्म/ज्योतिष

जन्माष्टमी पर राशि अनुसार कैसे करें उपाय जाने

जन्माष्टमी पर राशि अनुसार कैसे करें उपाय जाने

जन्माष्टमी : श्री जलाराम बापा ज्योतिष संस्थान के अध्यक्ष ज्योतिषाचार्य अभिमन्यु पाराशर ने बताया कि जन्माष्टमी का महापर्व भाद्रपद मास की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि के दिन मनाया जाता है. जन्माष्टमी पर भगवान विष्णु जी के अवतार भगवान कृष्ण का जन्म हुआ था, ज्योतिष गणना के अनुसार, भगवान कृष्ण का जन्म वृष लग्न, वृष राशि और रोहिणी नक्षत्र में हुआ था. इस दिन श्रीकृष्ण की पूजा करने से संतान प्राप्ति, दीर्घायु और सुख-संपन्नता का वरदान प्राप्त होता है. इस दिन भगवान श्रीकृष्ण के भक्त भूखे-प्यासे रहकर उनके लिए उपवास करते हैं और रात्रिकाल में उनकी विधिवत पूजा करते हैं. कहते हैं कि श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का पर्व मनाकर हर मनोकामना पूरी की जा सकती है।

आचार्य अभिमन्यु पाराशर

जन्माष्टमी की पूजन विधि और शुभ मूहूर्त

भगवान श्रीकृष्ण का जन्म वृष लग्न और वृष राशि में हुआ था. इसलिए जन्म का उत्सव इसी काल में मनाया जाता है. इस बार अष्टमी 26 अगस्त को सुबह 03.39 पर आरंभ होगी और इसका समापन 27 अगस्त को देर रात 02.19 पर होगा. यानी 26 अगस्त की रात्रि में अष्टमी तिथि विद्यमान रहेगी. इस बार श्रीकृष्ण की पूजा का शुभ मुहूर्त मध्यरात्रि 12.00 से 12.44 तक होगा. इसी अवधि में श्रीकृष्ण का जन्म होगा और जन्मोत्सव मनाया जाएगा।

कैसे मनाएं जन्माष्टमी का त्योहार
जन्माष्टमी के दिन सुबह स्नान करके व्रत या पूजा का संकल्प लें. दिनभर जलाहार या फलाहार ग्रहण करें. सात्विक रहें. फिर मध्यरात्रि को भगवान कृष्ण की धातु की प्रतिमा को किसी पात्र में रखें. उस प्रतिमा को दूध, दही, शहद, शर्करा और अंत में घी से स्नान कराएं. इसी को पंचामृत स्नान कहते हैं।

श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर करें ये 10 अचूक उपाय, हर तरह के संकटों से मुक्ति पाएं

  • माखन-मिश्री : जन्माष्टमी के दिन माखन और मिश्री का भोग लगाकर 1 साल से छोटे बच्चों को अपनी अंगुली से चटाएं।
  • झूला : इस दिन सुंदर सुसज्जित झूला लाकर उसमें कान्हा जी बिठाएं।
  • चांदी की बांसुरी : इस दिन चांदी की बांसुरी को लाकर कान्हा को चढ़ाएं। बाद में पूजन संपन्न होने के बाद इसे अपने पर्स में हिफाजत से रखें।
  • राखी : रक्षाबंधन की तरह ही इस दिन भगवान कान्हा जी और बलराम जी को राखी बांधें।
  • तुलसी : भगवान श्री कृष्ण के पूजन और भोग प्रसादी में तुलसी का प्रयोग जरूर करें।
  • फूल : हरसिंगार, पारिजात या शैफाली के फूल श्रीकृष्ण को बहुत पसंद है। अत: श्री कृष्ण पूजन में इनका प्रयोग अवश्य करें।
  • फल व अनाज : कृष्ण जन्माष्टमी के दिन धार्मिक स्थल पर जाकर फल और अनाज दान करें।
  • गाय-बछड़ा : इस दिन गाय-बछड़े की नन्ही प्रतिमा लाने से भी धन और संतान संबंधी चिंताएं दूर होती हैं।
  • मोर पंख : मोर पंख श्रीकृष्ण को अत्यंत प्रिय है। अत: जन्माष्टमी पूजन में इसे जरूर चढ़ाएं, लेकिन ध्यान रखें कि वही मोर पंख अर्पित करें जो कि मोर ने स्वयं ही त्याग दिए हों।
  • शंख : जन्माष्टमी पर भगवान कृष्ण के नंदलाल स्वरूप का शंख में दूध डालकर अभिषेक करें। इससे वे प्रसन्न होंगे

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