[pj-news-ticker post_cat="breaking-news"]

कब मनाया जाएगा दीपावली का त्यौहार, क्या होगा मुहूर्त का समय, ओर कैसे होगा आपकी समस्याओं का समाधान जानें ज्योतिषाचार्य अभिमन्यू पाराशर से


निष्पक्ष निर्भीक निरंतर
  • Download App from
  • google-playstore
  • apple-playstore
  • jm-qr-code
X
धर्म/ज्योतिष

कब मनाया जाएगा दीपावली का त्यौहार, क्या होगा मुहूर्त का समय, ओर कैसे होगा आपकी समस्याओं का समाधान जानें ज्योतिषाचार्य अभिमन्यू पाराशर से

कब मनाया जाएगा दीपावली का त्यौहार, क्या होगा मुहूर्त का समय, ओर कैसे होगा आपकी समस्याओं का समाधान जानें ज्योतिषाचार्य अभिमन्यू पाराशर से

कब मनाया जाएगा दीपावली का त्यौहार, क्या होगा मुहूर्त का समय, ओर कैसे होगा आपकी समस्याओं का समाधान जानें ज्योतिषाचार्य अभिमन्यू पाराशर से : श्री जलाराम बापा ज्योतिष संस्थान शिमला के अध्यक्ष ज्योतिषाचार्य अभिमन्यू पाराशर ने बताया कि दीपावली मुख्य त्यौहारों में से एक है। इस वर्ष दिवाली 20 अक्टूबर 2025 को प्रदोष काल में अमावस्या होने से इसी दिन मनाई जाएगी। लक्ष्मी पूजन प्रदोष युक्त अमावस्या को स्थिर लग्न व स्थिर नवमांश में किया जाना सर्वश्रेष्ठ होता है। दिवाली भगवान श्री राम के अयोध्या वापसी की खुशी में मनाई जाती है। इस दिन लक्ष्मी जी की पूजा का विधान है।

ज्योतिषाचार्य अभिमन्यू पाराशर

दीपावली पूजा विधि

स्कंद पुराण के अनुसार कार्तिक अमावस्या के दिन प्रात: काल स्नान आदि से निवृत्त होकर सभी देवताओं की पूजा निम्न विधि से करनी चाहिए। इस दिन संभव हो तो दिन में भोजन नहीं करना चाहिए।

घर में शाम के समय पूजा घर में लक्ष्मी और गणेश जी की नई मूर्तियों को एक चोकी पर स्वस्तिक बनाकर तथा चावल रखकर स्थापित करना चाहिए। मूर्तियों के सामने एक जल से भरा हुआ कलश रखना चाहिए। इसके बाद मूर्तियों के सामने बैठकर हाथ में जल लेकर शुद्धि मंत्र का उच्चारण करते हुए उसे मूर्ति पर, परिवार के सदस्यों पर और घर में छिड़कना चाहिए।

गुड़, फल, फूल, मिठाई, दूर्वा, चंदन, घी, पंचामृत, मेवे, खील, बताशे, चैकी, कलश, फूलों की माला आदि सामग्रियों का प्रयोग करते हुए पूरे विधि- विधान से लक्ष्मी और गणेश जी की पूजा करनी चाहिए। इनके साथ- साथ देवी सरस्वती, भगवान विष्णु, काली मां और कुबेर देव की भी विधिपूर्वक पूजा करनी चाहिए। पूजा करते समय 11 छोटे दीप तथा एक बड़ा दीप जलाना चाहिए।

सभी छोटे दीप को घर के चैखट, खिड़कियों व छतों पर जलाकर रखना चाहिए तथा बड़े दीपक को रात पर जलता हुआ घर के पूजा स्थान पर रख देना चाहिए।

पूजा में आवश्यक साम्रगी महालक्ष्मी पूजा या दिवाली पूजा के लिए रोली, चावल, पान- सुपारी, लौंग, इलायची, धूप, कपूर, घी या तेल से भरे हुए दीपक, कलावा, नारियल, गंगाजल, गुड़, फल, फूल, मिठाई, दूर्वा, चंदन, घी, पंचामृत, मेवे, खील, बताशे, चैकी, कलश, फूलों की माला, शंख, लक्ष्मी व गणेश जी की मूर्ति, थाली, चांदी का सिक्का, 11 दीपक आदि वस्तुएं पूजा के लिए एकत्र कर लेना चाहिए।

लक्ष्मी मंत्र : लक्ष्मी जी की पूजा के समय निम्न मंत्र का लगातार उच्चारण करते रहना चाहिए, “ऊं श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्म्यै नमः”

दीपावली पूजा मुहूर्त 2025 :
दीपावली के दिन प्रदोषकाल में माता लक्ष्मी जी की पूजा होती है। मान्यता है कि इस समय लक्ष्मी जी की पूजा करने से मनुष्य को कभी दरिद्रता का सामना नहीं करना पड़ता। इस साल पूजा का शुभ मुहूर्त है। सर्वश्रेष्ठ पूजन समय— रात 7:30 से 7:42 बजे तक, जिसमें प्रदोष काल,स्थिर वृष लग्न तथा कुंभ का स्थिर नवांश भी रहेगा।

लक्ष्मी पूजा मुहूर्त शाम 5:51से से लेकर रात को 8: 23 तक समस्त जन के लिए – सायं 5ः51 से 8ः23 तक ।

निशारात्रि मुर्हुत : व्यापारी वर्ग एवं सिंह स्थिर लक्ष्मी प्राप्ति मुर्हुत- रात्रि 1:48 से रात्रि 4-04 बजे तक।

बृषभ लग्न सभी वर्ग एव समस्त के लिए – 7.18 से 9:15मिनट तक ।

दिवाली के प्रयोग :
दीपावली पर यदि लक्ष्मी-गणेश पूजा के साथ इन सरल उपायों को आजमाएं, तो निश्चित ही लक्ष्मी की उसके पास कोई कमी नहीं रहेगी

आज के अर्थप्रधान युग में व्यक्ति को अथक परिश्रम करने के बाद भी धन का अभाव बना रहता है। हर व्यक्ति की चाहत होती है कि उसके जीवन में सुख-समृद्धि एवं ऐश्वर्य सदा बना रहे और लक्ष्मी की उसके पास कोई कमी न हो। इसलिए दीपावली पर यदि लक्ष्मी-गणेश पूजा के साथ इन सरल उपायों को आजमाएं, तो निश्चित ही लक्ष्मी की उसके पास कोई कमी नहीं रहेगी।

दीपावली पर करे उपाय :

  • नरक चतुर्दशी या छोटी दीपावाली को प्रातःकाल हाथी को गन्ना या मीठा खिलाने से अधिक तकलीफों से मुक्ति मिलती है।
  • दीपावली के दिन किसी भिखारी या गरीब को नौ किलो गेहूं का दान करें और अगले दिन मुख्य द्वार को रंगोली से सजाएं।
  • दीपावली पूजन के बाद शंख और डमरू बजाने से दरिद्रता जाती है और लक्ष्मी आती है।
  • लक्ष्मी पूजन करते समय हकीक की भी पूजा कर उसे धारण करने से धन की वृद्धि होती है। ऋद्धि-सिद्धि के स्वामी गणेश और धन की देवी लक्ष्मी हैं। इन दोनों का संयुक्त यंत्र महायंत्र कहलाता है। इस दिन इस यंत्र की स्थापना से घर में धन-सम्पत्ति की कमी नहीं रहती है।
  • दीपावली पर ‘श्री यंत्र’, कनकधारा ‘यंत्र’ और ‘कुबेर यंत्र’ की विधिवत स्थापना करने से लक्ष्मी की प्राप्ति होती है।
  • दीपावली की सुबह को गन्ने की जड़ को लाकर रात्रि को लक्ष्मी पूजन में इसकी भी पूजा करने से धन में लाभ मिलता है।
  • लक्ष्मी पूजा में 11 कौड़ियां लक्ष्मी पर चढ़ाएं। अगले दिन कौड़ियों को लाल रूमाल या लाल कपड़े में बांधकर तिजोरी में रखें, धन में वृद्धि होती है।
  • दीपावली के दिन पति-पत्नी सुबह विष्णु मंदिर में एक साथ जाएं और वहां लक्ष्मी को वस्त्र चढ़ाएं, धन की कमी नहीं रहेगी।
  • लक्ष्मी पूजन के समय लक्ष्मी को कमल अर्पित करें और कमल गट्टे की माला से जाप करें, लक्ष्मी अधिक प्रसन्न होती है।
  • दीपावली के दिन अशोक के वृक्ष की जड़ का पूजन करने से धन-सम्पत्ति में वृद्धि होती है।
  • दीपावली के दिन मां लक्ष्मी को पूए का भोग लगाकर उसे गरीबों में बांटने से चढ़ा हुआ कर्जा उतर जाता है।
  • दीपावली के दिन अपामार्ग की जड़ अपनी दाईं भुजा में बांधें, आर्थिक समस्याएं समाप्त होंगी।
  • दीपावली के दिन पानी का घड़ा लाकर रसोई घर में कपड़े से ढँककर रखने से घर में बरकत और खुशहाली रहेगी।
  • दीपावली के दिन इमली के पेड़ की टहनी काटकर अपनी तिजोरी या धन रखने के स्थान में रखें- धन में वृद्धि होगी।
  • दीपावली के दिन सायंकाल को बरगद की जटा में गांठ लगा दें, ऐसा करने से अचानक धन मिलता है, धन मिलने के बाद उस गांठ को खोल दें।

Related Articles