खनन विभाग की अनदेखी, पुलिस भी कार्रवाई से बचती रहती है
अरावली की पहाड़ियों में धड़ल्ले से हो रहा अवैध खनन
बुहाना : बुहाना तहसील की सीमा से लगते गांवों की अरावली पर्वत श्रृंखला की पहाड़ियों में प्रतिबंध के बावजूद अवैध ब्लास्टिंग और खनन कार्य जोरों पर है। नियमों को ताक पर रखकर की जा रही इस गतिविधि की जानकारी पुलिस और खनन विभाग दोनों को होने के बावजूद ठोस कार्रवाई नहीं की जा रही।
सुबह चार से आठ बजे तक दौड़ते हैं ट्रैक्टर-ट्रॉली
सीमा से सटे सोहली, नयागांव, खरेली, उदामांडी, कुहाड़वास, जैतपुर, डूमौली समेत कई गांवों में अरावली की इन पहाड़ियों पर खनन माफिया खुलेआम पत्थर निकाल रहे हैं। विभाग की ओर से दबिश तक नहीं डाली जाती। पुलिस भी कभी-कभार दबाव आने पर कुछ ट्रैक्टर-ट्रॉली जब्त कर खान विभाग को सौंप देती है। रोजाना सुबह चार से आठ बजे तक रोड़ी-पत्थरों से भरी ट्रॉली सड़क पर दौड़ती देखी जा सकती हैं।
प्रतिदिन लाखों का अवैध कारोबार
खनिज संपदा की दिनदहाड़े चोरी की जा रही है। एक ट्रैक्टर-ट्रॉली पत्थर भरने के लिए माफिया 1000 रुपए वसूलते हैं, जो गांव तक पहुंचने पर 3000 रुपए में बिक जाती है। अनुमान के अनुसार, रोजाना सौ से अधिक ट्रैक्टर-ट्रॉली पत्थर ले जाती हैं, जिससे माफिया प्रतिदिन लाखों रुपए कमा रहे हैं।

रात में होती है ब्लास्टिंग, खतरे में जान-माल
बड़े पत्थरों को तोड़ने के लिए रात के समय चोरी-छिपे ब्लास्टिंग की जाती है। विस्फोटक सामग्री चोरी से लाई जाती है। मशीन से बड़े होल बनाकर उनमें विस्फोटक भरा जाता है और सूतली में आग लगाकर धमाका किया जाता है। इससे न केवल पर्यावरण को नुकसान हो रहा है, बल्कि आसपास के खेतों और घरों को भी खतरा बना रहता है।
किसान बोले: खेत बंजर हो रहे हैं
अवैध ब्लास्टिंग से उड़ने वाले पत्थर और डस्ट आसपास के खेतों में गिरते हैं, जिससे जमीन की उपजाऊ शक्ति घट रही है। किसानों का कहना है कि विरोध करने पर माफिया झगड़े पर उतर आते हैं और पुलिस को शिकायत देने पर भी कोई सुनवाई नहीं होती। कई खेतों में ट्रैक्टर-ट्रॉली ने अवैध रास्ते तक बना लिए हैं।
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