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रेगिस्तान में नदी आई तो नाचने लगे ग्रामीण, VIDEO:पूजा की, चुनरी ओढ़ाई, ढोल बजाकर स्वागत किया; पांच साल में दूसरी बार उफान पर लूणी


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रेगिस्तान में नदी आई तो नाचने लगे ग्रामीण, VIDEO:पूजा की, चुनरी ओढ़ाई, ढोल बजाकर स्वागत किया; पांच साल में दूसरी बार उफान पर लूणी

रेगिस्तान में नदी आई तो नाचने लगे ग्रामीण, VIDEO:पूजा की, चुनरी ओढ़ाई, ढोल बजाकर स्वागत किया; पांच साल में दूसरी बार उफान पर लूणी

बाड़मेर : पश्चिमी राजस्थान के इलाकों में पिछले तीन दिन की बारिश के बाद रेगिस्तान में सूखी पड़ी लूणी नदी में भी पानी आ गया है। बुधवार सुबह अजमेर और जोधपुर से होते हुए ये नदी बाड़मेर के रेगिस्तानी इलाके में पहुंची तो लोग नाचने लगे। दरअसल, पांच साल में दूसरी बार लूणी नदी उफान पर आई है। लगातार दूसरे साल जब इस नदी में पानी आया तो लोगों ने चुनरी ओढ़ाकर और पूजा अर्चना कर स्वागत किया। पिछले साल बिपरजॉय के दौरान भी इस नदी में पानी आया था।

बाड़मेर के समदड़ी से होते हुए इस नदी का बहाव क्षेत्र गुजरात के कच्छ तक है।
बाड़मेर के समदड़ी से होते हुए इस नदी का बहाव क्षेत्र गुजरात के कच्छ तक है।

बुजुर्गों और युवाओं ने डांस किया, महिलाओं ने ओढ़ाई चुनरी
लूणी नदी ने जैसे ही समदड़ी के इलाके में प्रवेश किया सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण इसका स्वागत करने के लिए पहुंच गए। महिलाओं ने लोकगीत गाए तो पुरुषों ने जमकर डांस किया। सभी ने मिलकर नदी की पूजा की और चुनरी ओढ़ाई है। ग्रामीणों ने नदी से प्रार्थना भी की। लोगों का कहना है नदी का इस बहाव से आना पूरे क्षेत्र के लिए काफी शुभ है।

नदी के बहाव क्षेत्र में हो रहे प्रदूषण में भी पानी के बहाव से कमी आ सकेगी। भूमिगत जल का लेवल भी नदी के कारण बढ़ेगा।स्थानीय ग्रामीण गोपाराम ने बताया कि पिछले साल भी पानी आया था, लेकिन ये व्यर्थ जा रही है। यदि इसके स्टोरेज के लिए प्लान बनाए तो ये किसानों के लिए वरदान साबित हो सकती है।

ढोल-थाली के साथ नदी का स्वागत करने पहुंचे ग्रामीणों का मनाना है कि इस बार उन्हें अच्छी फसल मिलेगी।
ढोल-थाली के साथ नदी का स्वागत करने पहुंचे ग्रामीणों का मनाना है कि इस बार उन्हें अच्छी फसल मिलेगी।

9 जिलों में बहती है लूणी नदी
राजस्थान की गंगा भी कही जाने वाली लूणी नदी अजमेर के नाग पहाड़ी से निकलती है। राज्य के 9 जिलों से होती हुई ये नदी गुजरात पहुंचकर अरब सागर में मिल जाती है। पिछले पांच दिनों से इसके बहाव क्षेत्र हो रही बारिश के कारण इन दिनों नदी पूरे उफान पर है। बाड़मेर के रेतीली हिस्से से निकल रही इन नदी में बुधवार को जब पानी पहुंचा तो लोगों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा।

हालांकि, पिछले साल भी इस नदी में पानी आया था, लेकिन बहाव और पानी की मात्रा कम थी। स्थानीय लोगों ने बताया की राजस्थान में करीब 350 किमी. लंबी इस नदी में और भी कई स्थानीय नदियां मिलती हैं। इन दिनों इन सभी नदियों में बहाव क्षेत्र में अच्छी बारिश हो रही है। इसलिए लूणी नदी पूरे उफान पर है।

स्थानीय लोगों के लिए ये मरु गंगा है। नदी के उफान को देख इतने खुश हुए कि पानी में उतर कर नाचने लगे।
स्थानीय लोगों के लिए ये मरु गंगा है। नदी के उफान को देख इतने खुश हुए कि पानी में उतर कर नाचने लगे।

फोटो में देखें रेगिस्तान में नदी आने की खुशी…

ये धुंधाड़ा गांव का है, जो जोधपुर और बाड़मेर जिले की सीमा को लगता है। बुधवार सुबह भी नदी के बहाव को देखने के लिए बड़ी संख्या में लोग पहुंचे।
ये धुंधाड़ा गांव का है, जो जोधपुर और बाड़मेर जिले की सीमा को लगता है। बुधवार सुबह भी नदी के बहाव को देखने के लिए बड़ी संख्या में लोग पहुंचे।
लूणी नदी में पाली की बांडी और सुकड़ी नदी का पानी भी मिलता है। राजस्थान के अलग-अलग हिस्सों में रही बारिश ने इस नदी को नया जीवनदान दिया है।
लूणी नदी में पाली की बांडी और सुकड़ी नदी का पानी भी मिलता है। राजस्थान के अलग-अलग हिस्सों में रही बारिश ने इस नदी को नया जीवनदान दिया है।
बताया जाता है कि पाली और जालोर में जब भी मूसलाधार बारिश होती है तो लूणी नदी में पानी की आवक शुरू हो जाती है।
बताया जाता है कि पाली और जालोर में जब भी मूसलाधार बारिश होती है तो लूणी नदी में पानी की आवक शुरू हो जाती है।

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