सीकर, झुंझुनूं व नीमकाथाना में सरस डेयरी साल के अंत तक 40 नए दूध संकलन केंद्र खोलेगी, गांव के युवाओं को मिलेगा रोजगार
किसानों को फायदा : मार्केट में रहेगी प्रतिस्पर्धा, कीमत भी बढ़ेगी

सीकर : सीकर बड़े स्तर पर दूध उत्पादन करने वाले सीकर, नीमकाथाना व झुंझुनूं जिले के 9 लाख से ज्यादा किसानों व पशुपालकों के लिए राहत की खबर है। सरकार जल्द ही प्रत्येक गांव में सरस डेयरी का दूध संकलन केंद्र शुरू करेगी। इसके लिए सरस डेयरी संघ ने तीनों जिलों में नई समितियां खोलने व संकलन केंद्र स्थापित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। तीनों जिलों में इसी साल 40 से ज्यादा नई समितियों का गठन किया जाएगा।
प्रत्येक गांव में पशुपालकों की जरूरत के अनुसार नए संकलन केंद्र शुरू होंगे। योजना कारगर रही तो आने वाले समय में किसानों को दूध बेचने के लिए निजी डेयरी व लोकल मार्केट की तलाश नहीं करनी होगी। इसके अलावा आम आदमी आसानी से सरकारी काउंटर पर जरूरत के अनुसार दूध-दही व घी समेत सरस के प्रोडक्ट्स खरीद सकेंगे। सरस डेयरी प्रबंधन ने नए संकलन केंद्रों व समितियों के माध्यम से संकलित होने वाले दूध से मिल्क पाउडर व देशी घी बनाने की योजना बनाई है।
जिन गांवों में दूध बिक्री केंद्र नहीं हैं, वहां डेयरी के बिक्री केंद्र भी शुरू करवाए जाएंगे। इससे लोगों को सरस के प्रोडक्ट्स आसानी से उपलब्ध करवाए जा सकेंगे। साथ ही कालाबाजारी पर भी अंकुश लगेगा। प्लांट में प्रोसेसिंग क्षमता से ज्यादा दूध आएगा, तो संघ द्वारा खरीद किए गए दूध को मांग के अनुसार दिल्ली सहित अन्य पड़ोसी राज्यों को सप्लाई किया जाएगा।
गांव-गांव में सरस डेयरी की समिति व संकलन केंद्र बनाने से मार्केट में प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी। इससे किसानों को दूध की अच्छी कीमत मिलेगी। फिलहाल सरस डेयरी की दरें पांच रुपए प्रति लीटर बोनस मूल्य जोड़कर निजी डेयरियों के मुकाबले ज्यादा है। ऐसे में निजी डेयरियों को किसानों से ज्यादा भाव में दूध खरीदना होगा। इसका सीधा फायदा दूध उत्पादकों को होगा।
फिलहाल प्रत्येक गांव में सरस डेयरी का खरीद केंद्र नहीं होने से किसानों को निजी डेयरियों को सस्ते दाम में दूध बेचना पड़ रहा है। यानी मार्केट में 60 से 70 रुपए ली. तक बिकने वाले दूध के लिए निजी डेयरी किसानों को औसतन 40 से 55 रुपए प्रतिलीटर तक ही दे रही है। किसानों का कहना है कि सितंबर से मार्च तक ज्यादा दूध प्रोडक्शन के समय परेशानी बढ़ जाती है।
सरस डेयरी पलसाना के चेयरमैन जीताराम के अनुसार तीनों जिलों में दूध उत्पादन की संभावनाओं को देखते हुए बोर्ड ने डेयरी प्लांट की प्रोसेसिंग क्षमता बढ़ाने का प्रस्ताव आरसीडीएफ जयपुर को भिजवाया गया है। प्रस्ताव को मंजूरी मिलने पर तीनों जिलों के किसानों व पशुपालकों को फायदा होगा। फिलहाल सरस डेयरी प्लांट की प्रोसेसिंग क्षमता प्रतिदिन 60 हजार लीटर है। प्लांट की प्रोसेसिंग क्षमता 1.20 लाख लीटर प्रतिदिन करने का प्रस्ताव भिजवाया गया है।
^सरस डेयरी ने ज्यादा से ज्यादा किसानों से दूध खरीद का प्लान तैयार किया है। इसके लिए तीनों जिलों में इसी साल 40 नई समितियां खोली जाएंगी। वहीं गांवों में जरूरत के अनुसार दूध कलेक्शन पॉइंट शुरू करवाए जाएंगे। आम आदमी को आसानी से डेयरी प्रोडक्ट्स मिल सकें, इसके लिए नए विक्रय केंद्र भी स्वीकृत किए जाएंगे। – उमाशंकर चौधरी, एमडी सरस डेयरी पलसाना, सीकर