[pj-news-ticker post_cat="breaking-news"]

मेडिकल कॉलेज के प्रोफेसर्स का धरना जारी:IMA,SPHA ने आज समर्थन दिया,प्रेसिडेंट चौधरी बोले-मांगें नहीं मानी तो सरकार के सामने बड़ी परेशानी


निष्पक्ष निर्भीक निरंतर
  • Download App from
  • google-playstore
  • apple-playstore
  • jm-qr-code
X
टॉप न्यूज़देशराजस्थानसीकर

मेडिकल कॉलेज के प्रोफेसर्स का धरना जारी:IMA,SPHA ने आज समर्थन दिया,प्रेसिडेंट चौधरी बोले-मांगें नहीं मानी तो सरकार के सामने बड़ी परेशानी

मेडिकल कॉलेज के प्रोफेसर्स का धरना जारी:IMA,SPHA ने आज समर्थन दिया,प्रेसिडेंट चौधरी बोले-मांगें नहीं मानी तो सरकार के सामने बड़ी परेशानी

सीकर : डाइंग कैडर घोषित करने के विरोध में सीकर में आज एसके अस्पताल में मेडिकल कॉलेज के प्रोफेसर्स का धरना जारी है। आज इंडियन मेडिकल एसोसिएशन, शेखावाटी प्राइवेट हॉस्पिटल की सीकर यूनिट ने भी आंदोलन को अपना समर्थन दे दिया है।

मेडिकल कॉलेज के प्रोफेसर गुरुशरण कुड़ी ने बताया कि डाइंग कैडर घोषित करने के बाद 1 अगस्त 2024 के बाद जो भी नई भर्ती होगी उन्हें राजस्थान सेवा अधिनियम के तहत बढ़ा हुआ वेतन सहित अन्य सुविधाएं दी जाएगी। इसको लेकर पिछले कई सालों से हम विरोध करते आ रहे हैं। हमारी मांग है कि 2017 से मेडिकल कॉलेज में कार्यरत प्रोफेसर्स के ऊपर भी सर्विस रूल लागू किया जाए। सभी मेडिकल प्रोफेसर्स पर समान रूप से राजस्थान सेवा नियम लागू किया जाए। जब तक सरकार हमारी मांग नहीं मानती है तब तक आंदोलन लगातार जारी रहेगा। कुड़ी ने कहा कि प्रदेश की मेडिकल कॉलेज में वर्तमान में केवल 38% स्टाफ की नियुक्ति की हुई है। लेकिन छात्रों से पढ़ाई के बदले मोटी फीस वसूली जा रही है। इसलिए मेडिकल कॉलेज के छात्र संगठन भी इस आंदोलन में हमारा समर्थन कर रहे हैं।

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के सीकर प्रेसिडेंट डॉ रामदेव चौधरी ने कहा कि जो डॉक्टर अपने काम के साथ मेडिकल कॉलेज में पढ़ाई करवा रहे हैं उनके साथ सरकार विसंगतियां करने जा रही है। जो किसी भी रूप में स्वीकार नहीं होगी। उन्होंने कहा कि सरकार में ब्यूरोक्रेसी के लोगों को यह लगता है कि सारा ज्ञान उन्हें ही है। जब सरकार ने बजट में यह पास कर दिया कि राजमेस तहत काम करने वाले सभी मेडिकल प्रोफेसर को समान वेतन और भत्ते दिए जाएंगे तो इन ब्यूरोक्रेट्स के क्या समस्या हो रही है। यदि सरकार मेडिकल प्रोफेसर्स की जायज मांगों को नहीं मानती है तो सरकार के सामने ही बड़ी परेशानी खड़ी होगी। क्योंकि चिकित्सा समुदाय से जुड़े लोग इस आंदोलन में शामिल हो गए तो आमजन को सबसे ज्यादा समस्या होगी। प्रदेश में मेडिकल व्यवस्था भी कमजोर होगी।

शेखावाटी प्राईवेट हॉस्पिटल एसोसिएशन के संयोजक डॉ. महेन्द्र बुडानिया ने कहा हमारा इनको पूरा समर्थन है,अगर इनकी जायज मांगें नहीं सुनी जाती है तो आगे इनके द्वारा जो भी कार्रवाई की जाएगी, उसमें हम इनका पूरा समर्थन करेंगे।

Related Articles