कलेक्टर के मिशन में भ्रष्टाचार रोड़ा बना…
कलेक्टर के मिशन में भ्रष्टाचार रोड़ा बना...
झुंझुनूं : भीषण गर्मी तापमान 48 डिग्री सेल्सियस को छू रहा है । इस उबलते मौसम में पिलानी विधानसभा का आवाम पीने के पानी को लेकर भटक रहा है । जिले की कलेक्टर महोदया के ताबड़तोड़ दौरे इस बात का संकेत है कि वह इस समस्या को लेकर कितनी संवेदनशील है । पीने के पानी को लेकर हर रोज धरने प्रदर्शन व सड़क जाम की खबरें सुनने को मिलती है । लेकिन स्थानीय नेता चाहे वह भाजपा के हो या कांग्रेस के हो कान में रुई डाले बैठे हैं । भाजपा नेताओं ने तो सरकार बनते ही स्थानीय प्रशासन ऐसे अफसरों के हाथ में थमा दिया जो भ्रष्टाचार को लेकर ट्रेप हुए थे । अब इसका जबाब तो वहीं नेता दे सकते हैं जिनकी डिजायर पर इन अधिकारियों को फील्ड में पोस्टिंग दी । शायद उनका निजी हित का टकराव रहा होगा कि इन अधिकारियों को जिले में तैनात किया गया।
गृह नगर पिलानी की बात करें तो स्थानीय नगरपालिका में प्रशासन उन्हीं अधिकारियों के हाथों में सौंपा गया है जो कभी भ्रष्टाचार में लिप्त पाए गये थे । सूत्रों के अनुसार एक अधिशासी अधिकारी को लेकर पिलानी नगरपालिका पार्षद राजकुमार नायक ने राजस्थान हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर रखी है कि जेल भोगने वाले एक अधिकारी को आखिर फील्ड पोस्टिंग किस आधार पर दी गई । इसी क्रम में जिला मुख्यालय पर भी एक ट्रेप हुई अधिकारी को स्थानीय नेताओं के निजी स्वार्थ को लेकर नगर निगम की बागडोर सौंप दी गई । पीने के पानी के लिए मची हाहाकार को कम करने के लिए जिला कलेक्टर वैकल्पिक व्यवस्था को लेकर उन विधानसभा क्षेत्रों के ताबड़तोड़ दौरे कर रही है । लेकिन स्थानीय प्रशासन उनके इस मिशन मे रोड़ा बना हुआ है । जब कलेक्टर महोदया का दौरा होता है तो अधिशासी अधिकारी इस बात की जरूरत ही नहीं समझता कि वह ड्यूटी पर मिले । जो टंकियां वार्डों में रखवाई गई थी उनको लेकर बहुत से वार्ड वासियों की शिकायत है कि इनमें एक बूंद भी पानी नहीं जबकि स को कलेक्टर महोदया ने सख्त हिदायत दे रखी हे कि स्थानीय प्रशासन की जिम्मेदारी है कि इनकी मानीटरिंग करें व जहां लापरवाही हो वहां के टैंकर के ठेकेदार के विरुद्ध कार्यवाही की जाए ।
अब सवाल उठता है कि वैकल्पिक व्यवस्था केवल टैंकरों से सप्लाई ही नहीं हो सकती । इसके लिए जो ट्यूबवेल रखरखाव के कारण मुंह बाए खड़े हैं उनको दुरस्त करने के साथ ही जिस इलाके में पानी की किल्लत हो वहां नये ट्यूबवेल बनवाए जाए । कुछ ट्यूबवेल में रसूखदारो व राजनीतिक संरक्षण वालों ने वाल्व लगाकर पानी का बहाव अपनी तरफ कर रखा है उस पर लगाम लगाने की जरूरत है ।
लेकिन यह सब वैकल्पिक व्यवस्थाए है इसका स्थायी समाधान केवल और केवल कुंभाराम लिफ्ट परियोजना का पानी पिलानी विधानसभा को मिले । इसको लेकर स्थानीय प्रशासन व नेताओं को सरकार से इस बात की अनुशंसा करनी चाहिए कि कुंभाराम लिफ्ट परियोजना को लेकर युद्ध स्तर पर कार्रवाई की जाए जिससे क्षेत्र के लोगो का अपने पुस्तैनी मकान बेचकर पलायन न करना पड़े ।
~~~राजेंद्र शर्मा झेरलीवाला पिलानी वरिष्ठ पत्रकार व सामाजिक चिंतक