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चंद्र ग्रहण आज : साल का यह आखिरी ग्रहण क्यों है खास और इससे जुड़ी अन्य महत्त्वपूर्ण जानकारियां, जानें यहां


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Janmanasshekhawatiधर्म/ज्योतिष

चंद्र ग्रहण आज : साल का यह आखिरी ग्रहण क्यों है खास और इससे जुड़ी अन्य महत्त्वपूर्ण जानकारियां, जानें यहां

Chandra Grahan 2022: चंद्र ग्रहण (Lunar Eclipse) आज लग रहा है। साल 2022 का यह आखिरी ग्रहण है। इस बार यह ग्रहण (Chandra Grahan 2022) क्यों खास है, इसे लेकर काफी जिज्ञासा लोगों के मन में है। यहां प्रस्तुत है Lunar Eclipse 2022 से जुड़ी महत्त्वपूर्ण जानकारियां।

Lunar Eclipse 2022: ‘ग्रहण’ एक महत्वपूर्ण खगोलीय घटना है। विज्ञान भी इसकी पुष्टि करता है। पौराणिक ग्रंथों में ग्रहण को लेकर कई कथाएं भी हैं। धर्म ग्रंथों में ऐसा उल्लेख मिलता है कि चंद्र ग्रहण (Lunar Eclipse) तब होता है जब राक्षसों के देवता राहु, चंद्र और सूर्य को अपने मुंह में जकड़ लेते हैं। बात कहने का तरीका भले अलग हो, लेकिन इस खगोलीय घटना का वैज्ञानिक सिद्धांत भी लगभग यही कहता है। चंद्र ग्रहण (Chandra Grahan ) को नकारात्मकता भरा और बुरी ऊर्जा का प्रतिनिधित्व करने वाला माना गया हैI क्योंकि राहु को राक्षस माना गया है। 8 नवंबर 2022 के चंद्र ग्रहण का देश-दुनिया और मानव जाति पर क्या होगा असर, क्यों इसे इतना विशेष माना जा रहा है? ग्रहण के दुष्प्रभाव से बचने के लिए ग्रहण काल में क्या सावधानियां बरतनी चाहिए? इन्हीं सब सवालों से जुड़ी जुड़ी महत्त्वपूर्ण जानकारियां प्रस्तुत हैं यहां –
चंद्र ग्रहण कब और कितने बजे तक, सूतक काल
भारत में चंद्र ग्रहण की शुरुआत 8 नवंबर, 2022 को दोपहर 2:40 बजे से होगी। इस दौरान से ये आंशिक/खग्रास होगा। पूर्ण चंद्र ग्रहण दोपहर 3:47 बजे से शुरू होगा। भारत में इसे शाम 5 बजकर 20 मिनट पर देखा जा सकेगा। शाम 6 बजकर 19 मिनट पर यह चंद्र ग्रहण खत्म होगा। 8 नवंबर 2022 को सुबह 5 बजकर 53 मिनट पर सूतक लग जाएगा।भारत में यहां देखा जा सकेगा
आसाम, मेघालय, सिक्किम, अरूणाचल प्रदेश, नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम, त्रिपुरा, बिहार, झारखण्ड़, पश्चिम बंगाल के अलावा भारत के पश्चिमी, उत्तरी-दक्षिण के सभी अन्य क्षेत्रों में खण्डग्रास/खग्रास/आंशिक रूप में दिखाई देगा।
आपके शहर में कब लगेगा चंद्र ग्रहण-सूतक काल

जयपुर
चंद्र ग्रहण – शाम 05.41 – शाम 06.18
सूतक – सुबह 09.26 – शाम 06.18
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लखनऊ
चंद्र ग्रहण – शाम 06.00 – शाम 06.18
सूतक – सुबह 09.36 – शाम 06.18
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भोपाल
चंद्र ग्रहण – शाम 05.40 – शाम 06.18
सूतक – सुबह 09.17 – शाम 06.18
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चेन्नई
चंद्र ग्रहण – शाम 05.42 – शाम 06.18
सूतक – सुबह 08.59 – शाम 06.18
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दिल्ली
चंद्र ग्रहण – शाम 05.32 – शाम 06.18
सूतक – सुबह 09.21 – शाम 06.18
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कोलकाता
चंद्र ग्रहण – शाम 04.56 – शाम 06.18
सूतक – सुबह 08.32 – शाम 06.18
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मुंबई
चंद्र ग्रहण – शाम 06.05 – शाम 06.18
सूतक – सुबह 08.45 – शाम 06.18
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रांची
चंद्र ग्रहण – शाम 05.07 – शाम 06.18
सूतक – सुबह 09.32 – शाम 06.18
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पटना
चंद्र ग्रहण – शाम 05.05 – शाम 06.18
सूतक – सुबह 08.47 – शाम 06.18
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गुवाहाटी
चंद्र ग्रहण – शाम 04.37 – शाम 06.18
सूतक – सुबह 05.36 – शाम 06.18
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अहमदाबाद
चंद्र ग्रहण – शाम 06.00 – शाम 06.18
सूतक – सुबह 09.36 – शाम 06.18
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चंडीगढ़
चंद्र ग्रहण – शाम 05.20 – शाम 06.18
सूतक – सुबह 09.05 – शाम 06.18
इन देशो में भी दिखाई देगा चंद्र ग्रहण
खगोल विज्ञानियों के अनुसार बांग्लादेश, मध्य एवं पूर्वी नेपाल, ग्रीनलैंड, उत्तरी एवं दक्षिणी अमरीका, कनाड़ा, मेक्सिको, अलास्का, अंटार्कटिका, न्यूजीलैंड, ऑस्ट्रेलिया, इण्डोनेशिया, मलेशिया, थाईलैंड, म्यांमार, कोरिया, जापान, चीन, मंगोलिया, रूस, कजाकिस्तान, उज्बेकिस्तान, पाकिस्तान, ओमान, इरान, अफगानिस्तान, फिनलैंड, उत्तरी स्वीडन, आइसलैण्ड आदि देशों में दिखाई देगा।देव दिवाली पर चंद्र ग्रहण का साया
प्रचलित मान्यता के अनुसार दीपावली के 15 दिन बाद देव दिवाली मनाई जाती है। इस बार कार्तिक मास की पूर्णिमा पर चंद्र ग्रहण लग रहा है, ऐसे में इस बार देव दिवाली पूर्णिमा से एक दिन पहले 7 नवम्बर 2022 को मनाई गई। ज्योतिषाचार्य जीएस पंडित के अनुसार चंद्र ग्रहण का सूतक काल 12 घंटे पहले लग जाता है जो ग्रहण ख़त्म होने के साथ ही समाप्त हो जाता है। इसलिए सूतक लगने से पहले देव दिवाली मनाई गई।
15 दिनों के अंदर सूर्य और चंद्र ग्रहण का होना अशुभ
पिछले महीने, 25 अक्टूबर को सूर्य ग्रहण लगा था। अब 8 नवंबर को चंद्र ग्रहण लग रहा है। यह साल 2022 का अंतिम ग्रहण भी है। ज्योतिषाचार्य जीएस पंडित का कहना है कि शास्त्रों के अनुसार एक पखवाड़े यानी 15 दिनों के भीतर 2 बड़े ग्रहण का होना अशुभता का संकेत देता है। ठीक ऐसा ही ग्रहण महाभारत काल में भी पड़ा था।ज्योतिषाचार्य रूपाली श्रीवास्तव के अनुसार 8 नवम्बर, मंगलवार कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को लगने वाला यह खग्रास चन्द्र ग्रहण है। इस दौरान कई राशियों की चाल बदलेगी। कई राशियों को इसका दुष्प्रभाव झेलना पड़ेगा वहीं, कुछ राशियों को चंद्रग्रहण के प्रभाव से भाग्य का भरपूर साथ मिलेगा।
चंद्र ग्रहण 2022 का प्रभाव

ज्योतिषाचार्य रूपाली श्रीवास्तव के अनुसार कार्तिक में आने वाले दोनों ही ग्रहण मंगलवार को होने से यह एक अलग प्रकार का प्रभाव दिखाएगा। जब दो ग्रहण एक साथ एक ही महीने में और वह भी 15 दिन के भीतर ही होते हैं तो तूफान, भूकंप जैसी प्राकृतिक आपदाएं, बड़ी संख्या में जनहानि के योग बनते हैं।पिछले महीने लगे सूर्य ग्रहण के बाद से कई हादसे घटित हुए हैं। जैसे बांग्लादेश में तूफान, साउथ कोरिया में हेलोवीन हादसा, सोमालिया में आतंकी हमला, फिलीपींस में पैंग तूफान, गुजरात के मोरबी में पुल का टूटना आदि। इस बार जिन देशों में चंद्र ग्रहण दिखाई देगा उन देशों में तनाव, युद्ध और महामारी जैसी समस्या बढ़ सकती है।
चंद्र ग्रहण 2022 का इन राशियों पर भाव शुभ प्रभाव

कर्क – सुख-समृद्धि में वृद्दि होगी के योग बनेंगे।
मिथुन – करियर में तरक्की/प्रमोशन का योग। आय के नए स्तोत्र मिलेंगे।
वृश्चिक – अटके काम पूरे होंगे। सुख- सौभाग्य में वृद्धि होगी।
कुंभ – धन लाभ का योग। सुख- सौभाग्य में वृद्धि होगी।चंद्र ग्रहण 2022 का इन राशियों पर दुष्प्रभाव

मेष – आर्थिक स्थिति भारी उतार-चढ़ाव वाली रहेगी। अज्ञात भय रहेगा।
वृष – अचानक संकट का सामना और धन हानि का योग।
सिंह – अपयश की आशंका।
कन्या – धन हानि का योग।
तुला – पारिवारिक समस्या रहेगी।
धनु – समस्याओं का सामना करना पड़ेगा। चिंता बढ़ेगी।
मकर – स्वास्थ्य सम्बन्धी पीड़ा हो सकती है।
मीन- इस राशि के जातकों को धन हानि का योग बन रहा है।
चंद्र ग्रहण का स्वास्थ्य पर प्रभाव

1. आंखों पर प्रभाव : सूर्य ग्रहण के विपरीत चंद्र ग्रहण को नंगी आंखों से देखना पूरी तरह सुरक्षित होता है। सूर्य ग्रहण को नंगी आंखों से देखना हानिकारक माना जाता है, वही चंद्रग्रहण को आप बिना किसी सुरक्षात्मक चश्मा या उपकरण के आंखों से देख सकते हैं।2. फर्टिलिटी पर प्रभाव: ऐसा कहा जाता है कि स्त्रियों के पीरियड की समयावधी और चंद्रमा का चक्र के बीच परस्पर संबंध होता है, ऐसी स्थिति में चंद्रग्रहण मासिक धर्म को सिर्फ सिक्रोनाइज करने में मददगार साबित होता है। जिसके चलते कुछ मान्यताओं के अनुसार कहा जाता है कि चंद्रमा को फर्टिलिटी क्षमता का प्रतीक माना गया है इसलिए चंद्र ग्रहण की अवधि ओवल्यूट करने वाली महिलाओं के लिए गर्भवती होने का अनुकूल समय साबित हो सकता है।3. भोजन का दूषित होना : ज्योतिष के अनुसार किसी भी ग्रहण का भोजन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। ग्रहण के दौरान किसी भी तरह का ठोस/तरल पदार्थ का सेवन नहीं करने की सलाह दी जाती है। कोशिश करें और ग्रहण से पहले इतना ही खाना बनाए जो खत्म हो जाए। पहले से पका हुआ भोजन ग्रहण के बाद उपयोग नहीं करना चाहिए और इसके बाद में तरीके से खाना बनाकर ही का सेवन करना चाहिए।4 . डिप्रेशन और अनिद्रा : चंद्र ग्रहण डिप्रेशन और एग्जॉईटी को और भी बढ़ा सकता है। इस दौरान नींद में कमी होने की समस्या भी अक्सर मनुष्य में देखी गई है।

चंद्र ग्रहण के दौरान इन बातों का रखें ध्यान
ज्योतिषाचार्य रूपाली श्रीवास्तव के अनुसार ग्रहण के दौरान बहुत से लोग सूतक काल की अवधि का पालन करते हैं। सूतक काल ग्रहण से पहले शुरू होने वाली एक अशुभ अवधि को माना जाता है और इस दौरान कोई भी शुभ काम नहीं किया जाता है। बहुत से लोग सूतक काल के दौरान भोजन ग्रहण नहीं करते। ग्रहण समाप्ति पर स्नान के बाद ही उपवास तोड़ते हैं। इसके अलावा भी बहुत से ऐसे काम होते हैं जिन्हें ग्रहण या सूतक काल के दौरान करने से बचना चाहिए। जैसे -1. सूतक काल या फिर ग्रहण के दौरान किसी तरह की यात्रा या व्यावसायिक गतिविधियों को करने से बचें। ऐसा इसलिए क्योंकि ग्रहण को भौतिक गतिविधियों के लिए अशुभ माना गया है ।
2. गर्भवती महिलाओं को ग्रहण और सूतक काल के दौरान विशेष रूप से सावधान रहने की सलाह दी जाती है ।
3. जितना मुमकिन ग्रहण और सूतक काल के दौरान घर में ही रहने की कोशिश करें। ग्रहण काल की रोशनी आप पर या आपके घर के भीतर ना प्रवेश करें I
4. यूं तो सूर्य ग्रहण के विपरीत चंद्र ग्रहण को आंखों के लिए हानिकारक नहीं माना गया है लेकिन प्राचीन समय में ऋषि और मुनियों ने इसका सुझाव दिया था कि ग्रहण के दौरान कभी भी चंद्रमा को ना देखें।
5. ग्रहण से पहले और ग्रहण के बाद स्नान अवश्य करना चाहिए। मान्यता है कि ऐसा करने से ग्रहण का कोई भी नकारात्मक प्रभाव यदि आपके जीवन पर पड़ने वाला होता है तो वह दूर हो जाता है।
6. सूतक काल के दौरान कुछ भी खाने और पीने से परहेज करें।
7. यदि भोजन बच गया है तो ग्रहण समाप्त होने के बाद इसका इस्तेमाल ना करें। ताजा भोजन बनाकर उसका ही सेवन करें।
8. अपने जीवन और अपने परिवार में ग्रहण का नकारात्मक प्रभाव दूर कर के शुभ परिणाम हासिल करना चाहते हैं तो सूतक काल और ग्रहण के दौरान जितना हो सके पूजा -पाठ, सत्संग आदि में ध्यान लगाएं।
9.अध्यात्मिक प्रगति हासिल करने के लिए ग्रहण के समय काल के समय को उपयुक्त माना जाता है।
10. चंद्र ग्रहण के दौरान चंद्रमा के स्वामी भगवान शिव की पूजा करने से नकारात्मक ऊर्जा से बचने में मदद मिलती है। इस दौरान निम्न मंत्र का जाप कर सकते हैं – ओम नमः शिवाय
गर्भवती महिलाओं के लिए विशेष सावधानियां
1. किसी भी ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं को विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है।
2. ग्रहण के दौरान बाहर जाने से बचें।
3. किसी भी परिस्थिति में ग्रहण को देखने से बचें।
4. ग्रहण के दौरान आपको उपवास न करने की सलाह दी जाती है। इसके अलावा ज्यादा बेहतर होगा यदि ग्रहण शुरू होने से एक घंटा पहले संतुलित भोजन करें। ऐसा स्वयं और गर्भस्थ शिशु के लिए अच्छा रहेगा।
5. ढीले और आरामदायक कपड़े पहने और अपने बालों को बहुत ही ढीला बांधे।
6. ग्रहण के दौरान अपने पास दूर्वा घास रखें।
7. जितना मुमकिन हो किसी नुकीली और तेज धार वाली चीज से दूर रहें।
8. ग्रहण के दौरान सिलाई-कढ़ाई-बुनाई जैसा कोई भी काम ना करें।
9. जितना मुमकिन हो शांति से काम लें और किसी प्रकार का मानसिक या फिर शारीरिक तनाव न लें।
10. ग्रहण समाप्त होने के बाद सिर्फ एक बार स्नान करें।

 

चंद्र ग्रहण 2022 उपाय

पुराणों के अनुसार चंद्रमा को शक्ति, ऊर्जा, भावनाओं और सपनों का प्रतिनिधित्व करने वाला माना गया है। ऐसे में जिन व्यक्तियों के जीवन में या जिनकी कुंडली में चंद्रमा से संबंधित समस्या होती है या चंद्रमा अशुभ स्थिति में होता हैं उन्हें विशेष तौर पर चंद्रग्रहण के दौरान सतर्क रहना चाहिए। क्योंकि उनके लिए यह समय ज्यादा मुश्किलों भरा साबित हो सकता है।
1. ग्रहण के दौरान जितना मुमकिन हो पूजा और ध्यान करें। देवी-देवताओं की पूजा करना शुभ साबित होता है ।
2. ग्रहण के दौरान नकारात्मक ऊर्जा से बचने के लिए ओम नमः शिवाय जाप, शिव जाप, हरि ओम मंत्र, मृत्युंजय जाप, दुर्गा मंत्र और गणेश मंत्र का पाठ करने की सलाह दी जाती है ।
3 . यश और ऐश्वर्य प्राप्त करने के लिए चंद्र ग्रहण के दौरान अनुष्ठान करें।
5. चंद्र ग्रहण के दौरान खाने-पीने से बचना चाहिए। इसके पीछे वैज्ञानिक कारण भी है कि चंद्रग्रहण के समय गैस और विषाक्त पदार्थ उत्पन्न होते हैं जो आपके द्वारा खाए गए भोजन को जहर के समान बना सकते हैं। स्वाभाविक है कि नकारात्मक फल प्राप्त होता है। इसलिए चंद्र ग्रहण के दौरान भोजन का सेवन करने से बचना चाहिए।

Disclaimer (अस्वीकरण): यहां दी गई सूचनाएं प्रचलित मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। इन्हें अमल में लाने से पूर्व संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर कर लें। janmanasshekhawati.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है।

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