Israel: ईरान के ड्रोन-मिसाइल से हमले के बीच इस्राइल में बढ़ी दहशत, जानें क्या हैं देश में जमीनी हालात
आईडीएफ होम फ्रंट कमांड ने कहा कि लोगों को अब सुरक्षित कमरों में जाने की जरूरत नहीं है, क्योंकि अब हमला खत्म हो चुका है। उन्होंने आगे बताया कि सभी शैक्षिक गतिविधियों और स्कूलों को बंद कर दिया गया है।
Israel: सीरिया के ईरानी दूतावास में हाल ही में हुए हमले के बाद से ही जवाबी कार्रवाई करते हुए ईरान ने इस्राइल पर ड्रोन और मिसाइल से हमले किए। इस्राइल-हमास संघर्ष खत्म भी नहीं हुआ कि इसी बीच इस्राइल-ईरान संघर्ष शुरू हो गया। ईरान की तरफ से मिसाइल हमले को देखते हुए इस्राइल के लोग घरों से बाहर नहीं निकल पा रहे हैं। एक बार फिर वे अपने घरों में कैद होने को मजबूर हो गए। शनिवार को ईरान ने इस्राइल के आसमान पर दर्जनों ड्रोन दागे। रविवार को भी यह जारी रहा। इस दौरान इस्राइली नागरिक बंकरों में जाकर छिप गए।
लोगों को बंकरों में छिपने की चेतावनी
इस्राइली सुरक्षा बल (आईडीएफ) ने बताया कि ईरान की तरफ से 200 से भी ज्यादा ड्रोन और मिसाइल दागे गए, जिनमें बैलिस्टिक मिसाइल और क्रूज मिसाइल भी शामिल हैं। आईडीएफ के प्रवक्ता डेनियल हगारी ने लोगों को छिपने के लिए बंकरों में रहने की चेतावनी दी है। उन्होंने कहा, “मैं आपको याद दिला दूं कि इससे फर्क नहीं पड़ता कि धमकी कहां से दी जा रही है, लेकिन जब भी अलार्म बजे तो आपको बंकर में छिप जाना है और 10 मिनट से भी कम समय तक इंतजार करना है।”
कुछ देर बाद ही आईडीएफ होम फ्रंट कमांड ने कहा कि लोगों को अब सुरक्षित कमरों में जाने की जरूरत नहीं है, क्योंकि अब हमला खत्म हो चुका है। उन्होंने आगे बताया कि सभी शैक्षिक गतिविधियों और स्कूलों को बंद कर दिया गया है।
स्थानीय लोगों ने बताए इस्राइल के हालात
इस दौरान स्थानीय लोगों ने मीडिया से इस्राइल के मौजूदा हालात पर बात की। 52 वर्षीय माइकल उजान ने कहा, “कल कोई काम नहीं है। मीटिंग रद्द हो गई है। बच्चों के लिए स्कूल बंद है। मेरी एक बेटी है, जिसका कल एक अहम परीक्षा होने वाला था, लेकिन सब रद्द हो गया।”
मीडिया से बात करते हुए 49 वर्षीय एक दुकान के मालिक ने कहा, “जैसा कि आप देख सकते हैं, हर कोई अपने घरों से भाग रहे हैं। बहुत से लोग मेरे पास पानी और भोजन लेने के लिए मेरे दुकान पर आए। आमतौर पर मैं एक बजे तक दुकान बंद कर देता हूं, लेकिन अब हम दुकान खुला रखेंगे।”
52 वर्षीय समर खलील ने कहा, “मैं युद्ध से डरती हूं। यह बहुत गंभीर मामला है। अगर सायरन बजता है तो मुझे नहीं मालूम कि मैं क्या करूंगी। हम लेबनान की सीमा पर रहते हैं। मैं दुकान से 30 पानी की बोतलें लेकर आई, जो कि वहां आखिरी बोतलें थी। वहां दूध खत्म हो गया था।”