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अमेरिका 487 और अवैध भारतीय प्रवासियों को भारत भेजेगा:सरकार को 298 की जानकारी दी गई, विदेश मंत्रालय ने कहा- हमने दुर्व्यवहार का मुद्दा उठाया


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अमेरिका 487 और अवैध भारतीय प्रवासियों को भारत भेजेगा:सरकार को 298 की जानकारी दी गई, विदेश मंत्रालय ने कहा- हमने दुर्व्यवहार का मुद्दा उठाया

अमेरिका 487 और अवैध भारतीय प्रवासियों को भारत भेजेगा:सरकार को 298 की जानकारी दी गई, विदेश मंत्रालय ने कहा- हमने दुर्व्यवहार का मुद्दा उठाया

विदेश मंत्रालय मे शुक्रवार को बताया कि अमेरिका ने 487 अवैध अप्रवासी भारतीयों को भारत भेजने के लिए चिह्नित किया है। इनमें से 298 लोगों के बारे में जानकारी दी गई है।

इससे पहले 4 फरवरी को 104 अवैध अप्रवासी भारतीयों को भारत डिपोर्ट किया गया था। विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने बताया कि आगे इस बात का ख्याल रखा जाएगा कि भारतीयों को भेजते वक्त कोई दुर्व्यवहार नहीं होना चाहिए। ऐसा कोई भी मामला हमारे सामने आएगा तो हम उसे अमेरिका के सामने उठाएंगे।

मिस्री ने बताया कि भारतीयों को 4 फरवरी को भारत भेजते वक्त उनके साथ दुर्व्यवहार के मुद्दे को अमेरिकी अधिकारियों के सामने उठाया है। उन्होंने कहा कि निर्दोष लोगों को गुमराह करके अवैध तरीके से अमेरिका भेजना कैंसर जैसी बीमारी है। ऐसा करने वालों पर केस होना चाहिए।

विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की।
विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की।

विदेश सचिव ने कहा कि डिपोर्टेशन कोई नई बात नहीं है। इस बारे में विदेश मंत्री ने भी 6 फरवरी को संसद में बयान दिया था। दुनिया का कोई भी देश अगर अपने नागरिकों को वापस स्वीकार करना चाहता है तो उसे यह यकीन चाहिए होता है कि जो भी लौट रहा है वह उसका नागरिक है, क्योंकि इससे सुरक्षा के मुद्दे जुड़े हैं।

भारतीयों के हाथ-पैर चेन से बांधकर प्लेन में चढ़ाया अमेरिका से डिपोर्ट किए गए 104 भारतीयों को लेकर US मिलिट्री का C-17 प्लेन 5 फरवरी को पंजाब के अमृतसर एयरपोर्ट पर उतरा।

इन लोगों के पैर में बेड़ियां बांधी गई थीं, जबकि हाथ भी चेन से जकड़े हुए थे। अमेरिकी बॉर्डर पेट्रोल चीफ माइकल बैंक्स ने अपने X हैंडल पर इसका वीडियो शेयर किया है। इस वीडियो में भारतीयों के हाथों और पैरों में बेड़ियां साफ देखी जा सकती हैं।

माइकल बैंक्स ने X पर लिखा,

अमेरिकी बॉर्डर पेट्रोल USBP ने अवैध एलियंस को सफलतापूर्वक भारत वापस भेजा। यह अब तक की सबसे लंबी डिपोर्टेशन फ्लाइट थी, जिसके लिए मिलिट्री एयरक्राफ्ट का इस्तेमाल किया गया। यह मिशन अवैध प्रवासियों के निष्कासित करने की हमारी प्रतिबद्धता को दिखाता है। आप अवैध रूप से सीमा पार करते हैं, तो आपको वापस भेजा जाएगा।

दावा- अमेरिका में 7.25 लाख अवैध अप्रवासी भारतीय

प्यू रिसर्च के मुताबिक, अमेरिका में 7 लाख 25 हजार से ज्यादा अवैध अप्रवासी भारतीय रहते हैं। इमिग्रेशन एंड कस्टम एनफोर्समेंट (ICE) ने नवंबर 2024 में बताया था कि अब तक बिना वैध दस्तावेज वाले 20,407 भारतीयों को चिह्नित किया है। इनमें से 2,467 भारतीय इमिग्रेशन एंड कस्टम एनफोर्समेंट (ICE) के डिटेंशन सेंटर्स में कैद थे। इन्हीं में से 104 को हाल में भारत डिपोर्ट किया गया।

इसके अलावा 17,940 भारतीय ऐसे हैं, जिन्हें गिरफ्तार नहीं किया गया है, लेकिन उनके पैरों में डिजिटल ट्रैकर (एंकल मॉनीटर) लगाए गए हैं। ICE इनकी लोकेशन चौबीसों घंटे ट्रैक करती है।

अमेरिकी अधिकारी ट्रैकर से चौबीसों घंटे लोगों के लोकेशन की निगरानी करते हैं।
अमेरिकी अधिकारी ट्रैकर से चौबीसों घंटे लोगों के लोकेशन की निगरानी करते हैं।

अमेरिकी डिटेंशन सेंटर्स में क्षमता से ज्यादा लोग

अमेरिकी डिटेंशन सेंटर को लेकर सामने आई एक रिपोर्ट में बड़े खुलासे हुए हैं। ICE ने कहा कि कि उनके डिटेंशन सेंटर्स में क्षमता के मुकाबले 109% लोग ज्यादा है।

होमलैंड सुरक्षा विभाग के डेटा के मुताबिक डिटेंशन सेंटर्स की कुल क्षमता 38,521 बिस्तरों की है। वहीं, फिलहाल इस सेंटर्स में 42 हजार अवैध अप्रवासी हैं। इनमें से आधों को मेक्सिको सीमा पर गिरफ्तार किया गया था।

तस्वीर अमेरिकी डिटेंशन सेंटर में बंद अवैध अप्रवासियों की है। (फाइल फोटो)
तस्वीर अमेरिकी डिटेंशन सेंटर में बंद अवैध अप्रवासियों की है। (फाइल फोटो)

अपराधिक अप्रवासियों को दुनिया की सबसे खतरनाक जेल भेज रहे ट्रम्प

अमेरिकी सरकार ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के वादे के मुताबिक अवैध अप्रवासी अपराधियों को पूर्वी क्यूबा के ग्वांतानामो बे में बनी जेल में भेजना शुरू कर दिया है। अमेरिकी सेना का एक विमान 10 अपराधियों को लेकर 4 जनवरी को यहां पहुंचा।

अमेरिकी होमलैंड सिक्योरिटी विभाग के प्रवक्ता ट्रिकिया मैकलॉफिन के मुताबिक ये सभी अपराधी हैं। इन पर जघन्य अपराधों में शामिल रहने के आरोप हैं।

ग्वांतानामो बे अमेरिकी नौसेना का का एक बेस है। राष्ट्रपति ट्रम्प ने यहां 30 हजार अप्रवासियों को रखने के लिए आदेश दिए हैं। इस जेल को दुनिया की सबसे खतरनाक जेल माना जाता है। यहां से अमानवीय यातनाओं की खबरें सामने आती रही हैं।

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