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दलित युवक को थाने में 22 घंटे तक टॉर्चर किया:DST के दो पुलिसकर्मियों ने पीटा, कहा-ऐसा फंसाएंगे कि जमानत भी नहीं होगी; सस्पेंड


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दलित युवक को थाने में 22 घंटे तक टॉर्चर किया:DST के दो पुलिसकर्मियों ने पीटा, कहा-ऐसा फंसाएंगे कि जमानत भी नहीं होगी; सस्पेंड

दलित युवक को थाने में 22 घंटे तक टॉर्चर किया:DST के दो पुलिसकर्मियों ने पीटा, कहा-ऐसा फंसाएंगे कि जमानत भी नहीं होगी; सस्पेंड

बहरोड़ (कोटपूतली-बहरोड़) : पुलिसकर्मियों ने कमर के नीचे पट्‌टे बरसाए और हाथों पर जूते पहनकर खड़े हो गए। थाने में पीटा। 22 घंटे तक टॉर्चर किया। यह आरोप है 25 साल के दलित युवक अंकित मावर का है। घटना कोटपूतली-बहरोड़ जिले के बहरोड़ थाने की है। एसपी ने दोनों सिपाहियों को सस्पेंड कर दिया।

पीड़ित अंकित मावर के हाथ, पैर, जांघों, कमर के नीचे के हिस्से में चोट के गहरे निशान हैं।
पीड़ित अंकित मावर के हाथ, पैर, जांघों, कमर के नीचे के हिस्से में चोट के गहरे निशान हैं।

पीड़ित युवक परिजनों के साथ शनिवार सुबह कोटपूतली-बहरोड़ एसपी ऑफिस पहुंचा। बहरोड़ थाने में मारपीट की शिकायत उसने एसपी को दी। इसके बाद पीड़ित दोपहर करीब 1 बजे नीमराना एएसपी शालिनी राज से भी मिला और अपनी पीड़ा बताई। युवक ने आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की।

शिकायत में बताई 22 घंटे के टॉर्चर की कहानी
अंकित मावर ने शिकायत में बताया- मैं बहरोड़ में मोहल्ला जैतपुर वार्ड नंबर 4 में रहता हूं। गुरुवार 4 अप्रैल की रात 8 बजे बिजली पावर हाउस के पास गया था। यहां बहरोड़ थाने से डीएसटी के साथ सिपाही संजय धनकड़ और कपिल शर्मा आए। वे मुझे बहरोड़ थाने ले गए। वहां मुझे जमीन पर गिराकर बुरी तरह मारपीट शुरू कर दी।

युवक ने एसपी और एएसपी को लिखित में शिकायत दी है।
युवक ने एसपी और एएसपी को लिखित में शिकायत दी है।

उस समय डीएसपी कृष्णा कुमार भी मौजूद थे। डीएसपी के सामने ही पुलिसकर्मियों ने पीटा। मेरे हाथ-पैरों को जूतों से कुचला। जातिसूचक शब्दों से प्रताड़ित किया। गालियां दीं। मारपीट के दौरान वे कह रहे थे कि अवैध कट्टा लेकर आओ। कहा- ऐसे केस में फंसाएंगे कि जमानत भी नहीं होगी। उन लोगों ने मुझे दूसरे दिन 5 अप्रैल की शाम 6 बजे तक थाने में बैठाकर रखा।

शुक्रवार को एसडीएम से जमानत होने के बाद मुझे छोड़ा। घर पहुंचने के बाद मैं अपने परिजनों के साथ शुक्रवार शाम 7 बजे बहरोड़ पुलिस थाने शिकायत लेकर पहुंचा, लेकिन मेरी रिपोर्ट दर्ज नहीं की गई। शुक्रवार रात 8 बजे मैं जिला अस्पताल (बहरोड़) पहुंचा। जहां मेडिकल करवाया।

खाली कागज पर साइन करवाए
युवक का कहना है कि उसे शांति भंग की धाराओं में गिरफ्तार किया गया और खाली कागज पर साइन कराए गए। संजय और कपिल मुझे झूठे मामले में फंसाना चाहते हैं। ये पूर्व विधायक बलजीत यादव के आदमी हैं। इन्होंने मुझसे पहले भी कहा था कि या तो बलजीत को वोट देना नहीं तो हम तुझे झूठे मुकदमे में फंसा देंगे।

बहरोड़ थाने में पोस्टेड डीएसटी के सिपाही संजय (चेक शर्ट में) और कपिल।
बहरोड़ थाने में पोस्टेड डीएसटी के सिपाही संजय (चेक शर्ट में) और कपिल।

सिपाही बोला- एक मामले की जांच के लिए बुलाया था
सिपाही संजय ने बताया- डीएसपी कृष्ण कुमार के कहने पर अंकित को थाने लेकर गए थे। पिटाई के आरोप झूठे हैं। उसकी पिटाई किसने की, इसकी जानकारी नहीं है। बहरोड़ थाने में 24 फरवरी को एससी-एसटी एक्ट में एक मामला दर्ज हुआ। इसकी जांच डीएसपी बहरोड़ के पास है। जैतपुरा मोहल्ले के रहने वाले कालूराम मेघवाल ने मामला दर्ज कराया था।

रिपोर्ट में कालूराम ने बताया था कि उसका बेटा रविन्द्र बाइक से जा रहा था। इस दौरान तसींग रोड (बहरोड़) पर संतोषी माता मंदिर के पास बाइक सवारों ने उस पर लाठी, डंडों और सरियों से हमला किया था। इसमें रविन्द्र को गंभीर चोटें आई थीं।

रिपोर्ट में अंकित मावर और एक अन्य अनुराग मेहरा पर अपराधियों को रविंद्र की सूचना देने का आरोप लगाया था। मामले का खुलासा पूर्व डीएसपी तेज कुमार पाठक ने कर दिया था लेकिन पुलिस जांच पूरी नहीं हुई थी। रिपोर्ट में नामजद होने के कारण अंकित मावर को जांच के लिए बुलाया था।

अंकित का आरोप है कि पुलिस ने 22 घंटे तक टॉर्चर किया।
अंकित का आरोप है कि पुलिस ने 22 घंटे तक टॉर्चर किया।

डीएसपी बोले- मैंने किसी को नहीं बुलाया
डीएसपी कृष्ण कुमार ने कहा- मामला मेरे संज्ञान में आया है। मैंने किसी को भी थाने नहीं बुलाया था। कौन लेकर आया-क्यों लेकर आया, इसकी एसएचओ से जानकारी ले रहा हूं। सिपाही संजय धनखड़ और कपिल लंबे समय से डीएसटी में पदस्थापित थे।

 

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