जयपुर : अंग प्रत्यारोपण (ऑर्गन ट्रांसप्लांट) में लेनदेन और फर्जी सर्टिफिकेट के मामले में राजस्थान के 3 सबसे बड़े हॉस्पिटल्स के डॉक्टरों से पूछताछ की जाएगी। एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) की टीम ने जयपुर के सवाई मानसिंह हॉस्पिटल (SMS), फोर्टिस और ईएचसीसी के डॉक्टर्स और मैनेजमेंट के लोगों की लिस्ट बनाई है।
ये वो लोग हैं जो ऑर्गन ट्रांसप्लांट के लिए बनी कमेटी से डायरेक्ट या इनडायरेक्ट संबंध रखते हैं। वहीं, एसएमएस के सहायक कर्मचारी और आरोपी गौरव सिंह के पास मिले इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों से भी बड़े खुलासे हो सकते हैं। इसलिए इनकी जांच एफएसएल को सौंपी गई है। इसी बीच राज्य सरकार ने ऑर्गन ट्रांसप्लांट केस में एसएमएस कॉलेज के प्रिंसिपल को भी नोटिस जारी किया है।
क्या है मामला
दरअसल, एसीबी ने एसएमएस हॉस्पिटल में 31 मार्च सहायक प्रशासनिक अधिकारी गौरव सिंह और ईएचसीसी हॉस्पिटल के ऑर्गन ट्रांसप्लांट को-ऑर्डिनेटर अनिल जोशी को लेनदेन करते रंगे हाथ पकड़ा था। टीम ने मौके से 70 हजार रुपए और 3 फर्जी एनओसी लेटर भी जब्त किए थे।
कार्रवाई के बाद एसीबी ने आरोपियों के घर और अन्य ठिकानों पर भी सर्च किया थे। इनकी गिरफ्तारी से खुलासा हुआ था कि फोर्टिस हॉस्पिटल का को-ऑडिनेटर विनोद सिंह भी कुछ समय पहले पैसा देकर फर्जी सर्टिफिकेट लेकर गया था। एसीबी ने उसे भी गिरफ्तार कर लिया था।
एसीबी को शक अस्पताल प्रशासन मिला हुआ
एसीबी के डीआईजी डॉक्टर रवि ने बताया कि एसएमएस अस्पताल के डॉक्टर और प्रशासनिक अधिकारियों की मिली भगत के बिना गौरव यह काम नहीं कर सकता था। इसलिए एसीबी की टीम ने वह रूम सीज कर दिया है, जिसमें यह डिपार्टमेंट चलता था।
एसएमएस के डॉक्टर और कमेटी के सदस्यों के सिग्नेचर और सील ली गई हैं। इनकी जांच करने के बाद उन्हें भी एफएसएल को भेजा जाएगा। वहीं, दोनों प्राइवेट अस्पताल (फोर्टिस-ईएचसीसी) के डॉक्टरों और मैनेजमेंट भी शक के दायरे में हैं। क्योंकी कॉ-ऑर्डिनेटर 35 हजार रुपए अपनी जेब से नहीं देता था। यह पैसा अस्पताल की ओर से मिलता था। ऐसे में अस्पताल प्रशासन को जानकारी थी की एसएमएस से आ रहे सर्टिफिकेट फर्जी हैं। जानकारी होने के बाद भी पैसा बनाने के लिए इन लोगों ने यह काम जारी रखा।
मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल को नोटिस
वहीं, राज्य सरकार ने मामले में सवाई मानसिंह मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉक्टर राजीव बगरहट्टा को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। चिकित्सा शिक्षा विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव शुभ्रा सिंह ने बताया कि समिति को मानव अंग प्रत्यारोण के लिए एनओसी जारी करने के लिए समय-समय पर आवश्यक बैठक आयोजित करनी थीं। यह जानकारी में आया है कि पिछले एक साल से नियमानुसार बैठक आयोजित नहीं की गई। बैठक आयोजित नहीं करने के संबंध में समिति के अध्यक्ष डॉक्टर बगरहट्टा से 3 दिन में जवाब मांगा है।
गुरुग्राम में ऑर्गन ट्रांसप्लांट के मामले में जयपुर में भी केस दर्ज किया गया
वहीं, दूसरी तरफ हरियाणा के गुरुग्राम में किडनी रैकेट का मामला सामने आने पर जयपुर कमिश्नरेट पुलिस ने भी केस दर्ज किया है। यह केस हरियाणा पुलिस की गिरफ्त में आए तीन आरोपियों से पूछताछ के बाद दर्ज किया गया है। मामले में जयपुर के फोर्टिस हॉस्पिटल के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज की गई है।
डीजीपी यूआर साहू ने बताया कि अंग खरीदने के मामले को बड़ी गम्भीरता से लिया गया है। गुरुग्राम में भी हरियाणा सीएम की फ्लाइंग टीम के ऑपरेशन में एक डोनर और दो रिसीवर होटल से गिरफ्तार हुए हैं। उन्होंने खुलासा किया है कि यह अवैध ऑपरेशन जयपुर से फोर्टिस हॉस्पिटल में हुआ था।
इस पर एसीपी मालवीय नगर आदित्य पूनिया को गुरुग्राम भेजा गया। उनकी जांच के आधार पर हॉस्पिटल के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई है।