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झुंझुनूं (उदयपुरवाटी) : शहीद रोहिताश्व की अंतिम विदाई:दीपावली के त्योहार को भूलकर तिरंगा यात्रा में उमड़ा गांव


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झुंझुनूं (उदयपुरवाटी) : शहीद रोहिताश्व की अंतिम विदाई:दीपावली के त्योहार को भूलकर तिरंगा यात्रा में उमड़ा गांव

शहीद रोहिताश्व की अंतिम विदाई:दीपावली के त्योहार को भूलकर तिरंगा यात्रा में उमड़ा गांव

झुंझुनूं (उदयपुरवाटी) : दीपावली के त्योहार की खुशियां एक तरफ छोड़ पूरा गांव अनपे लाल की शहादत पर गर्व के आंसू बहा रहा है। शहीद की पांच साल की बेटी रीतिज्ञा को मालूम ही नहीं की पिता अब इस दुनिया में नहीं रहे। अरुणाचल प्रदेश में हेलिकॉप्टर क्रैश के हादसे में शहीद हुए झुंझुनूं के जवान रोहिताश्व का पार्थिव देह उनके पैतृक गांव पोसाना में खैरवा की ढाणी पहुंच चुकी है। पार्थिव देह घर पहुंचते ही वीरांगना सुनीता बेसुध हो गई। जिसे परिवार वालों ने पकड़कर शहीद के अंतिम दर्शन करवाए।

शहीद की पांच साल की बेटी रीतिज्ञा को मालूम ही नहीं की पिता अब इस दुनिया में नहीं रहे।
शहीद की पांच साल की बेटी रीतिज्ञा को मालूम ही नहीं की पिता अब इस दुनिया में नहीं रहे।
शहीद की पार्थिव देह जैसे ही घर पहुंची वीरांगना सुनीता बेसुध हो गई। परिवार वालों ने पकड़कर शहीद के अंतिम दर्शन करवाए।
शहीद की पार्थिव देह जैसे ही घर पहुंची वीरांगना सुनीता बेसुध हो गई। परिवार वालों ने पकड़कर शहीद के अंतिम दर्शन करवाए।

पार्थिव देह रविवार रात 9.30 पार्थिव गुढ़ागौडजी पुलिस थाने पहुंची थी। जहां से सुबह 9 बजे तिरंगा यात्रा के साथ पैतृक गांव के लिए रवाना किया गया। सुबह 10.30 बजे तिरंगा यात्रा पैतृक गांव पहुंची। परिवार और गांव के लोगों ने अंतिम दर्शन किए। 12.15 बजे शहीद की पार्थिव देह का अंतिम संस्कार किया जाएगा।

तिरंगा यात्रा के लिए जयपुर से जाट रेजीमेंट की टुकड़ी गार्ड ऑफ ऑनर देने के लिए पोसाना पहुंच गई है। वहीं तिरंगा यात्रा के लिए पार्थिव देह लेकर जाने वाले ट्रक को फूलों से सजाया गया है।

शहीद की पार्थिव देह पैतृक गांव पोसाना में खैरवा की ढाणी पहुंच चुकी है।
शहीद की पार्थिव देह पैतृक गांव पोसाना में खैरवा की ढाणी पहुंच चुकी है।

दीपावली पर जब पूरा देश रोशनी से जगमगा रहा है, वहां उदयपुरवाटी शहादत में जगमगा रहा है। अरुणाचल में हेलीकॉप्टर हादसे में शहीद हुए रोहिताश्व खैरवा की दीपावली के दिन पूरे राजकीय सम्मान के साथ तिरंगा यात्रा निकालकर अंत्येष्टि होगी।

शहीद के घर पार्थिव देह का इंतजार करती महिलाएं।
शहीद के घर पार्थिव देह का इंतजार करती महिलाएं।

तिरंगा यात्रा में सैनिक कल्याण मंत्री राजेंद्र सिंह गुड्डा पूर्व विधायक शुभकरण चौधरी सरपंच प्रतिनिधि अमित देवा प्रवीण मैथ्यू आरएलपी जिलाध्यक्ष दिनेश कुमार डोडिया सरपंच प्रतिनिधि प्रहलाद बांगड़दा उपखंड अधिकारी रामसिंह राजावत डीएसपी सतपाल सिंह गुड्डा थाना प्रभारी बंशीधर सहित कई लोग शामिल हैं

बता दें कि रोहिताश्व 21 अक्टूबर को अरुणाचल में हेलिकॉप्टर हादसे में शहीद हो गए थे। करीब 55 साल पहले 1967 में रोहिताश्व के दादा बालाराम खैरवा भी शहीद हुए थे। एक ही परिवार के दो जवान देश के लिए बलिदान हुए हैं।

परिवार में दूसरे शहीद
रोहिताश्व खैरवा अपने परिवार में दूसरे शहीद हुए हैं। रोहिताश्व के ताऊ दयानंद खैरवा ने बताया कि परिवार के लिए यह दर्द इसलिए भी बड़ा है क्योंकि रोहिताश्व के दादा ग्रेनेडियर बालाराम ने 11 सितंबर 1967 में देश के लिए शहादत दी थी। बालाराम रोहिताश्व के दादा पिरथाराम के सगे भाई थे। वे 27 नवंबर 1962 को भर्ती हुए थे। दयानंद खैरवा ने बताया कि बचपन से ही रोहिताश्व अपने दादा की शहादत की कहानियां सुनता था। उसे सेना में जाने का क्रेज था।

रोहिताश्व अपने गांव के छठे शहीद

गांव में रोहिताश्व छटे शहीद हुए हैं। पोसाना में श्मशान के पास अमर शहीद स्मारक बना हुआ है। जहां शहादत देने वाले शहीद सेडूराम मेचू, शहीद जोधाराम महला, शहीद बोहितराम ढेवा, शहीद बालाराम खैरवा व शहीद धर्मपाल सिंह ढेवा की प्रतिमाएं लगी हैं। जहां दादा का अंतिम संस्कार किया गया था, अब उसी जगह पोते का अंतिम संस्कार किया जाएगा।

बता दें कि अरुणाचल प्रदेश में शुक्रवार को टूटिंग हेडक्वार्टर से 25 किलोमीटर दूर सिंगिंग गांव के पास सेना का हेलिकॉप्टर क्रैश हो गया था। हादसे में रोहिताश्व समेत 5 जवान शहीद हो गए थे। जहां हादसा हुआ वह एरिया सड़क मार्ग से कनेक्टेड नहीं था। इसलिए मौके तक पहुंचने में सेना को वक्त लगा। रुद्र सेना का अटैक हेलिकॉप्टर है। इसे हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड ( HAL) ने भारतीय सेना के लिए बनाया है। यह हल्के ध्रुव हेलिकॉप्टर का वेपन सिस्टम इंटीग्रेटेड (WSI) Mk-IV संस्करण है।

शहीद रोहिताश्व खैरवा की तिरंगा यात्रा में शामिल लोग। पूरे रास्ते वंदेमातरम और शहीद रोहिताश्व अमर रहें के नारे लगते रहे।
शहीद रोहिताश्व खैरवा की तिरंगा यात्रा में शामिल लोग। पूरे रास्ते वंदेमातरम और शहीद रोहिताश्व अमर रहें के नारे लगते रहे।
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