सिंघानिया विश्वविद्यालय के नवाचार की नई उड़ान – पांच संस्थाओं से हुए समझौता ज्ञापन
सिंघानिया विश्वविद्यालय के नवाचार की नई उड़ान - पांच संस्थाओं से हुए समझौता ज्ञापन
पचेरी कलां : सिंघानिया विश्वविद्यालय ने शिक्षा, अनुसंधान और उद्योग जगत के बीच समन्वय को और मजबूत बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए पांच प्रतिष्ठित संस्थाओं के साथ समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए हैं। इन समझौतों का उद्देश्य विद्यार्थियों को उद्योग आधारित शिक्षा, कौशल विकास, नवाचार और उद्यमिता के क्षेत्र में नए अवसर उपलब्ध कराना है।
विश्वविद्यालय की ओर से हाल ही में निम्न संस्थाओं के साथ सहयोग किया गया है –
ए.सी.आई.सी.–बी.एम.यू. फाउंडेशन (ACIC–BMU Foundation)
इस साझेदारी का उद्देश्य विश्वविद्यालय में स्टार्टअप और नवाचार संस्कृति को प्रोत्साहित करना है। इसके तहत विद्यार्थियों को इनक्यूबेशन सपोर्ट, मेंटरशिप, उद्योग संपर्क और परियोजना फंडिंग जैसी सुविधाएँ उपलब्ध कराई जाएंगी।
स्किल्स ऑक्सीजन एलएलपी (Skills Oxygen LLP – SkillO)
इस सहयोग के अंतर्गत विद्यार्थियों के लिए कौशल विकास और प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किए जाएंगे। इसका उद्देश्य युवाओं को रोज़गारोन्मुख तकनीकी कौशल प्रदान करना और शिक्षकों के लिए क्षमता-विकास कार्यक्रम आयोजित करना है।
विश्व लघु एवं मध्यम उद्यम संघ (World Association for Small and Medium Enterprises – WASME)
इस अंतरराष्ट्रीय संगठन के साथ समझौते का उद्देश्य विद्यार्थियों को उद्यमिता, नवाचार और वैश्विक व्यापारिक दृष्टिकोण से जोड़ना है। इससे विद्यार्थी एमएसएमई सेक्टर में नए अवसरों से जुड़ सकेंगे।
भारतीय निजी विश्वविद्यालय परिसंघ (Confederation of Indian Private Universities – CIPU)
इस साझेदारी से विश्वविद्यालय को नीति निर्माण, अकादमिक नेतृत्व, अनुसंधान और ज्ञान-विनिमय के क्षेत्र में नई दिशा मिलेगी। फैकल्टी और विद्यार्थियों को राष्ट्रीय स्तर पर नेटवर्किंग और रिसर्च के अवसर प्राप्त होंगे।
डिडैक इंडिया (DIDAC India)
इस सहयोग के अंतर्गत संयुक्त रूप से वर्कशॉप, प्रशिक्षण कार्यक्रम और नॉलेज एक्सचेंज सेशन आयोजित किए जाएंगे, जिससे शिक्षकों की पेशेवर दक्षता में वृद्धि होगी और विद्यार्थियों को भविष्य-उन्मुख शिक्षा वातावरण मिलेगा।
इन सभी समझौतों के माध्यम से सिंघानिया विश्वविद्यालय ने स्पष्ट किया है कि वह केवल डिग्री प्रदान करने वाला संस्थान नहीं, बल्कि नवाचार, कौशल विकास और उद्योग–शिक्षा सहयोग का केंद्र है। विश्वविद्यालय प्रशासन का कहना है कि इन साझेदारियों से विद्यार्थी वैश्विक प्रतिस्पर्धा के अनुरूप तैयार होंगे और आगामी समय में वर्कशॉप, प्रतियोगिताएँ, प्रशिक्षण कार्यक्रम और स्टार्टअप ड्राइव्स आयोजित कर सीधे लाभान्वित होंगे।
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