खाटूश्यामजी-रींगस रेल लाइन परियोजना का विरोध:ग्रामीण बोले- बिना सहमति के नई रेल लाइन बनाई जा रही, आंदोलन की चेतावनी दी
खाटूश्यामजी-रींगस रेल लाइन परियोजना का विरोध:ग्रामीण बोले- बिना सहमति के नई रेल लाइन बनाई जा रही, आंदोलन की चेतावनी दी

जनमानस शेखावाटी सवंददाता : नैना शेखावत
खाटूश्यामजी : रींगस से खाटूश्यामजी तक प्रस्तावित 17.49 किलोमीटर लंबी नई रेल लाइन परियोजना को लेकर स्थानीय लोगों और किसानों में रोष है। इसके विरोध में आज लोगों ने गांव-गांव जाकर प्रदर्शन किया और इस परियोजना को रद्द करने की मांग की।
लोगों का कहना है कि इस परियोजना के तहत खाटूश्यामजी कस्बे की मुख्य आबादी क्षेत्र से होकर रेल लाइन और स्टेशन बनाया जाना प्रस्तावित है। जो मंदिर के प्रवेश द्वार लखदातार ग्राउंड से मात्र 200 मीटर और मुख्य मेला मैदान से 100 मीटर की दूरी पर है। स्थानीय लोगों का कहना है कि यह परियोजना बिना उनकी सहमति और स्थानीय परिस्थितियों को ध्यान में रखे बनाई गई है, जिससे भीड़भाड़ और भगदड़ जैसी खतरनाक स्थितियां पैदा हो सकती हैं। सोमवार को केरपुरा, आभावास, कोटडी धायलान, और तपीपलया सहित कई गांवों में किसानों ने एकजुट होकर विरोध-प्रदर्शन किया और परियोजना को निरस्त करने की मांग की। किसानों का सुझाव है कि रेलवे स्टेशन को खाटूश्यामजी से 10 किलोमीटर दूर चुरू-जयपुर रेल लाइन पर स्थित सुंदरपुरा में विकसित किया जाए, जहां पर्याप्त जमीन उपलब्ध है और किसानों को नुकसान नहीं होगा। इसके अलावा, मेट्रो निर्माण जैसे विकल्पों पर भी विचार करने की मांग उठ रही है।

इस परियोजना से प्रभावित लोगों ने रेल मंत्रालय से इस परियोजना की निष्पक्ष जांच के लिए उच्च प्रशासनिक और लोकायुक्त समिति गठित करने की अपील की है। उनका कहना है कि यह परियोजना अव्यवहारिक और अविवेकपूर्ण है, जो श्रद्धालुओं की सुरक्षा और स्थानीय किसानों की आजीविका को खतरे में डाल सकती है। ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया गया, तो वे बड़ा आंदोलन करने के लिए भी तैयार हैं।
परियोजना के लिए 254.06 करोड़ का बजट स्वीकृत रेल मंत्रालय ने इस परियोजना के लिए 254.06 करोड़ रुपए का बजट स्वीकृत किया है और भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। हालांकि, स्थानीय विरोध के चलते परियोजना की प्रगति पर इसका असर पड़ रहा है। ग्रामीण निर्माण को रोक रहे हैं।