देवों के देव महादेव की आराधना का महापर्व है महाशिवरात्रि, जानें पूजन विधि और उपाय ज्योतिषाचार्य अभिमन्यु पाराशर से

महाशिवरात्रि : श्री जलाराम बापा ज्योतिष संस्थान के अध्यक्ष ज्योतिषाचार्य अभिमन्यु पाराशर ने बताया कि महाशिवरात्रि प्रत्येक वर्ष फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन भक्त शिवलिंग पर जलाभिषेक करते हैं और विधि-विधान से भोलेनाथ की पूजा-आराधना, मंत्रोचार और अनुष्ठान आदि किया जाता है. ऐसे कहा जाता है कि जो भी शिव भक्त सच्ची श्रद्धा से पूजा करता है, उसकी सभी मनोकामनाएं भोले भंडारी पूरी करते है।
पूजा का शुभ मुहूर्त क्या है ?
महाशिवरात्रि फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी तिथि को मनाई जाती है. हिंदू कैलेंडर के अनुसार, इस साल महाशिवरात्रि की फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी तिथि 26 फरवरी को दिन में 11:08 बजे से शुरू होकर 27 फरवरी को सुबह में 08:54 बजे खत्म होंगी।
महाशिवरात्रि के शुभ अवसर पर निशा काल में भगवान शिव की पूजा की जाती है।
महाशिवरात्रि के पर्व काल में चार प्रहर की साधना का विशेष महत्व है।
चार प्रहर की पूजा का समय
- प्रथम प्रहर पूजा का समय: सायं 06:22 बजे से रात्रि 09:31 बजे तक
- द्वितीय प्रहर पूजा का समय: रात्रि 09:32 बजे से मध्यरात्रि 12:40 बजे तक
- तृतीय प्रहर पूजा का समय: मध्यरात्रि 12:41 बजे से 27 फरवरी , प्रातः03:50 बजे तक
- चतुर्थ प्रहर पूजा का समय: 27 फरवरी , प्रातः03:50 बजे से प्रातः 06:57 बजे तक
करें यह उपाय :
- जो व्यक्ति काफी समय से वाहन खरीदने के लिए प्रयास कर रहे हैं, लेकिन कामयाबी नहीं मिल रही है। तो महाशिवरात्रि के दिन दही से भगवान शिव का अभिषेक करें।
- आर्थिक समस्याओं के कारण जो लोग परेशान और चिंतित रहते हैं उनके लिए महाशिवरात्रि पर शिव जी की पूजा का खास विधान है। ऐसे लोगों को शहद और घी से भगवान शिव का अभिषेक करना चाहिए। प्रसाद के तौर पर भोलेनाथ को गन्ना अर्पित करें।
- जो व्यक्ति अक्सर बीमार रहते हैं या जिनके स्वास्थ्य में उतार-चढ़ाव बना रहता है उन्हे महाशिवरात्रि के मौके का लाभ उठाना चाहिए।
- शास्त्रों में कहा गया है कि भोलेनाथ कालों के भी काल हैं जिनके सामने यम भी हाथ जोड़े खड़े रहते हैं। इसलिए महाशिवरात्रि के दिन बेहतर स्वास्थ्य की इच्छा रखने वालों को जल में दुर्वा मिलाकर शिव जी को अर्पित करना चाहिए। जितना अधिक संभव हो महामृत्युंजय मंत्र का जप करें।
- विवाह के लिए सर्वोत्तम मंत्र है ” ॐ पार्वतीपतये नमः”। इस मंत्र के जाप से भगवान भोलेनाथ के साथ ही माता पार्वती का आशीर्वाद भी मिलता है और विवाह में आ रही समस्याएं दूर हो जाती हैं।
- जो दंपत्ति योग्य संतान की अभिलाषा रखते हैं उन्हें महाशिवरात्रि के दिन दूध से शिवलिंग का अभिषेक करना चाहिए।
- शिव के साथ ही मां पार्वती और गणेश एवं कार्तिक की पूजा भी संतान सुख के योग मजबूत बनाता है।