जयपुर में हुआ पोस्टमार्टम:एक परिवार ने किया था शव पर दावा,दावा करने वाले परिवार को शव सौंपा,चिता पर जिंदा हुए युवक की 12 घंटे तक चली थी सांसें
जयपुर में हुआ पोस्टमार्टम:एक परिवार ने किया था शव पर दावा,दावा करने वाले परिवार को शव सौंपा,चिता पर जिंदा हुए युवक की 12 घंटे तक चली थी सांसें
झुंझुनूं : झुंझुनूं के राजकीय भगवान दास खेतान अस्पताल (बीडीके) में गुरुवार को जिस युवक को मृत घोषित कर पोस्टमार्टम रिपोर्ट तक तैयार कर दी गई थी, उसकी इलाज के दौरान शुक्रवार सुबह हकीकत में मौत हो गई थी। युवक का शनिवार को जयपुर के एसएमएस अस्पताल में पोस्टमार्टम कर दिया गया। इसके बाद शव पर अपना दावा पेश करने वाले जोधपुरिया परिवार को शव सौंप दिया गया। जोधपुरिया परिवार जयपुर से शव लेकर पहुंचे झुंझुनूं हैं। दो दिन पहले डॉक्टरों के मृत घोषित करने पर उसे दाह संस्कार के लिए श्मशान घाट ले जाया गया था, जहां चिता पर लिटाते ही उसकी सांसें चलने लगी थी, उसके बाद करीब 12 घंटे तक उसका इलाज चला।
बगड़ के मां सेवा संस्थान में रहने वाले युवक रोहिताश (25) को तबीयत बिगड़ने पर गुरुवार दोपहर झुंझुनूं के बीडीके अस्पताल लाया गया था। जहां दोपहर 1.50 पर एक चिकित्सक ने उसे मृत घोषित कर दिया। दूसरे चिकित्सक ने कागजों में उसका पोस्टमार्टम कर संस्थान को सुपुर्द कर दिया। संस्थान के लोग जब उसे श्मशान घाट ले गए तो उसके शरीर में हलचल हुई और उसे शाम 6.24 बजे वापस बीडीके अस्पताल लाया गया। जहां पर देर रात 2 बजे तक उसका इलाज चलता रहा। इसके बाद उसे जयपुर के लिए रेफर कर दिया गया। उसे जयपुर के एसएमएस अस्पताल की इमरजेंसी ले जाया गया, जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया था।
जोधपुरिया परिवार ने किया था अपना बेटा होने का दावा विमंदित रोहिताश को लेकर पुलिस लाइन झुंझुनूं के पास रहने वाले एक परिवार ने खुद का बेटा होने का दावा किया है। जोधपुरिया परिवार के सदस्यों ने दावा किया कि रोहिताश की शक्ल उनके बेटे बलबीर से मिलती जुलती है। बलबीर करीब एक साल से लापता था। पुलिस की टीम दावा करने वाले मांगीलाल को लेकर जयपुर गई थी। जयपुर में मृतक के शव को परिजनों को दिखाया गया था। मांगीलाल ने एक फोटो भी दिखाई। परिजनों के बताए अनुसार शव की पहचान की गई। इसके बाद शव मांगीलाल को सौंप दिया गया। मृतक बोल नहीं पाता था। इसलिए उसका रोहिताश नाम बगड़ की मां सेवा संस्थान ने रखा था। कोतवाली थाने के एएसआई राजेन्द्र मीणा ने बताया कि कोतवाली थाने में जनवरी 2024 में एक गुमशुदगी दर्ज हुई थी। इसके बाद परिजन और पुलिस ने तलाश किया, लेकिन नहीं मिला। इसके बाद खबरें प्रकाशित हुई, उसमें फोटो लगी तो परिजन कोतवाली थाने पहुंचे। कोतवाली में फोटो दिखाए। इसके बाद बगड़ थानाधिकारी हेमराज मीणा और एएसआई राजेन्द्र मीणा परिजनों को साथ लेकर जयपुर पहुंचे। जयपुर में शव दिखाया गया। उनके साथ फोटो थी, उनका मिलान किया गया। इसके बाद शव जोधपुरिया परिवार के मांगीलाल को सौंप दिया गया। मांगीलाल ने अपना बेटा होने का दावा किया था।
पीएमओ सहित तीन डाक्टरों पर गिरी थी गाज
मामला सुर्खियों में आने के बाद देर रात पीएमओ डॉ. संदीप पचार सहित युवक को मृत घोषित करने वाले डॉ. योगेश जाखड़ व पोस्टमार्टम करने वाले डॉ. नवनीत मील को निलंबित कर दिया गया। अब सामने आ रहा है कि डॉ. नवनीत मील ने उसका पोस्टमार्टम किया ही नहीं, बिना चीर फाड़ के ही पोस्टमार्टम रिपोर्ट बना दी। डॉ. मील ने बिना पोस्टमार्टम के ही अपनी ओपिनियन तक लिख भी दी। इसमें मौत का कारण फेफड़े फेल होना, टीबी, सीओपीडी व अन्य कारण बता दिए।