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जयपुर में मेडिकल कॉलेज की छात्रा ने किया सुसाइड:अपार्टमेंट की 7वीं मंजिल से लगाई छलांग, आरोप- हॉस्टल की वार्डन कर रही थी टॉर्चर


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जयपुर में मेडिकल कॉलेज की छात्रा ने किया सुसाइड:अपार्टमेंट की 7वीं मंजिल से लगाई छलांग, आरोप- हॉस्टल की वार्डन कर रही थी टॉर्चर

जयपुर में मेडिकल कॉलेज की छात्रा ने किया सुसाइड:अपार्टमेंट की 7वीं मंजिल से लगाई छलांग, आरोप- हॉस्टल की वार्डन कर रही थी टॉर्चर

जयपुर : जयपुर में अपार्टमेंट की 7वीं मंजिल से छलांग लगाकर मेडिकल कॉलेज की छात्रा ने सुसाइड कर लिया। छात्रा के मामा का आरोप है कि हॉस्टल वार्डन के टॉर्चर से परेशान होकर भांजी ने सुसाइड किया है। सेज पुलिस ने सुसाइड के लिए उकसाने का मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। पुलिस ने 20 सितंबर को छात्रा के परिजनों के बयान दर्ज किए। हॉस्टल के CCTV फुटेजों को भी निकलवाया।

ASI प्रवीण कुमार ने बताया- कोटा के ओम अर्बन हाइट्स, सुभाष नगर निवासी दिव्यांशी नागर (19) ने सुसाइड किया है। वह सांगानेर के साईपुरा में स्थित डॉ. एमपीके (DR. MPK) होम्योपैथी मेडिकल कॉलेज एंड रिसर्च सेंटर में फर्स्ट ईयर की स्टूडेंट थी। दिसम्बर 2023 से कॉलेज कैंपस में बने गर्ल्स हॉस्टल में रहकर पढ़ाई कर रही थी।

29 अगस्त की शाम करीब 7 बजे अपने मामा-मामी के साथ उनके महिंद्रा सेज स्थित घर आई थी। उसके मामा 7 फ्लोर स्थित फ्लैट में रहते हैं। वो महज 10 मिनट बाद ही अपार्टमेंट से वो बाहर आई और फ्लैट की लॉबी से नीचे छलांग लगा दी। ग्राउंड फ्लोर पर गिरते ही धमाके की आवाज से लोग अपने फ्लैट से बाहर आ गए।

अपार्टमेंट में रहने वाले लोगों ने गंभीर हालत में दिव्यांशी को नजदीक स्थित मलोट हॉस्पिटल पहुंचाया। प्राथमिक उपचार के बाद दिव्यांशी को सीके बिरला हॉस्पिटल रेफर कर दिया गया। देर रात करीब 12 बजे इलाज के दौरान दिव्यांशी की मौत हो गई। मेडिकल सूचना पर सेज थाना पुलिस हॉस्पिटल पहुंची। पुलिस ने पोस्टमार्टम के लिए शव को CHC बस्सी की मॉर्च्युरी भिजवाया। दिव्यांशी के मामा जयंत कलवार (41) की शिकायत पर 2 सितंबर को हॉस्टल वार्डन व कॉलेज प्रशासन के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज किया गया है।

महिंद्रा सेज स्थित अपने मामा के अपार्टमेंट से कूदकर किया सुसाइड।
महिंद्रा सेज स्थित अपने मामा के अपार्टमेंट से कूदकर किया सुसाइड।

सदमें में चली गई दिव्यांशी दिव्यांशी (मृतक) के मामा जयंत कलवार ने बताया- 29 अगस्त की शाम करीब 4:30 बजे दिव्यांशी की मां सुनीलती का कोटा से कॉल आया था। उन्होंने बताया कि हॉस्टल वार्डन ने उन्हें कॉल कर कहा- दिव्यांशी को हॉस्टल से निकाल रहे हैं। आप उसे जयपुर आकर हॉस्टल से तुरंत ले जाएं। बहन सुनीलती के कहने पर शाम करीब 5:15 बजे पत्नी को साथ लेकर दिव्यांशी के हॉस्टल पहुंचा।

हॉस्टल वार्डन सीमा मीणा से मिलने पर उन्होंने दिव्यांशी के खिलाफ शिकायतें करनी शुरू कर दीं। कॉलेज की लड़कियों के सामने दिव्यांशी को बुलाकर बदतमीजी से बात करने लगीं। दिव्यांशी को धमकाते हुए कहा कि मैं इस लड़की को हॉस्टल में नहीं रखूंगी। यह यहां पर चोरी करती है और हमारी बात भी नहीं मानती। दिव्यांशी डरी-सहमी, घबराई हुई थी। उसने कहा भी कि उसने कोई चोरी नहीं की है। सार्वजनिक रूप से प्रताड़ित करने के चलते दिव्यांशी को सदमा लगा।

मामा से कहा- मुझे टारगेट कर रहे हैं मामा जयंत ने बताया कि पूछने पर दिव्यांशी बोली- मामा मुझे नहीं पता यह लोग मुझे क्यों तंग कर रहे हैं? मुझे चोर-चोर कहकर पूरे कॉलेज में शर्मिंदा किया जाता है। इससे मैं मानसिक रूप से बेहद परेशान हूं। पिछले कई दिनों से कॉलेज जाने का मन भी नहीं करता है। वार्डन तो उसे यहां तक धमकी दे रही है कि तुझे तो कॉलेज की डिग्री भी नहीं लेने दूंगी। पूर्व में भी इन लोगों ने ऐसे ही रिंगस (सीकर) की रहने वाली लड़की के साथ किया था। उसे प्रताड़ित कर हॉस्टल से निकलवा दिया था। अब ये लोग मुझे टारगेट कर रहे हैं।

दिव्यांशी सांगानेर के साईपुरा में स्थित डॉ. एमपीके होम्योपैथी मेडिकल कॉलेज एंड रिसर्च सेंटर की स्टूडेंट थी।
दिव्यांशी सांगानेर के साईपुरा में स्थित डॉ. एमपीके होम्योपैथी मेडिकल कॉलेज एंड रिसर्च सेंटर की स्टूडेंट थी।

दिव्यांशी पर लगाए थे गलत आरोप मामा जयंत ने बताया- हॉस्टल वार्डन के साथ ही वहां मौजूद स्टूडेंट्स से दिव्यांशी पर लगे आरोपों को लेकर प्रमाण मांगा। सभी ने किसी प्रकार का प्रमाण नहीं होने की बात कही। दिव्यांशी की सहेलियों ने बताया- 28 अगस्त की पूरी रात दिव्यांशी रोती रही है। उसी रात दिव्यांशी की पूरी तरह से तलाशी भी ली गई थी। वार्डन से पूछने पर कहा- मैं इसे यहां हॉस्टल में तो नहीं रखूंगी। अभी तो इसका सामान ले जाकर नीचे कमरे में डाल दो। जब तक कॉलेज का रजिस्ट्रार मुझे लिखित में नहीं देगा, तब तक मैं इसे अपने हॉस्टल में नहीं रखूंगी। आप इसे अपने साथ ले जाएं।

टॉर्चर से परेशान होकर किया सुसाइड भांजी दिव्यांशी को गहरे अवसाद में जाने की आशंका को देखकर फौरन हॉस्टल से घर ले जाने का निर्णय लिया। शाम करीब 6:15 बजे दिव्यांशी को लेकर हॉस्टल से घर जाने के लिए निकले। रास्ते में बार-बार पूछने पर दिव्यांशी बस इतना ही बोल पाई कि मुझे क्यों टारगेट किया जा रहा है। मैंने न तो कोई चोरी की है, न ही कुछ गलत किया है। शाम करीब 7 बजे घर आ गए थे। फ्लैट पर आने के बाद दिव्यांशी को शांति से बैठाया। सब्जी खरीदने के लिए वह फ्लैट से निकले और दिव्यांशी की मामी चाय बनाने चली गई। पीछे से मौका मिलते ही दिव्यांशी ने फ्लैट से बाहर आकर लॉबी से छलांग लगा दी।

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