जयपुर : नगर निगम हेरिटेज मेयर मुनेश गुर्जर को एक बार 3 दिन का नोटिस दिया गया है। बुधवार को दिनभर चली कशमकश के बाद देर रात स्वायत्त शासन मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने मुनेश गुर्जर को तीन दिन का नोटिस देने का आदेश जारी किया। ऐसे में अब मेयर मुनेश के भविष्य पर 21 सितंबर के दिन फैसला होगा।
स्वायत्त शासन मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने कहा कि अधिकारियों की गड़बड़ी और लापरवाही की वजह से मेयर को फिर नोटिस देना पड़ रहा है। ऐसे में अब तीन दिन के नोटिस के बाद ही मुनेश गुर्जर प्रकरण पर कोई फैसला किया जाएगा। उन्होंने कहा कि जो भी न्यायसंगत कार्रवाई होगी, वह जरूर होगी।
मंत्री बोले- कार्यवाहक मेयर को लेकर पार्षदों से करेंगे चर्चा
मंत्री ने कहा कि मुनेश गुर्जर पर जो भी फैसला होगा। इसके बाद ही कार्यवाहक मेयर को लेकर पार्षदों से चर्चा की जाएगी। जो भी पार्षद राजनीति की समझ रखता होगा, जिसमें शैक्षणिक योग्यता होगी, उसे पैमाना मानकर ही कार्यवाहक मेयर चुना जाएगा।
मंत्री ने कहा कि वर्तमान मेयर के खिलाफ हमारे पास कांग्रेसी पार्षद भी आए हैं। उन्होंने भी इस बात को स्वीकार किया है कि हमारी मेयर ने जमकर भ्रष्टाचार किया है। ऐसे में कार्यवाहक मेयर बनाने में किसी तरह की दिक्कत नहीं आएगी।
कल होनी है एसीबी कोर्ट की सुनवाई
दरअसल, मुनेश गुर्जर के खिलाफ अभियोजन की मंजूरी देने को रिकाॅर्ड पर लेते हुए दो सप्ताह बाद सुनवाई होनी है। एसीबी कोर्ट फर्स्ट ने यह निर्देश सुधांशु सिंह ढिल्लन की याचिका पर दिया था। इसके बाद डीएलबी ने एक्शन लेते हुए 11 सितंबर बुधवार को नोटिस जारी किया था।
इस नोटिस में डीएलबी ने मुनेश पर लगे भ्रष्टाचार के आरोप पर जवाब मांगते हुए तीन दिन का समय दिया था। लेकिन, इस नोटिस पर मेयर ने जवाब नहीं देते हुए कोर्ट में सरकार की कार्यवाही के खिलाफ मंगलवार शाम को याचिका दायर कर दी है। ऐसे में अब सरकार को गुरुवार सुबह 10 बजे से पहले मेयर मुनेश गुर्जर के खिलाफ फैसला कर कोर्ट में जवाब देना होगा।
इसके बाद 12 सितंबर गुरुवार को एसीबी ने भी नोटिस जारी किया। इसमें लिखा- इसमें लिखा- भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के अंतर्गत अपराध प्रमाणित पाया गया है। इसके बाद स्वायत्त शासन विभाग द्वारा आपके खिलाफ अभियोजन स्वीकृति मिली है। हाई कोर्ट ने भी आपके खिलाफ दो सप्ताह (19 सितंबर तक) में चालान पेश करने के आदेश जारी कर रखे हैं। ऐसे में आपको 19 सितंबर सुबह 10 बजे न्यायालय में पहुंचने के लिए पाबंद किया जाता है।
ये है आरोप
मेयर मुनेश गुर्जर के पति सुशील गुर्जर की पट्टे बनाने की एवज में 41 लाख रुपए की रिश्वत मामले में गिरफ्तारी हुई थी। उन पर आरोप था कि पट्टे जारी करवाने के लिए दो दलालों के जरिए रिश्वत मांगी गई थी। सुशील के साथ दलाल नारायण सिंह और अनिल दुबे को भी गिरफ्तार किया था। उस वक्त एसीबी ने मेयर के घर से तलाशी ली तो पट्टे की फाइलें मिली थीं। साथ ही 41 लाख रुपए नकद मिले थे। वहीं नारायण सिंह के घर से भी 8.95 लाख रुपए मिले थे। तब से ही एसीबी की ओर से इस पूरे मामले की जांच की जा रही है। बता दें कि नोटिस मिलने के बाद अब 21 सितंबर के दिन मेयर मुनेश गुर्जर के भविष्य को लेकर कोई फैसला हो सकेगा।