जयपुर : राजस्थान सिविल सर्विसेज अपील ट्रिब्यूनल (रेट) ने संविदा पर काम कर रही महिला डॉक्टर को मैटरनिटी लीव (मातृत्व अवकाश) देने के लिए कहा है। न्यायिक सदस्य अनंत भंडारी और सदस्य शुचि शर्मा ने डॉ. अक्षिता की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिए।
रेट ने याचिकाकर्ता की 180 दिन की मैटरनिटी लीव को स्वीकृत कर फिर ऑफिस जॉइन करवाने के निर्देश दिए हैं। दरअसल, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने याचिकाकर्ता की मैटरनिटी लीव को स्वीकृत नहीं किया था। वहीं, उसे फिर से ऑफिस जॉइन नहीं करवाया था।
रेट ने चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख शासन सचिव, निदेशक और सीएमएचओ सीकर को लीव स्वीकृत कर कार्यग्रहण करवाने की अनुमति देने के आदेश दिए हैं।
फरवरी 2024 में दिया था बच्चे को जन्म
याचिकाकर्ता के अधिवक्ता संदीप कलवानिया ने बताया- चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने पिछले साल अतिआवश्यक अस्थायी तौर पर (यूटीबी) चिकित्सा अधिकारी के पद पर भर्ती निकाली थी। डॉ. अक्षिता ने भी इसमें आवेदन किया। उनका चयन हो गया और 17 अगस्त 2023 को पीएचसी सकराय ब्लॉक पिपराली (सीकर) में कार्यग्रहण किया था।
अक्षिता ने 18 फरवरी 2024 को एक बच्चे को जन्म दिया। उसने मातृत्व अवकाश देने के लिए बीसीएमओ पिपराली और सीएमएचओ सीकर को प्रार्थना पत्र दिया। लेकिन, दोनों ही जिम्मेदार अधिकारियों ने उस पर कोई कार्रवाई नहीं की। न ही कोई जवाब दिया।
संविदा, अस्थायी तौर पर कार्यरत महिला कार्मिक भी मातृत्व अवकाश की हकदार
सुनवाई ने दौरान रेट ने कहा- राज्य सरकार और उच्च न्यायालय के निर्णयों में संविदा, अस्थायी तौर पर कार्यरत महिला कार्मिकों को भी मातृत्व अवकाश का हकदार माना है। लेकिन, याचिकाकर्ता के मामले में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने उसे न तो मातृत्व अवकाश स्वीकृत किया, न ही फिर से कार्यग्रहण करवाया। जबकि याचिकाकर्ता नियमानुसार मातृत्व अवकाश का लाभ लेने की हकदार है। लिहाजा उसको 180 दिन का मातृत्व अवकाश स्वीकृत कर कार्यग्रहण करवाया जाए।