सीकर : सीकर की सेंट्रल जेल में रक्षाबंधन पर्व पर राखी बांध रही ये वो बहने हैं जिनके भाई जेल में बंद हैं। भाइयों की कलाई सुनी न रहे इसलिए वे राखी बांधने के लिए सुबह से राखियां और मिठाई लेकर भाइयों के पास जेल में पहुंच रही हैं। बहने भाइयों की कलाई पर राखी बांधकर उनसे रक्षा के वचन ले रहीं हैं।
सीकर की सेंट्रल जेल में आज सुबह से ही महिलाओं की भीड़ देखी जा रही है। जहां बहनें जेल मे पहुंचकर सभी बंदियों और जेल अधिकारियों, कर्मचारियों के राखी बांधकर उनकी लंबी आयु की कामना कर रही हैं। भाई-बहन के इस अटूट प्रेम के त्योहार पर सभी बंदियों के चेहरों पर खुशी दिखाई दी। भाइयों ने भी अपनी बहनों के सिर पर हाथ रखकर उन्हें रक्षा करने के वचन दिए।
दुगोली से राखी बांधने आई बहन ने कहा कि भाई-बहन के अटूट प्यार और विश्वास के इस पावन पर्व रक्षाबंधन पर वह जेल में बंद अपने भाई को राखी बांधने के लिए आई है। बहन ने कहा कि अगर कोई भी बहन अपने भाई को राखी नहीं बांध सकती तो भी बहन के लिए भाई का प्यार हमेशा बना रहना चाहिए और सम्मान हो। इसके साथ ही भाइयों का भी फर्ज है कि बहन अपनी हो या किसी और की वह हमेशा उसकी इज्जत करे और उसकी हमेशा रक्षा करे।
जेल अधीक्षक रामकिशन मीणा ने बताया कि रक्षाबंधन के पावन पर्व पर भाइयों की कलाई पर राखी बांधने के लिए बहनों को आमंत्रित किया गया है। ताकि जेल में बंद भाई भी इस पावन पर्व को सेलिब्रेट कर सके और समाज में भी एक अच्छा संदेश जाए। पूरी सुरक्षा के मध्य नजर कड़ी चेकिंग के बाद ही एंट्री दी जा रही है।
डिप्टी जेलर निसार अहमद ने बताया कि नियमों के अनुसार, बहने अपने भाइयों को जेल में सुबह 8 बजे से लेकर शाम 4 बजे तक राखी बांध सकती है। इस दौरान जेल के भीतर सिर्फ राखी ही ले जाने की अनुमति दी गई है। त्यौहार को देखते हुए जेल प्रशासन ने तैयारियां पहले से कर ली थी। सुरक्षा को लेकर व्यवस्थाएं भी की गई है। बंदियों के लिए जेल में सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन भी किया गया।