निजी अस्पतालों ने मरीजों को सरकारी अस्पतालों में रेफर किया:प्रदेश के अस्पतालों में इमरजेंसी व ICU सेवाएं भी बाधित, 7 हजार ऑपरेशन टले
निजी अस्पतालों ने मरीजों को सरकारी अस्पतालों में रेफर किया:प्रदेश के अस्पतालों में इमरजेंसी व ICU सेवाएं भी बाधित, 7 हजार ऑपरेशन टले

जयपुर : कोलकाता में ट्रेनी डॉक्टर से दुष्कर्म और हत्या के मामले में शनिवार को राजस्थान के सभी जिलों में सरकारी और निजी अस्पताल के रेजिडेंट ने हड़ताल की। दूसरी ओर, आईएमए और जेएमए सहित प्राइवेट हॉस्पिटल एंड नर्सिंग होम्स सोसायटी ने भी कार्य बहिष्कार किया। कार्य बहिष्कार के कारण सरकारी अस्पतालों में करीब डेढ़ हजार रूटीन ऑपरेशन और निजी अस्पतालों में पांच हजार से अधिक ऑपरेशन नहीं हुए। यहां तक भी निजी अस्पतालों में इमरजेंसी केस भी नहीं देखे गए।
गंभीर मरीजों को सरकारी अस्पतालों के लिए रेफर किया गया। ऐसे में सरकारी अस्पतालों में लोड बढ़ गया और इमरजेंसी में मारामारी की स्थिति रही। एसएमएस में जहां रोजाना आठ हजार तक की ओपीडी रहती है, वह शनिवार को ढाई हजार में सिमट गई। शाम को एसएमएस मेडिकल कॉलेज से अमर जवान ज्योति तक रैली निकाली गई जिसमें हजारों रेजिडेंट, डॉक्टर्स व अन्य संगठनों ने भाग लिया और विरोध जताया।
जोधपुर : 24 घंटे से आईसीयू और इमरजेंसी भी बंद
रेजिडेंट डॉक्टरों ने 24 घंटे के लिए इमरजेंसी और आईसीयू में काम करना भी छोड़ दिया है। रेजिडेंट आउटडोर वार्ड में ड्यूटी का कार्य बहिष्कार पहले से कर चुके हैं। एमडीएम हॉस्पिटल, एम्स, महात्मा गांधी हॉस्पिटल व उम्मेद हॉस्पिटल में 200 ऑपरेशन को टाले गए।
काेटा : सिर्फ 10 फीसदी ही जांचें की जा सकीं
25 हजार से अधिक की ओपीडी प्रभावित रही। सरकारी अस्पतालाें में करीब 85 और प्राइवेट में करीब 165 ऑपरेशन नही हो पाए। माैसमी बीमारियाें से पीड़ित करीब 15 हजार से अधिक राेगियाें काे ओपीडी सुविधा नहीं मिलने से दिक्कतें हुई।
अजमेर : सेना और रेलवे के डॉक्टर बुलाए गए
जेएलएन मेडिकल काॅलेज व निजी अस्पतालाें के चिकित्सकाें ने शनिवार काे कार्य का बहिष्कार किया। सीनियर चिकित्सकाें ने दाे घंटे कार्य का बहिष्कार किया। इस कारण ओपीडी में सुबह आठ बजे से दस बजे तक मरीजाें की कतारें लगी रही। इस दौरान करीब 200 सर्जरी टाली गई। सेना और रेलवे से मदद मांगी गई।
हर स्थिति से निपटने की तैयारी
“प्रदेश में हर स्थिति की मॉनिटरिंग की जा रही है। मरीजों के लिए वैकल्पिक व्यवस्थाएं की गई हैं। अधिकारियों को हर स्थिति से निपटने के लिए आवश्यक दिशा निर्देश दिए गए हैं। सरकार की कोशिश है कि कोई भी मरीज बिना इलाज ना लौटे। सभी को इलाज मिला सुनिश्चित हो।” – गजेन्द्र सिंह खींवसर, चिकित्सा मंत्री