दुनिया भर में चूरू को पहचान देती हैं यहां की कलाकृतियां : हरलाल सहारण
विधायक हरलाल सहारण, जिला कलक्टर पुष्पा सत्यानी एवं जिला प्रमुख वंदना आर्य ने किया तिरंगा मेला का शुभारंभ, हस्तशिल्प प्रदर्शनी का किया शुभारंभ, कवि सम्मेलन में साहित्यकारों ने बिखेरा साहित्य रस

चूरू : हर घर तिरंगा अभियान के अंतर्गत सोमवार को जिला उद्योग, वाणिज्य केंद्र तथा महिला अधिकारिता विभाग की ओर से उद्योग केंद्र में तिरंगा मेला का आयोजन किया गया। इस दौरान आयोजित हस्तशिल्प प्रदर्शनी में चूरू जिले के हस्तशिल्पियों, उद्यमियों एवं राजीविका महिलाओं द्वारा तैयार उत्पाद प्रदर्शित किए गए।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि विधायक हरलाल सहारण ने कहा कि चूरू के दस्तकारों ने अपनी कला से पूरे विश्व में छाप छोड़ी हैं। यहां के कलाकारों की उकेरी चंदन की कलाकृतियां दुनिया भर में कला-रसिकों का मन मोहती हैं। यहां के राजीविका समूहों ने जुड़ी महिलाओं ने भी एक से बढ़कर एक गतिविधियों से महिला सशक्तिकरण का संदेश प्रवाहित किया हैं।
विधायक ने कहा कि हर घर तिरंगा अभियान के अंतर्गत जिलेभर में अनेक गतिविधियों का आयोजन किया जा रहा है। हमें अधिक से अधिक संख्या में इन कार्यक्रमों से जुड़ कर अपने देश प्रेम का परिचय देना चाहिए।
विशिष्ट अतिथि जिला कलेक्टर पुष्पा सत्यानी ने कहा कि यहां के कलाकारों की कलाकृतियां दांतों तले अंगुली दबाने को मजबूर कर देती हैं। एक बेहतर समाज हमेशा कला, साहित्य एवं संस्कृति को प्रोत्साहन देता है। उन्होंने महिलाओं द्वारा बनाए उत्पादों की सराहना करते हुए कहा कि महिलाएं चूल्हे-चौके से आगे बढ़कर सशक्तिकरण की नई दास्तान लिख रही है, यह देखना बहुत अच्छा लगता है।
अध्यक्षता करते हुए जिला प्रमुख वंदना आर्य ने कहा कि देशभक्ति और आजादी के लिए उत्साह चूरू के जर्रे-जर्रे में हैं। यही वजह है कि हर घर तिरंगा अभियान में एक से बढ़कर एक बेहतरीन कार्यक्रम यहां आयोजित किए जा रहे हैं। उद्योग महाप्रबंधक नानूराम गहनोलिया ने जिले में उद्यम एवं हस्तशिल्प संभावनाओं पर चर्चा की। इससे पहले अतिथियों ने महात्मा गांधी के चित्र पर दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।
इस दौरान एडीपीआर कुमार अजय, कृषि विस्तार संयुक्त निदेशक जगदेव सिंह, पीएचईडी एसई रमेश राठी, पीएचईडी प्रोजेक्ट एसई राममूर्ति, डॉ. निरंजन चिरानिया, डीईओ प्रारंभिक संतोष महर्षि, कृष्ण अग्रवाल, विकास कुमार व्यास, रोहित चैहान, महेश कुमार, ज्ञानप्रकाश गोदारा, संरक्षण अधिकारी जयप्रकाश, संदीप कस्वां, हंसराज आदि मौजूद थे। संचालन गजानंद खेड़ीवाल ने किया।