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सलूंबर विधायक अमृतलाल मीणा का उदयपुर में निधन:तीसरी बार भाजपा के टिकट से MLA थे, आदिवासी नेता के तौर पर पहचान थी


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सलूंबर विधायक अमृतलाल मीणा का उदयपुर में निधन:तीसरी बार भाजपा के टिकट से MLA थे, आदिवासी नेता के तौर पर पहचान थी

सलूंबर विधायक अमृतलाल मीणा का उदयपुर में निधन:तीसरी बार भाजपा के टिकट से MLA थे, आदिवासी नेता के तौर पर पहचान थी

सलूंबर : सलूंबर से भाजपा ​विधायक अमृतलाल मीणा (65) का देर रात उदयपुर में निधन हो गया। मीणा को तबीयत बिगड़ने पर एमबी हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था। मीणा के निधन की सूचना मिलते ही उदयपुर और सलूंबर के भाजपा नेता और कार्यकर्ता हॉस्पिटल पहुंचे हैं। मौत का कारण हार्ट अटैक बताया जा रहा है, लेकिन पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही स्थिति साफ होगी। वे लगातार तीन बार से सलूंबर के विधायक थे। मीणा की आदिवासी नेता के तौर पर भी पहचान थी।

अमृतलाल मीणा आदिवासी समाज में काफी लोकप्रिय थे।
अमृतलाल मीणा आदिवासी समाज में काफी लोकप्रिय थे।

20 साल राजनीति में सक्रिय रहे

सलंबूर जिले के लालपुरिया गांव में साल 1959 में जन्मे अमृतलाल मीणा करीब 20 साल राजनीति में सक्रिय रहे। ​​​​​​मीणा ने साल 2004 में पंचायत समिति सराड़ा के सदस्य के तौर पर राजनीति की शुरुआत की थी। उसके बाद साल 2007-10 तक जिला परिषद उदयपुर के सदस्य और 2010 में पंचायत समिति सराड़ा में ​प्रतिपक्ष नेता बने। वे पहली विधायक विधायक साल 2013 में चुने गए। उन्होंने कांग्रेस की बसंती देवी मीणा को हराया था।

उसके बाद 2018 और 2023 में कांग्रेस दिग्गज नेता रघुवीर सिंह मीणा को हराकर विधानसभा पहुंचे। अमृतलाल राजस्थान विधानसभा में प्राक्कलन समिति, प्रश्न एवं संदर्भ समिति, विशेषाधिकार समिति और अनुसूचित जनजाति कल्याण समिति के सदस्य रहे।

अपनी पत्नी शांता देवी के साथ अमृतलाल मीणा। (फाइल मीणा)
अपनी पत्नी शांता देवी के साथ अमृतलाल मीणा। (फाइल मीणा)

पत्नी के कारण जाना पड़ा था जेल

साल 2021 में अमृतलाल मीणा को 10 दिन से ज्यादा समय जेल में रहना पड़ा था। दरअसल, 2015 में अमृतलाल मीणा की पत्नी शांता देवी सेमारी से सरपंच का चुनाव जीती थीं। शांता देवी की प्रतिद्वंदी उम्मीदवार सुगना देवी ने उनके खिलाफ फर्जी मार्कशीट को लेकर शिकायत दर्ज कराई।

सीबीसीआईडी की जांच में मार्कशीट फर्जी पाई गई। अमृतलाल मीणा ने बतौर अभिभावक पत्नी की पांचवीं की मार्कशीट पर साइन किए थे। इसलिए उन्हें आरोपी बनाया गया था। सुगना देवी की शिकायत के बाद मामला स्थानीय कोर्ट और फिर मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुंचा। सुप्रीम कोर्ट ने विधायक अमृतलाल मीणा को मामले में 3 सप्ताह में स्थानीय कोर्ट में सरेंडर करने के आदेश दिए। न्यायालय ने मीणा की जमानत याचिका खारिज करते हुए उन्हें जेल भेज दिया था।

अब 6 सीटों पर होंगे उपचुनाव

अमृतलाल मीणा के निधन के बाद बीजेपी विधायकों की संख्या 114 रह गई है। विधानसभा में अब कुल 6 सीटें खाली हो गई हैं जिन पर उपचुनाव होंगे। हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में 5 विधायक सांसद का चुनाव जीते थे। जिनमें 3 कांग्रेस, 1 RLP और 1 BAP से हैं।

राजस्थान विधानसभा में 200 विधायक एक साथ नहीं रहने का संयोग भी लंबे समय से चल रहा है। किसी न किसी वजह से ऐसा हुआ है जब यह संख्या पूरी नहीं रही। कभी विधायकों के निधन, कभी इस्तीफे या कभी जेल जाने के कारण 200 विधायक एक साथ नहीं रहे।

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