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पहले विधानसभा में प्रश्न लगता था तो मंत्री को रात को बुखार आ जाता था… इस बार माननीयों की मर्जी…


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पहले विधानसभा में प्रश्न लगता था तो मंत्री को रात को बुखार आ जाता था… इस बार माननीयों की मर्जी…

पहले विधानसभा में प्रश्न लगता था तो मंत्री को रात को बुखार आ जाता था... इस बार माननीयों की मर्जी...

जयपुर : विधानसभा के प्रश्नकाल की गरिमा यह रही है कि प्रश्नकाल में प्रश्न लग जाता था तो पहले संबंधित मंत्री को पिछली रात बुखार आ जाता था। इतने सीरियस रहते थे। हालांकि सदन में प्रश्नकाल में जवाब देने की पूरे कैबिनेट की सामूहिक जिम्मेदारी मानी जाती है। लेकिन व्यवस्था यह है कि प्रश्न काल में जवाब देने के लिए संबंधित विभाग के मंत्री ही निर्धारित होते हैं। 16 वीं विधानसभा के बजट सत्र में इस बार 41 से अधिक प्रश्नकाल के सवालों के जवाब दूसरे विभाग के मंत्री ने दिए। इसमें गलत कुछ नहीं है।

जवाब की जिम्मेदारी पूरी सरकार की कहलाती है। लेकिन विपक्ष ने सदन में बार बार घेरा कि ये रिवाज पहली बार देख रहे। संबंधित विभाग के मंत्री गायब है और जिनको विभाग की एबीसीडी नहीं पता, वे जवाब देने खड़े हो रहे। कई सवालों के जवाब नहीं दे पाए। पिछली सरकारों में बहुत गंभीर स्थिति में दूसरे विभाग के मंत्री जवाब देते थे।

लेकिन इस बार 22 दिन चले सदन में 15 दिन दूसरे मंत्रियों से जवाब दिलवाए गए। 7 दिन ऐसे रहे जब पूरे सवालों के जवाब संबंधित मंत्री ने ही दिए। सत्र के अंतिम दिन 6 अगस्त को प्रश्नकाल में कांग्रेस विधायकों ने लगातार नारेबाजी की। 6 सवाल नहीं पूछे गए। गृह राज्य मंत्री जवाहर सिंह बेढ़म ने पूरे सत्र में किसी सवाल का जवाब नहीं दिया।

फैक्ट फाइलबजट सत्र में 12 बार मंत्री घिरे

  • 10 सवालों के उत्तर नहीं आए। स्थगित करने पड़े
  • स्पीकर को 4 सवालों के दोबारा जवाब दिलवाने पड़े
  • स्पीकर को कहना पड़ा कि मंत्री तैयारी के साथ आएं।

खींवसर के जिम्मे थे सीएम के विभाग

सीएम के विभाग गृह का 4 जुलाई, 11, 18 जुलाई, 23 जुलाई को दो, 25, 30 जुलाई व 1 अगस्त को सवाल पूछे गए। खनन का 11 जुलाई, 18 जुलाई, 30 जुलाई व 16 जुलाई को सवाल पूछा। सभी के जवाब स्वास्थ्य मंत्री गजेंद्रसिंह खींवसर ने दिए। गृह रक्षा के 15 जुलाई व 29 जुलाई को सवाल पूछे। जवाब जनजाति मंत्री बाबूलाल खराड़ी ने दिए। कार्मिक का एक जवाब संसदीय मंत्री जोगाराम ने दिया।

5 सवालों के जवाब मंजू ने दिए: डिप्टी सीएम के पर्यटन से संबंधी 4, 11, 18, 23 जुलाई और 1 अगस्त को पूछे गए 5 सवालों के जवाब सार्वजनिक निर्माण मंत्री मंजू बाघमार ने दिए।

ज्यादा जवाब विभागों से जुड़े मंत्रियों ने ही ​दिए, बेढ़म एमओएस है : जोगाराम

हमारे ज्यादातर सवालों के जवाब तो संबंधित मंत्री ही देते हैं। सीएम के विभागों के सवाल कुछ तय किए मंत्री देते हैं। बेढ़म ने आज तक कोई जवाब नहीं दिया। वो स्टेट मिनिस्टर है। यह सरकार की ज्वाइंट रिस्पांसिबिलिटी है।
– जोगाराम पटेल, संसदीय कार्य मंत्री

जवाब कोई मंत्री दे, लेकिन स्पीकर की परमिशन जरूरी
स्पीकर की परमिशन ली है तो कोई मंत्री जवाब दे सकता है। लेकिन यदि संबंधित विभाग का मंत्री जवाब नहीं देता है तो उसकी स्पीकर से अनुमति लेनी होती है। वैसे तो ये पूरी सरकार के कैबिनेट की जिम्मेदारी होती है।
– डाॅ. सी पी जोशी, पूर्व स्पीकर विधानसभा

कृषि के जवाब गोदारा और विश्नोई ने दिए: किरोड़ी मीणा के विभाग से जुड़े 8 सवाल 4 जुलाई को 1, 11 जुलाई को 2, 16, 18, 23 व 30 जुलाई और 1 अगस्त को पूछे गए। जवाब सुमित गोदारा व केके बिश्नोई ने दिए।

अब मंत्री सीरियस नहीं : श्रवण

पहले विधानसभा में सवाल आता था तो मंत्री को रात में बुखार आ जाता था। वो सोचता था कि सुबह क्या होगा। अब कौन जवाब दे रहा। एक दो सवाल लेकर अगला नाम पुकारा जाता है। नहीं तो पहले सदन में मंत्री के होश उड़ जाते थे। -श्रवण कुमार, विधायक, सदन में बोला।

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