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जैसलमेर के रेगिस्तान में समुद्र का नजारा:मिट्टी के धोरों में बहने लगी नदी, घरों में पानी घुसा, रुपए भीगे


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जैसलमेर के रेगिस्तान में समुद्र का नजारा:मिट्टी के धोरों में बहने लगी नदी, घरों में पानी घुसा, रुपए भीगे

जैसलमेर के रेगिस्तान में समुद्र का नजारा:मिट्टी के धोरों में बहने लगी नदी, घरों में पानी घुसा, रुपए भीगे

जैसलमेर : जैसलमेर में रेत के बड़े-बड़े टीलों और मीलों फैले रेगिस्तान की तस्वीर इन दिनों बदली हुई है। इन दिनों तेज बारिश के दौर ने रेगिस्तान में समंदर के जैसा मंजर बना दिया है। पानी के लिए तरसने वाले रेगिस्तान में इन दिनों नदियां बह रही हैं। बारिश ने ऐसा नजारा बदला है कि मानो रेगिस्तान समंदर में तब्दील हो चुका हो।

जैसलमेर में इन दिनों जोरदार बारिश में सब कुछ तहस-नहस हो रहा है, सड़क पर गाड़ियां थम चुकी हैं, रफ्तार पर ब्रेक लग चुका है। रेगिस्तान में बस हर ओर पानी ही पानी नजर आ रहा है। इस बारिश ने सैकड़ों पशुओं समेत 3 लोगों की जान भी ले ली है।

भादासर गांव के पास पहाड़ियों में बहता झरना।
भादासर गांव के पास पहाड़ियों में बहता झरना।

बारिश से बिगड़े हालात
भारत-पाकिस्तान सीमा पर बसे जैसलमेर जिले में बारिश से हालात बद से बदतर हो चुके हैं। साल 2006 के बाद पहली बार शहर में ऐसी बाढ़ आई है, जिसने सब कुछ तबाह-बर्बाद कर दिया है। जिले में अगस्त महीने में 2016 के बाद पहली बार इतना पानी बरसा है।

तालाब हुए ओवरफ्लो, खेतों में भरा पानी
पिछले कई दिनों से जारी बारिश से खेतों में पानी भर गया है, तालाब ओवरफ्लो होकर टूट चुके हैं। बारिश का पानी कई गांव-ढाणियों को टापू बना चुका है। हर जगह सड़क मार्ग टूटे हैं और कई गांवों से संपर्क भी टूट चुका है।

जिला कलेक्‍टर प्रताप सिंह व एसपी सुधीर चौधरी अधिकारियों समेत खुद मौके पर जाकर हालातों का जायजा ले रहे हैं।
जिला कलेक्‍टर प्रताप सिंह व एसपी सुधीर चौधरी अधिकारियों समेत खुद मौके पर जाकर हालातों का जायजा ले रहे हैं।

कलेक्‍टर हालात का ले रहे जायजा
जिला प्रशासन की ओर से राहत और बचाव का काम जारी है, लेकिन इंतजाम नाकाफी साबित हो रहे हैं। तबाही इतनी बड़ी है कि प्रशासन भी हर जगह पर मदद पहुंचाने में काफी वक्त लगा रहा है। हालांकि कलेक्टर खुद मौके पर जाकर मौका मुआयना कर रहे हैं, मगर मीलों फैले इस जिले में हर जगह समय पर पहुंचने में भी काफी समय लगता है।

सम गांव पानी में डूबा
जिले का विश्व प्रसिद्ध गांव सम, जो रेतीले धोरों के लिए पूरे विश्व में अपनी अलग पहचान रखता है। यह गांव इन दिनों बारिश के पानी में डूबा हुआ है। सम गांव में भारी बारिश के चलते चारों तरफ पानी ही पानी है।

सम गांव की स्कूल और जीएसएस में भरा पानी।
सम गांव की स्कूल और जीएसएस में भरा पानी।

बिजलीघर में भी भरा पानी
बारिश के पानी ने सम गांव में बिजलीघर के जीएसएस को भी अपनी चपेट में ले लिया है जिससे बिजली भी बंद है। पानी की समय पर निकासी नहीं होने से पानी धीरे-धीरे लोगों के घरों में घुसने लगा है।

लोग बोले- 25 साल बाद देखा ऐसा मंजर
सम गांव के जानब खान ने बताया कि बरसात का पानी लगातार गांव में आ रहा है। ऐसे में लोग बहुत भयभीत है। ऐसी भारी बारिश का मंजर उन्होंने अपने गांव में 25 साल बाद ही देखा है। जब चारों तरफ पानी ही पानी है। बरसात के समय तो पर्यटन स्थल सम का संपर्क भी टूट गया था।

भारतमाला सड़क मार्ग तक पहुंचना भी मुश्किल
वहीं सम-धनाना गांव का रास्ता भी बंद हो गया है जिससे भारतमाला सड़क मार्ग तक पहुंचना भी मुश्किल हो गया है। जानब खान ने बताया कि समय रहते अगर गांव से पानी की निकासी नहीं की गई तो बहुत नुकसान हो सकता है।

बारिश के बाद आए पानी में बहते झरने।
बारिश के बाद आए पानी में बहते झरने।

औसत से 148 प्रतिशत ज्यादा बारिश हुई
दरअसल जैसलमेर में ज्यादातर अगस्त महीने में ही मानसून की बढ़िया बरसात होती आई है। इस साल जून से अगस्त महीने तक कुल तक 104 MM बारिश होनी थी। लेकिन अब तक जो 259.1 एमएम बारिश जिले में हो चुकी है जो नॉर्मल से 148 प्रतिशत ज्यादा है। दरअसल जैसलमेर जिले में साल भर की बारिश का औसत 202 एमएम है।

अगस्त में टूटा बारिश का रिकॉर्ड
साल 2016 के अगस्त महीने में जैसलमेर में सबसे ज्यादा 90 एमएम बारिश हुई थी जो सबसे ज्यादा थी। मगर जैसलमेर में अगस्त महीने के पहले ही हफ्ते के एक दिन में 118 एमएम बारिश हो गई जो एक रिकॉर्ड है। फिलहाल अगस्त का महीना अभी बाकी है। मौसम विभाग के अनुसार जिले में 2 अगस्त को 89.5 एमएम, 3 अगस्त को 6 एमएम, 4 अगस्त को 1.5 एमएम व 5 अगस्त को एक ही दिन में 118.5 एमएम बारिश दर्ज की गई। हालांकि पिछले 5 सालों से औसत 202 एमएम से हमेशा ज्यादा ही बारिश हो रही है। मगर इस साल अब तक 259.1 एमएम बारिश जिले में हो चुकी है।

यहां देखें जैसलमेर में भारी बारिश के बिगड़े हालात के नजारे…

लोगों को गर्मी में मिला सुकून।
लोगों को गर्मी में मिला सुकून।
बारिश के बाद आए पानी से जगह जगह हुए रास्ते बंद।
बारिश के बाद आए पानी से जगह जगह हुए रास्ते बंद।
गांवों में घरों तक पहुंचा पानी।
गांवों में घरों तक पहुंचा पानी।
घरों में घुसे पानी ने घरेलू सामान समेत पैसों को भी भिगोया।
घरों में घुसे पानी ने घरेलू सामान समेत पैसों को भी भिगोया।
छत्रेल गांव जाने के रास्ते पर पानी आने से मार्ग हुआ बंद।
छत्रेल गांव जाने के रास्ते पर पानी आने से मार्ग हुआ बंद।
पहाड़ी इलाकों में नदी के पानी ने बनाया हिल स्टेशन।
पहाड़ी इलाकों में नदी के पानी ने बनाया हिल स्टेशन।
बासनपीर गांव में खेत से घर आते समय बीच रास्ते में आया पानी।
बासनपीर गांव में खेत से घर आते समय बीच रास्ते में आया पानी।
कई जगह गांवो में पानी आने से सड़कें टूटी।
कई जगह गांवो में पानी आने से सड़कें टूटी।
भनियाना इलाके में पानी के बहाव में बहे युवकों को ग्रामीणों ने रेस्क्यू किया।
भनियाना इलाके में पानी के बहाव में बहे युवकों को ग्रामीणों ने रेस्क्यू किया।
कनोई गांव के पास स्थित रिसोर्ट को पहुंचा नुकसान।
कनोई गांव के पास स्थित रिसोर्ट को पहुंचा नुकसान।

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