स्टोन क्रेशर प्लांट लगाने का विरोध:ग्रामीण बोले-धूल और प्रदूषण का खतरा, ज्ञापन सौंपा
स्टोन क्रेशर प्लांट लगाने का विरोध:ग्रामीण बोले-धूल और प्रदूषण का खतरा, ज्ञापन सौंपा

पाटन : पाटन क्षेत्र के श्यामपुरा गांव में स्टोन क्रेशर प्लांट के विरोध में ग्रामीणों ने तहसीलदार को ज्ञापन सौंपा। शुक्रवार को दीनदयाल उपाध्याय अंत्योदय संबल पखवाड़ा के तहत आयोजित कैंप में ग्रामीणों ने ये ज्ञापन सौंपा। ग्रामीणों ने बताया- खातेदार ने भूमि को कृषि से गैर-कृषि प्रयोजन के लिए परिवर्तित करवाया है। प्रस्तावित स्टोन मिनरल साइडिंग आबादी से मात्र 450 मीटर की दूरी पर एनिकट जोहड़ के पास है। इसके 100 मीटर के दायरे में वन भूमि, प्राचीन तीर्थ स्थल इमलोहा धाम, ठाकुर जी मंदिर और देव नारायण मंदिर स्थित हैं।
ग्रामीणों का कहना है कि प्लांट से उड़ने वाली धूल से वायु प्रदूषण बढ़ेगा। इससे सिलिकोसिस जैसी बीमारियों का खतरा उत्पन्न होगा। क्षेत्र के लोगों की आजीविका कृषि और पशुपालन पर निर्भर है। धूल से खेत और चारागाह प्रभावित होंगे। इससे लोगों को आर्थिक नुकसान होगा।
17 अप्रैल 2024 को ग्राम सभा में इस भूमि रूपांतरण का विरोध किया गया था। उपखंड अधिकारी और जिला कलेक्टर नीमकाथाना को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन भी दिया गया था। इसके बावजूद भूमि का रूपांतरण कर दिया गया। वर्तमान में यह मामला न्यायालय में विचाराधीन है। ग्रामीण चाहते हैं कि न्यायालय के फैसले तक इस भूमि पर कोई निर्माण कार्य न हो। इस दौरान बड़ी संख्या में ग्रामीण मौजूद रहे।