व्यवस्था का कचरा:7 दिन से सफाईकर्मी हड़ताल पर, सड़कों पर 7000 मीट्रिक टन कचरा
व्यवस्था का कचरा:7 दिन से सफाईकर्मी हड़ताल पर, सड़कों पर 7000 मीट्रिक टन कचरा

जयपुर : ये तस्वीर चांदपोल गेट की है, जो विश्व की विरासत है। सैलानी इसकी खूबसूरती के साथ तस्वीर और सेल्फी लेते हैं, लेकिन अभी इस पर कचरे का दाग लगा हुआ है। चारदीवारी से एंट्री लेने वाले लगभग सभी नौ गेटों सहित कई जगह अभी ऐसे ही दृश्य नजर आ रहे हैं। कारण- संयुक्त वाल्मीकि एवं सफाई कर्मचारियों की भर्ती को लेकर पिछले 7 दिन से हड़ताल पर हैं। इनकी मांग है कि जो कर्मचारी निगम में पहले से मस्टररोल पर काम कर रहे हैं और सफाई का अनुभव है, उन्हें ही प्राथमिकता दी जाए। ऐसे में शहर की खूबसूरती देखने आने वाले सैलानी पहले गंदगी देखने को मजबूर हैं।
जयपुर का इस बार भी स्वच्छता सर्वेक्षण में पिछड़ना तय है, क्योंकि स्वच्छता सर्वेक्षण की टीम कभी भी शहर में सफाई व्यवस्था देखने आ सकती है। हेरिटेज निगम व ग्रेटर निगम के पास पांच दिन पहले ही केंद्र की स्वच्छता सर्वेक्षण टीम का प्रोग्राम आ चुका है। इसमें साफ लिखा है कि स्वच्छता टीम 26 जुलाई से 10 सितंबर के बीच कभी भी निरीक्षण करने आ सकती है।
इससे निगम प्रशासन की चिंता बढ़ गई है। क्योंकि सफाई कर्मचारियों की हड़ताल के चलते मुख्य सड़कों और कॉलोनियों के डिपो से निगम कचरा नहीं उठवा पा रहा है। सिर्फ डोर-टू-डोर वेस्ट कलेक्शन चल रहा है, वो भी 11 में से 2 सिर्फ दो जोन में, जो प्राइवेट कंपनी द्वारा किया जा रहा है। इसके अलावा निगम प्रशासन के पास कोई वैकल्पिक इंतजाम नहीं हैं।
हालांकि निगम का दावा है कि डोर टू डोर वेस्ट कलेक्शन में करीब 820 हूपर चल रहे हैं। हकीकत में ये हूपर भी सिर्फ होटल, ढाबे व रेस्टोरेंट का कचरा उठाने पर ध्यान दे रहे हैं। इसी के चलते जहां रोजाना 1800 से 1900 मीट्रिक टन कचरा उठाया जा रहा था, अब 900 मीट्रिक टन ही उठ रहा है यानी 1000 मीट्रिक टन कचरा सड़कों पर ही फेंका जा रहा है।
2 साल से सर्वेक्षण में पिछड़ रहा है जयपुर
शहर की स्वच्छता रैंकिंग दिनों दिन बिगड़ती जा रही है। दो साल पहले वर्ष 2022 की स्वच्छता रैंकिंग में हेरिटेज नगर निगम को 26वीं और ग्रेटर निगम को 33वीं रैंक मिली थी। इसके बाद तो स्थिति और खराब होने लगी और 2023 की हेरिटेज की 171वीं और ग्रेटर की 173वीं रैंक रही।
विरासत पर कचरे के ये दाग..अच्छे नहीं हैं
“सफाई कर्मचारियों की हड़ताल से सफाई व्यवस्था प्रभावित हो रही है। सफाई कर्मचारी यूनियन से वार्ता चल रही है ताकि वे फिर से काम पर लौटे। निगम खुद के स्तर पर इंतजाम में लगा है, क्योंकि स्वच्छता सर्वेक्षण की टीमें भी आने वाली हैं।”
-नवीन भारद्वाज, उपायुक्त स्वास्थ्य, ग्रेटर निगम