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समाज की कड़वी सच्चाई बयां करता ‘एनिमी ऑफ द पीपल’:नटराज महोत्सव में योगेन्द्र सिंह परमार के निर्देखन में खेला गया नाटक, उठाया शासन व्यवस्था पर सवाल


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समाज की कड़वी सच्चाई बयां करता ‘एनिमी ऑफ द पीपल’:नटराज महोत्सव में योगेन्द्र सिंह परमार के निर्देखन में खेला गया नाटक, उठाया शासन व्यवस्था पर सवाल

समाज की कड़वी सच्चाई बयां करता 'एनिमी ऑफ द पीपल':नटराज महोत्सव में योगेन्द्र सिंह परमार के निर्देखन में खेला गया नाटक, उठाया शासन व्यवस्था पर सवाल

जयपुर : जवाहर कला केंद्र की सहभागिता में आयोजित छह दिवसीय नटराज महोत्सव के चौथे दिन रंगायन में हेनरिक इब्सन लिखित और योगेंद्र सिंह निर्देशित नाटक ‘एन एनिमी ऑफ द पीपुल’ का मंचन हुआ। एयू बैंक, रजा फाउंडेशन और फोर्थ वॉल सोसाइटी के संयोजन में यह फेस्टिवल आयोजित किया जा रहा है। मूल रूप से हेनरिक इबसेन लिखित एक घंटे 50 मिनट का यह नाटक प्रसिद्ध कवि और लेखक नेमी चंद्र जैन के रूपांतरण पर आधारित है। यह एक यथार्थवादी नाटक है जो भ्रष्टाचार से एकल युद्ध छेड़ने वाले नायक की कहानी को बयां करती है। योगेन्द्र सिंह परमार द्वारा निर्देशित नाटक नायक डॉ.अभय कुमार के इर्द-गिर्द घूमता है। जो समाज और देश की भलाई के लिए समर्पित एक ईमानदार व्यक्ति है।

योगेन्द्र सिंह परमार द्वारा निर्देशित नाटक नायक डॉ.अभय कुमार के इर्द-गिर्द घूमता है।
योगेन्द्र सिंह परमार द्वारा निर्देशित नाटक नायक डॉ.अभय कुमार के इर्द-गिर्द घूमता है।

नाटक में दिखाया जाता है कि डॉ. अभय कुमार अपने इलाके में फैली महामारी पर जांच करते हुए पाते हैं कि शहर के मुख्य जलस्रोत का पानी दूषित है और बिमारियों का घर है। चमड़ा उद्योग से निकला गंदा पानी मिलने से यह पानी विषाक्त बन गया है जिसे पीने से लोग बीमार पड़ने लगते हैं। चमड़ा उद्योग उनके ससुर का है जबकि शहर के निर्भय कुमार डॉ.अभय का भाई है, जो मामले को दबाना चाहता है लेकिन इसके बावजूद डॉ. अभय अन्य लोगों को इस बात से सचेत करते है। निर्भय डॉ. अभय को अपना बयान वापस लेने को कहता है लेकिन डॉ.अभय अपनी जांच पर तटस्थ हैं जिससे दोनों भाईयों के संबंधों में खटास पड़ जाती है और जनहित को समर्पित डॉ. अभय को ही जनशत्रु घोषित कर राजनीति और मीडिया के दुष्चक्र में फंसा दिया जाता है। इसके बाद डॉ. अभय भ्रष्टाचार के खिलाफ एकल जंग छेड़ देते है। उन्हें शहर से निकालने की कोशिश भी की जाती है। ‘सबसे मजबूत इंसान वह है जो अकेला खड़ा होता है’ इसी सोच के साथ वह अपनी जंग जारी रखते है।

निर्भय डॉ. अभय को अपना बयान वापस लेने को कहता है लेकिन डॉ.अभय अपनी जांच पर तटस्थ हैं जिससे दोनों भाईयों के संबंधों में खटास पड़ जाती है
निर्भय डॉ. अभय को अपना बयान वापस लेने को कहता है लेकिन डॉ.अभय अपनी जांच पर तटस्थ हैं जिससे दोनों भाईयों के संबंधों में खटास पड़ जाती है

समाज को संदेश देते हैं निर्देशक परमार

एनिमी.. नाटक की कहानी समाज का कड़वा सच बयां करती है। नाटक के माध्यम से​ निर्देशक योगेन्द्र सिंह परमार समाज को कड़ा संदेश देते हैं कि ईमानदारी और अच्छाई की राह आसान नहीं है। अगर किसी को इस दुनिया में सच्चाई और ईमानदारी के साथ रहना है तो उसे हर पल ‘जनता के दुश्मन’ की तरह जीना होगा। परमार ने बताया कि इब्सन को यूं ही यर्थाथवाद का जनक नहीं कहा जाता है। वह अपने दर्शक को सिर्फ एक रोचक कथानक नहीं देते बल्कि एक मंथन का भागीदार बनाते हैं। नाटक में मुख्य किरदार महमूद अली ने निभाया है। सह कलाकार की भूमिका में संकेत जैन, आस्था शर्मा, साक्षी, भव्य, नरेंद्र अरोड़ा, विनय सैनी, ऋतिक शर्मा, अंकित शर्मा, गौरव सोनी, प्रियांशु, उनैफ, दीक्षांक, राहुल भाटी, सिद्धार्थ कुमावत और ओम दिखाई दिए। संगीत संचालन विमल मीणा का है जबकि कॉस्टयूम डिजाइन काजोल ने की है। नाटक में लाइट व प्रोजेक्शन तकनीक का बेहतरीन संयोजन देशराज ने किया गया है। गैरतलब है कि शनिवार शाम 7 बजे रेजिनाल्ड रोज़ द्वारा लिखित और एनएसडी पास आउट विशाल विजय द्वारा निर्देशित नाटक “12 एंग्री मेन” का मंचन रंगयान में किया जाएगा।

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