विधानसभा में हाड़ौती:धारीवाल बोले – भाजपा राज में 7 माह में कुछ किया ही नहीं तो गलती क्या निकालें? सारे काम ठप हैं
कांग्रेस राज में 13 लाख पट्टे बांटे, ये 254 फर्जी बता रहे, घपला है तो पकड़ो, रोका किसने ? : धारीवाल

जयपुर : जयपुर पूर्व यूडीएच एवं स्वायत्त शासन मंत्री शांति धारीवाल ने यूडीएच एवं स्वायत्त शासन विभाग की अनुदान मांगों पर बहस में भाजपा सरकार पर नाकारा होने का आरोप लगाया। धारीवाल ने कहा- 7 माह हो गए। 7 माह में भाजपा सरकार का कोई ऐसा काम नहीं है, जिसे उपलब्धि कहा जाए। एक काम बता दो- पूरे राजस्थान में जो आपने शुरू कर दिया हो। केवल यह सुनने को मिलता है कि रिव्यू कर रहे हैं। जांच कर रहे हैं।
देखेंगे। डीपीआर बनने डाल दी। इसके अलाव कोई काम नहीं किया धरातल पर। पालिकाओं, न्यासों, अब तो 5 प्राधिकरण हो गए, सब में सारे काम ठप पड़े हैं। हमने प्रशासन शहरों के संग अभियान में 10 लाख पट्टे का लक्ष्य रखा और 13 लाख पट्टे बांटे। अब मंत्री कह रहे कि कई फर्जी पट्टे बंट गए। बंटेंगे ही। पकड़ो। कितने पकड़े- 245 केवल। करो सस्पेंड उनको, जिसने घपला किया है। कौनसा ऐसा काम है जिसको करने के बाद गलती नहीं पाई जाती है। खिलाफ एक्शन होता है।
धारीवाल का माइक आफ कर दिया, 8 मिनट बिना माइक बोलते रहे
शांति धारीवाल के 30 मिनट होते ही सभापति की कुर्सी पर बैठे उनके ही शहर के भाजपा विधायक संदीप शर्मा ने अगला नाम कालीचरण सराफ का पुकार लिया। कांग्रेस के नेता प्रतिपक्ष कहते रहे कि हमारे 2 विधायकों का नाम काट दो। लेकिन धारीवाल को बोलने दो। लेकिन शर्मा ने माइक बंद करवा दिया। 8 मिनट तक धारीवाल बिना माइक के बोलते रहे। सराफ हाथ जोड़ते रहे कि आप बैठो। और फिसली जुबान… धारीवाल का माइक बंद कर दिया। उस समय धारीवाल को गुस्सा आ गया। 4-5 बार माइक से आवाज नहीं आई और उनको टोका तो बोले- एक अपशब्द बोल गए। कि मेरे शहर में रहना और ये बात..।”
सारे काम सरकार ने अपनी पोटली में ले लिए
धारीवाल ने आरोप लगाया कि सरकार ने सारे काम अपनी पोटली में डाल दिए। निकायों को कोई अधिकारी नहीं है। नतीजा यह है कि हर दिन कागज आ जाते हैं कि सरकार इसमें मार्गदर्शन करे। एक भी जवाब निकायों को वापस नहीं पहुंच रहा है। मजे की बात यह रही- कोटा दक्षिण में महापौर कांग्रेस का चुना था। वो इस्तीफा देकर भाजपा में शामिल हो गया। अब मजे की बात यह है कि कोटा दक्षिण निगम में प्रतिपक्ष का नेता भी बीजेपी का और महापौर भी बीजेपी का।
उसका मार्ग दर्शन मांगने 4-4 पत्र जयपुर आ गए कमिश्नर के कि क्या करें। नेता और प्रतिपक्ष नेता दोनों एक दल के हैं। ऐसा होता नहीं। रोज लठ पड़ रहे वहां पर। लेकिन सरकार से मार्ग दर्शन नहीं गया आज तक। लाखों बिल्डिंग प्लान पास किए। नाम हस्तांतरण किए। इसके अलावा 7500 करोड़ रुपए का राजस्व अर्जित किया है जिससे पालिका, न्यासों प्राधिकरणों के विकास में बड़ा काम हुआ। यह हिस्ट्री है, इतिहास में ऐसा कभी नहीं हुआ होगा। मंत्री खर्रा की तरफ इशारा करते हुए चुटकी ली- कुछ किया ही नहीं दादा भाई। आरोप लगेगा कैसे? चीफ सेक्रेटरी ने 2-3 बार फाइलों के फोटो भी ले लिए, नतीजा कुछ नहीं , धारीवाल ने कहा कि निकायों में 2-3 बार चीफ सेक्रेटरी पहुंच गए। फाइलों के फोटो भी ले लिए। लेकिन नतीजा कुछ नहीं। सब काम बंद पड़े हैं।
हो नहीं सकते एक चुनाव, घोषणा से पहले देखा ही नहीं कैसे होंगे?
धारीवाल ने बजट घोषणा एक प्रदेश एक चुनाव पर अंगुली उठाई। कहने से पहले सोच तो लेते कि ये होगा कैसे? संविधान पढ़ा ही नहीं सरकार ने। क्या संविधान के प्रावधानों में चुनाव कराना व्यवहारिक होगा? संविधान के आर्टिकल 243 की ई धारा में पंचायती राज का व आर्टिकल 243 यू में नगर पालिकाओं का समय न तो घटाया जा सकता और न ही बढ़ाया जा सकता।