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SMS के नए ICU वार्ड में गिरने लगी फॉल सीलिंग:वार्डों में बैड के बीच स्पेस कम, डॉक्टर और स्टाफ के खड़े होने की जगह भी नहीं


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SMS के नए ICU वार्ड में गिरने लगी फॉल सीलिंग:वार्डों में बैड के बीच स्पेस कम, डॉक्टर और स्टाफ के खड़े होने की जगह भी नहीं

SMS के नए ICU वार्ड में गिरने लगी फॉल सीलिंग:वार्डों में बैड के बीच स्पेस कम, डॉक्टर और स्टाफ के खड़े होने की जगह भी नहीं

जयपुर : जयपुर के सवाई मानसिंह हॉस्पिटल में बनाए गए दो नए आईसीयू वार्ड (न्यूरोलॉजी आईसीयू और जनरल मेडिसिन आईसीयू) की हैंडऑवर से पहले ही छतों से पानी टपकना और फॉल सीलिंग गिरना शुरू हो गया है। इन वार्डों में लगाए गए बैड के बीच स्पेस और अन्य तकनीकी खामियां हैं। इसे देखते हुए कमेटी ने इन दोनों ही वार्डों का हैंडओवर लेने से मना कर दिया है। अब कंपनी के प्रतिनिधि हॉस्पिटल प्रशासन और कमेटी पर हैंडओवर करने का दबाव बना रहे है।

दरअसल, हॉस्पिटल प्रशासन ने न्यूरोलॉजी और जनरल मेडिसिन डिपार्टमेंट में भर्ती होने वाले मरीजों के लिए 2 नए आईसीयू वार्ड बनाने का टेंडर किया था। इन दोनों वार्डों में 50-50 बैड लगाने हैं। ये काम दिल्ली की वीबीएम इंडिया कंपनी को दिया गया। करीब 12 करोड़ रुपए से ज्यादा की लागत से ये आईसीयू तैयार करवाए गए लेकिन अब इनको हैंडओवर करने से पहले ही इनमें कई खामियां नजर आने लगी हैं।

वार्ड में लगाए गए बैड के बीच पर्याप्त जगह नहीं।
वार्ड में लगाए गए बैड के बीच पर्याप्त जगह नहीं।

जगह से ज्यादा लगाए बैड
सूत्रों के अनुसार इन वार्डों में जितनी जगह है, उससे ज्यादा बैड लगा दिए हैं। इससे यहां मरीजों के इलाज के दौरान डॉक्टरों को परेशानी होगी। मरीजों को स्ट्रैचर से बैड पर शिफ्ट करने या आपात परिस्थिति (आगजनी या कोई अन्य घटना होने पर) में मरीजों को बैड सहित वार्ड से बाहर लाने-ले जाने में समस्या होगी। इस वार्ड में जो तकनीकी उपकरण लगाए गए हैं, उसका तकनीकी टीम ने अब तक डिटेल स्पेशिफिकेशन टेस्ट भी नहीं किया।

दो बैड के बीच दूरी महज 6 फीट

नियमानुसार आईसीयू में दो बैड के बीच कम से कम 8 फीट की दूरी होना जरूरी है लेकिन न्यूरोलॉजी आईसीयू वार्ड में एक बैड से दूसरे बैड के बीच दूरी 6 फीट ही रखी है। इस कारण यहां बैड और मरीज के अटेंडेंट के लिए लगने वाली बैंच के बाद इतना भी स्पेस नहीं बचता कि वहां दो डॉक्टर और अन्य स्टाफ खड़े होकर मरीज को देख सकें। यहां कुल 50 बैड लगे हैं।

वार्ड की फॉल सीलिंग भी गिरने लगी है।
वार्ड की फॉल सीलिंग भी गिरने लगी है।

स्ट्रेचर को घुमाने के लिए वार्ड में जगह नहीं

वार्ड के बीच बैड लगाने से यहां ट्रॉली या स्ट्रैचर को घुमाने का स्पेस भी बहुत कम है। तकनीकी कमेटी ने जब यहां का दौरा किया तो देखा वार्ड के बीच बैड लगाने के कारण यहां स्ट्रैचर को 360 डिग्री टर्न भी नहीं करवाया जा सकता।

न्यूरोलॉजी आईसीयू वार्ड में कुल 50 बैड लगाए गए हैं।
न्यूरोलॉजी आईसीयू वार्ड में कुल 50 बैड लगाए गए हैं।

फॉल सीलिंग गिरी, पानी का टपकना शुरू

न्यूरोलॉजी आईसीयू वार्ड जो अभी बनकर तैयार ही हुआ है। उसमें अभी से फॉल सीलिंग टूटने लग गई। छत से पानी टपक रहा है। इसके अलावा इस वार्ड में बने डॉक्टर ड्यूटी रूम में भी फॉल सीलिंग टूट रही है। वहां से पानी टपक रहा है। इसी तरह वार्ड में बनाए गए वॉशरूम में कंपनी ने इंडियन टॉयलेट सीट लगा दी, जबकि वार्डों में कम से कम एक-एक वेर्स्टन टॉयलेट सीट लगाने का प्रावधान था।

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