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अवधेशाचार्य को गलता में बने घर में जाने से रोका:बोले- पत्नी को श्वांस की बीमारी, दवाइयां भी अंदर; प्रशासन पर मंदिर का पैसा निकालने का आरोप


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अवधेशाचार्य को गलता में बने घर में जाने से रोका:बोले- पत्नी को श्वांस की बीमारी, दवाइयां भी अंदर; प्रशासन पर मंदिर का पैसा निकालने का आरोप

अवधेशाचार्य को गलता में बने घर में जाने से रोका:बोले- पत्नी को श्वांस की बीमारी, दवाइयां भी अंदर; प्रशासन पर मंदिर का पैसा निकालने का आरोप

गलता तीर्थ की गद्दी के द्वंद्व में रोजाना नए-नए मोड़ आ रहे हैं। शुक्रवार को राजस्थान हाईकोर्ट से यथास्थिति के निर्देश पर शाम 4:30 बजे बाद अवधेशाचार्य गलता जी पहुंचे। उन्होंने ठाकुरजी को दंडवत प्रणाम करने के बाद आवास में जाने का प्रयास किया, लेकिन जिला प्रशासन की टीम ने रोक दिया। इस पर गलता परिसर में बने आवास के गेट के सामने अवधेशाचार्य व प्रशासनिक अधिकारियों के बीच जमकर बहस हुई।

अवधेशाचार्य ने कहा कि 4:30 बजे से पहले मेरी पत्नी, बहू, बच्चे आवास के अंदर थे, उन्हें दुबारा अंदर क्यों नहीं जाने दिया जा रहा है। इस दौरान महाराज की बहू आवास के अंदर रही तो एक छोटी बच्ची बाहर रह गई और रोती रही।

अवधेशाचार्य ने प्रशासनिक अधिकारियों से कहा- बच्ची को तो मां के पास जाने दीजिए। इस पर अफसरों ने बच्ची को घर के अंदर जाने दिया और कहा कि हम कोर्ट के निर्देशों की ही पालना कर रहे हैं। प्रशासन ने अवधेशाचार्य की बहू, पोता और पोती को घर के अंदर जाने दिया । अवधेशाचार्य, उनकी पत्नी और बेटा घर के बाहर ही हैं। एडीएम तृतीय राजकुमार कस्वां का कहना है कि कोर्ट से जो निर्देश मिले हैं, उसकी पालना कर रहे हैं।

हाईकोर्ट से यथास्थिति के आदेश मिलते ही अवधेशाचार्य गलता जी पहुंचे। प्रशासन ने दर्शकदीर्घा से दर्शन की अनुमति दी तो दंडवत प्रणाम किया।
हाईकोर्ट से यथास्थिति के आदेश मिलते ही अवधेशाचार्य गलता जी पहुंचे। प्रशासन ने दर्शकदीर्घा से दर्शन की अनुमति दी तो दंडवत प्रणाम किया।

यथास्थिति के आदेश के बाद भी प्रशासन तोड़फोड़ कर रहा: अवधेशाचार्य
अवधेशाचार्य ने कहा- राजस्थान हाईकोर्ट के 22 जुलाई के निर्णय के चलते तीन दिन तक वकीलों के साथ व्यस्त रहना पड़ा। उस आदेश की प्रक्रिया अपनाते हुए प्रशासन ने प्रशासक नियुक्त कर दिया। उन्होंने आरोप लगाए कि कई जगह मंदिरों के ताले तोड़कर पैसा भी निकाला गया। यहां पर हमारे आवास से बाहर जाने के रास्ते थे, उन्हें सील कर दिया।

पत्नी और बच्चे तीन दिन तक आवास में बंद रहे। शुक्रवार को कोर्ट से स्थगन आदेश होने के बाद जब मैं गलताजी आया और पत्नी व बच्चों को पता चला तो वो बाहर आ गए। इसके बाद उन्हें आवास में नहीं जाने दिया जा रहा है। छोटे बच्चे हैं। परेशान हो रहे हैं। पत्नी के श्वांस की बीमारी है। दवाइयां भी अंदर रखी हैं।

गलता के अब तक के महंत :  1. कृष्णदार पायोहारी  2. कीलदासजी  3. कृष्णदास विदेही  4. विष्णुदास  5. नारायणदेव  6. हरिदेव 7. रामप्रपन्न मधुराचार्य 8. हरियाचार्य 9. श्रीयाचार्य 10. जानकीशरण 11. रामाचार्य 12. सीतारामाचार्य 13. हरिप्रसादाचार्य 14. हरिवल्लभाचार्य 15. हरिशरणाचार्य 16. रामोदराचार्य 17. अवधेशाचार्य (हाईकोर्ट के आदेश से हटाए गए)

ये प्रशासन की अमानवीय प्रक्रिया गलत है। मेरे पर रोक लगाई उसे में समझ सकता हूं। मैं 4:30 बजे तक बाहर था। मेरे पास एक वीडियो भी आया है, जिसमें यथास्थिति के आदेश देने के बावजूद तोड़फोड़ की कोशिश की जा रही है। प्रशासन गेट और ताले काटने पर उतारू है।

सनातनी सरकार से ऐसी उम्मीद नहीं थी। उसमें ऐसा कोई आदेश नहीं है कि मेरे निवास पर कब्जा किया जाए। स्थगन का निर्णय हो गया और ठाकुरजी को प्रणाम करने आया तो मुझे भी मालूम था कि मंदिर में प्रवेश नहीं करने देंगे, लेकिन मेरे घर में जाने से कैसे रोक सकते हैं। मैंने पूरा जीवन गलता जी के लिए व्यतीत किया, कुछ लोग गलता जी को हड़पना चाहते हैं।

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