INS ब्रह्मपुत्र हादसे में झुंझुनूं का लाल शहीद:नेवी डॉकयार्ड में मेंटेनेंस के दौरान लगी थी आग; 60 घंटे के बाद मिला शव
INS ब्रह्मपुत्र हादसे में झुंझुनूं का लाल शहीद:नेवी डॉकयार्ड में मेंटेनेंस के दौरान लगी थी आग; 60 घंटे के बाद मिला शव

पिलानी (झुंझुनूं) : रविवार 21 जुलाई को मुंबई (महाराष्ट्र) के नेवी डॉकयार्ड में मेंटेनेंस के लिए खड़े INS ब्रह्मपुत्र में आग लग गई थी। अधिकारियों के अनुसार जब ये हादसा हुआ तब मल्टी रोल फ्रिगेट नेवल डॉकयार्ड में मरम्मत का काम चल रहा था। हादसे में झुंझुनूं जिले का एक जूनियर नाविक शहीद हो गया।
शहीद जवान सत्येन्द्र सिंह सांखला (23) पुत्र पूर्ण सिंह सांखला झुंझुनूं जिले की सूरजगढ़ तहसील के गांव डांगर गांव का रहने वाला था। गुरुवार को पैतृक गांव डांगर में अंतिम संस्कार किया जाएगा।
गोताखोरों ने निकाला शव
नेवी जवान सत्येन्द्र सिंह सांखला के चाचा पवन सिंह सांखला ने बताया- रविवार 21 जुलाई को आईएनएस ब्रह्मपुत्र के दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद अगले दिन नेवी के अधिकारियों ने सूचना दी कि दुर्घटना के बाद से ही सत्येन्द्र सिंह सांखला लापता हैं। उसकी तलाश की जा रही है। बुधवार 24 जुलाई को सुबह 3 बजे सत्येन्द्र सिंह सांखला का शव नेवी के गोताखोरों ने निकाला।

आग लगने से एक तरफ झुक गया था आईएनएस ब्रह्मपुत्र
बता दें कि आग लगने की घटना के बाद आईएनएस ब्रह्मपुत्र एक तरफ झुक गया था। जहाज पर लगी आग को 16 घंटे बाद बुझाया जा सका था। जिस वक्त हादसा हुआ, तब आईएनएस ब्रह्मपुत्र पर लगभग 300 अधिकारी और अन्य कर्मचारी मौजूद थे। सभी को सुरक्षित निकाल लिया गया लेकिन सत्येंद्र लापता था।
नेवी जवान सत्येन्द्र सिंह का पार्थिव शरीर बुधवार शाम तक दिल्ली और उसके बाद गुरुवार सुबह 10 बजे तक सड़क मार्ग से उनके पैतृक गांव डांगर लाया जाएगा। डांगर में सैनिक सम्मान से शहीद सत्येन्द्र सिंह सांखला का अन्तिम संस्कार किया जाएगा। आरएलडी नेता दिनेश सहारण ने बताया-शहीद के सम्मान में गुरुवार सुबह तिरंगा यात्रा निकाली जाएगी।

मिलनसार और हंसमुख थे सत्येंद्र
डांगर गांव के मधुप सिंह ने बताया- सत्येन्द्र सिंह सांखला 2018 में नेवी में नाविक के पद पर भर्ती हुए थे। अभी 3 महीने पहले मार्च में ही चचेरे भाई की हादसे में मौत के बाद सत्येन्द्र गांव आकर गए थे। गांव के लोगों ने बताया कि सत्येन्द्र काफी मिलनसार और हंसमुख थे।
परिवार में पिता पूर्ण सिंह और माता प्रेम देवी हैं, जो कि गांव में ही रहते हैं। आजीविका खेती-बाड़ी पर निर्भर है। सत्येन्द्र का एक बड़ा भाई मनेन्द्र सिंह (25) है, जो कि जोधपुर में निजी शिक्षण संस्था में शिक्षक है और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहा है।
INS ब्रह्मपुत्र की खासियत
- INS ब्रह्मपुत्र भारत में बना ‘ब्रह्मपुत्र’ क्लास का पहला गाइडेड मिसाइल फ्रिगेट है। इसे अप्रैल 2000 में भारतीय नौसेना में शामिल किया गया था।
- जिसका वजन 5,300 टन
- इसकी लंबाई 125 मीटर
- इसकी चौड़ाई 14.4 मीटर
- यह 27 नॉटिकल मील (1.85 किमी/ प्रति घंटा) से अधिक की स्पीड से चलने में सक्षम है। इस जहाज पर 40 अधिकारी और 330 नाविक मौजूद रहते हैं।
- जहाज में समुद्री युद्ध के हिसाब से सेंसर्स लगाए गए हैं। ये जहाज सीकिंग और चेतक हेलीकॉप्टर्स को संचालित करने में सक्षम है।
- इसका नाम असम में बहने वाली ‘ब्रह्मपुत्र’ नदी से लिया गया है। जहाज के क्रेस्ट पर सफेद-नीली समुद्री लहरों के साथ एक सींग वाले भारतीय गैंडे को दर्शाया गया है।
- जहाज में मीडियम रेंज, क्लोज रेंज और एंटी-एयरक्राफ्ट गन फिट किए गए हैं। साथ ही जहाज में सतह से सतह और सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल्स और टारपीडो लॉन्चर फिट किए गए हैं।