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FIFA World Cup: ग्रुप दौर के आखिरी मैच एक ही समय में क्यों? 40 साल पुराने इस विवाद से जुड़ा है मामला


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FIFA World Cup: ग्रुप दौर के आखिरी मैच एक ही समय में क्यों? 40 साल पुराने इस विवाद से जुड़ा है मामला

एक ग्रुप के दो मैच एक ही समय में होंगे। भारतीय समय के अनुसार रात 8:30 बजे से एक ग्रुप के आखिरी दो मैच होंगे। वहीं, रात 12:30 बजे से दूसरे ग्रुप के दोनों आखिरी मैच होंगे। फुटबॉल फैंस इस बात को लेकर हैरान हैं कि अलग-अलग समय की जगह एक ही समय में दो मैच क्यों आयोजित होंगे?

कतर विश्व कप में 32 टीमों के बीच ग्रुप दौर का मैच खेला जा रहा है। सोमवार (28 नवंबर) तक सभी टीमों के दो-दो मैच हो गए हैं। अब तक मौजूदा चैंपियन फ्रांस, पांच बार की चैंपियन ब्राजील और दिग्गज क्रिस्टियानो रोनाल्डो की टीम प्री-क्वार्टर फाइनल में पहुंच चुकी है। वहीं, मेजबान कतर बाहर हो चुका है। अभी भी 28 टीमों के पास अगले दौर में जगह बनाने का मौका है।

ग्रुप दौर में सभी टीमों के आखिरी मुकाबले 29 नवंबर से शुरू होंगे। अब तक चार मैच अलग-अलग समय पर शुरू हो रहे थे, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। एक ग्रुप के दो मैच एक ही समय में होंगे। भारतीय समय के अनुसार रात 8:30 बजे से एक ग्रुप के आखिरी दो मैच होंगे। वहीं, रात 12:30 बजे से दूसरे ग्रुप के दोनों आखिरी मैच होंगे। फुटबॉल फैंस इस बात को लेकर हैरान हैं कि अलग-अलग समय की जगह एक ही समय में दो मैच क्यों आयोजित होंगे? उन्हें एक बार में दो मैच देखने में परेशानी होगी। फैंस कई तरह के तर्क दे रहे हैं, लेकिन सच्चाई कुछ और ही है।
फॉर्मेट में क्यों हुआ बदलाव?
फॉर्मेट में बदलाव क्यों हुआ, इस बारे में जानने के लिए हमें 1982 विश्व कप में जाना पड़ेगा। तब टूर्नामेंट का आयोजन स्पेन में हुआ था। 25 जून 1982 को वेस्ट जर्मनी और ऑस्ट्रिया के बीच ग्रुप दौर का मैच होना था। यह मुकाबला गिजोन के एल मोलिनॉन स्टेडियम में खेला जाना था। इस मैच को बाद में ‘गिजोन का अपमान’ के रूप में याद किया जाने लगा। अब ऐसा क्या हुआ था कि इस मैच में फीक्सिंग तक के आरोप लग गए थे?

दरअसल, 1982 विश्व कप में अल्जीरिया ने शानदार शुरुआत की थी। उसने अपने पहले ग्रुप मैच में वेस्ट जर्मनी को 2-1 से हराया था। तब अल्जीरिया किसी यूरोपियन टीम को फुटबॉल विश्व कप में हराने वाली पहली अफ्रीकी टीम बनी थी। उसे अपने दूसरे मैच में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 0-2 से हार मिली थी। फिर तीसरे मैच में चिली के खिलाफ 3-2 से जीत हासिल हुई थी। अल्जीरिया एक विश्व कप में दो मैच जीतने वाली पहली अफ्रीकी टीम बनी थी।

समीकरणों ने टीमों को फंसाया
अल्जीरिया और चिली के मैच के अगले दिन वेस्ट जर्मनी और ऑस्ट्रिया के बीच मुकाबला होना था। इन दोनों टीमों के लिए आगे बढ़ने का समीकरण साफ था। अगर वेस्ट जर्मनी की टीम एक या दो गोल के अंतर से ऑस्ट्रिया को हराती है तो दोनों टीमें आगे बढ़ जाएंगी और अल्जीरिया बाहर हो जाएगा। वहीं, वेस्ट जर्मनी के 4-0 या उससे ज्यादा के अंतर से जीतने पर उसके साथ अल्जीरिया की टीम नॉकआउट में जाती। वहीं, 3-0 से जीतने की परिस्थिति में अल्जीरिया और ऑस्ट्रिया के बीच बराबरी हो जाती और फिर टाईब्रेकर होता। तब ऑस्ट्रिया को दो गोल के अंतर से जीतना होता।

तीनों टीमों के फैंस समीकरण में उलझे हुए थे। अल्जीरिया की टीम चाह रही थी वेस्ट जर्मनी मुकाबले को 4-0 या उससे ज्यादा के अंतर से जीते। मैच में वेस्ट जर्मनी ने पहले 10 मिनट में एक गोल कर दिया। अल्जीरिया के फैंस की उम्मीदें बढ़ गईं, लेकिन इसके बाद जो हुआ वह उसे याद नहीं करना चाहते। वेस्ट जर्मनी और ऑस्ट्रिया ने गोल करने के लिए कोई प्रयास नहीं किया। वेस्ट जर्मनी 1-0 से मैच जीत गया और ऑस्ट्रिया के साथ आगे बढ़ गया।

इस मैच के बाद क्या हुआ?
वेस्ट जर्मनी और ऑस्ट्रिया पर परिणाम तय करने का आरोप लगाया गया, जिससे दोनों यूरोपीय देशों को आगे बढ़ने में मदद मिली। हालांकि, फीफा ने फैसला सुनाया कि किसी भी टीम ने कोई नियम नहीं तोड़ा है और कोई फीक्सिंग नहीं हुई। इस मैच के बाद फीफा ने फॉर्मेट में बड़ा बदलाव किया। उसने एक ग्रुप के आखिरी दो मैच एक ही समय में कराने का फैसला किया। इससे किसी भी टीम को गलत फायदा उठाने का मौका नहीं मिलेगा।

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