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आत्महत्या जघन्य सामाजिक कलंक युवा जनसंख्या वाले भारत देश में कैसे ?
राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो द्वारा आत्महत्या पर हाल ही में जारी आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2022 में 1,71,000 लोगों ने आत्महत्या की है। वर्ष 2021 में यह आंकड़ा डेढ़ लाख था। यह दर साल दर साल बढ़ रही है। 2022 में आत्महत्या से होने वाली कुल मौतों में से 7.6% छात्र थे।रिपोर्ट में यह भी खुलासा हुआ कि 18 वर्ष से कम आयु के 1,123 छात्रों की आत्महत्या का कारण परीक्षा में असफलता थी।
आत्महत्या जघन्य सामाजिक कलंक युवा जनसंख्या वाले भारत देश में कैसे ?
युवाओं में तनाव: जड़ें ढूंढना, समाधान खोजना
राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो द्वारा आत्महत्या पर हाल ही में जारी आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2022 में 1,71,000 लोगों ने आत्महत्या की है। वर्ष 2021 में यह आंकड़ा डेढ़ लाख था। यह दर साल दर साल बढ़ रही है। 2022 में आत्महत्या से होने वाली कुल मौतों में से 7.6% छात्र थे।रिपोर्ट में यह भी खुलासा हुआ कि 18 वर्ष से कम आयु के 1,123 छात्रों की आत्महत्या का कारण परीक्षा में असफलता थी।
आज युवा स्टूडेंट स्कुल लाइफ कोचिंग लाइफ या कॉलेज लाइफ हर स्तर पर वर्ष भर कुछ न कुछ युवा मानसिक अवसाद के कारण आत्महत्या ,ड्रग्स की लत ,गलत मित्रता आदि कई समस्याओ से पीड़ित है और स्वयं को खत्म सा करने में उतारू हो रहा है इन सभी के पीछे कारण है तय समय पर सही करियर मार्गदर्शन नहीं मिल पाना और सर्विस क्लास माता पिता की सामाजिक उत्तरदायित्वों के निर्वहन में कमी जिसे अनदेखा नहीं किया जा सकता.
युवा जीवन कई संभावनाओं और उत्साह का समय होता है। लेकिन, यह तनाव और चिंता का समय भी हो सकता है। अध्ययन, करियर, रिश्ते, और सामाजिक अपेक्षाओं जैसी कई चीजें युवाओं में मानसिक तनाव पैदा कर सकती हैं।
कारण (Causes):
- शैक्षणिक दबाव : परीक्षाओं में सफल होने का भारी दबाव, प्रतियोगिता, और शिक्षा प्रणाली में खामियां युवाओं में तनाव का मुख्य कारण बन सकती हैं।
- सामाजिक अपेक्षाएं : परिवार और समाज से सफलता, शादी, और करियर को लेकर ऊंची अपेक्षाएं युवाओं पर बोझ बन सकती हैं।
- अकेलापन और सामाजिक अलगाव : घर से दूर रहकर पढ़ाई करना, नए दोस्त बनाने में परेशानी, और सामाजिक समर्थन की कमी तनाव का कारण बन सकती है।
- आत्मसम्मान की कमी : नकारात्मक विचार, खुद की तुलना दूसरों से करना, और असफलता का डर आत्मसम्मान कम कर सकता है और तनाव पैदा कर सकता है।
- अनिश्चित भविष्य : करियर की संभावनाओं को लेकर चिंता, आर्थिक सुरक्षा की कमी, और जीवन के लक्ष्यों को लेकर अनिश्चितता तनाव का कारण बन सकती है।
- अस्वस्थ जीवनशैली : खराब खानपान, नींद की कमी, व्यायाम की कमी, और नशीली दवाओं का सेवन मानसिक स्वास्थ्य को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकता है।
समाधान (Solutions):
- समय प्रबंधन और अध्ययन कौशल : समय का सदुपयोग, प्रभावी अध्ययन कौशल विकसित करना, और परीक्षाओं के लिए तैयारी की योजना बनाना तनाव को कम करने में मदद कर सकता है।
- सामाजिक समर्थन : परिवार और दोस्तों से बात करना, सामाजिक समूहों में शामिल होना, और पेशेवर मदद लेना तनाव से निपटने में सहायक हो सकता है।
- स्वस्थ जीवनशैली : पौष्टिक भोजन, नियमित व्यायाम, पर्याप्त नींद, और नशीली दवाओं से परहेज तनाव को कम करने और मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद कर सकता है।
- आत्म-देखभाल : अपनी रुचियों और शौक के लिए समय निकालना, ध्यान या योग जैसी विश्राम तकनीकों का अभ्यास करना, और सकारात्मक सोच विकसित करना तनाव को कम करने में मददगार हो सकता है।
- पेशेवर मदद : यदि तनाव गंभीर है और दैनिक जीवन में बाधा डाल रहा है, तो मनोवैज्ञानिक या मनोचिकित्सक से परामर्श लेना महत्वपूर्ण है।
आज का युवा स्वप्न से भरपूर परन्तु लक्ष्य से भटका हुआ है ,कही न कही आज के तकनीकी युग में आज का युवा मानसिक तनाव अवसाद से घिरा हुआ है .यह बात गाँधी ने कही और बताया की अगर युवा शक्ति को समय पर उपयोग में नहीं लाया गया तो परिवार समाज और यही नहीं सम्पूर्ण प्रदेश के साथ राष्ट्र को हानि उठानी पड़ सकती है .आज युवा सशक्तिकरण स्थानीय नहीं राष्ट्रीय मुद्दा है .युवाओ को तय समय पर अपने इच्छानुरूप करियर चुनाव कर सफलता के शिखर पर पहुंचना आवश्यक है ,परन्तु सफलता के मायने हर स्तर पर हम सभी के लिए अलग हो सकते है .युवाओं का जीवन सपनों और आकांक्षाओं से भरा होता है। वे अपनी कल्पनाओं में ऊंची उड़ान भरते हैं और एक बेहतर भविष्य का सपना देखते हैं। लेकिन सपनों को हकीकत में बदलने के लिए सिर्फ कल्पना ही काफी नहीं होती। इसके लिए हमें उन सपनों को लक्ष्य में बदलना होता है और उन्हें पाने के लिए कड़ी मेहनत करनी होती है।युवाओं के लिए करियर का चुनाव जीवन के सबसे महत्वपूर्ण फैसलों में से एक होता है। यह फैसला उनकी रुचि, योग्यता और क्षमता पर आधारित होना चाहिए। लेकिन कई बार युवा अपने सपनों को नजरअंदाज कर सामाजिक दबाव या आसान विकल्पों के चक्कर में फंस जाते हैं।यह याद रखना ज़रूरी है कि सफलता आसानी से नहीं मिलती। अपने सपनों को लक्ष्य में बदलने के लिए हमें लक्ष्य निर्धारित करना होगा, योजना बनानी होगी, और कड़ी मेहनत करनी होगी। रास्ते में कई चुनौतियां आएंगी, लेकिन हार न मानना और लगातार प्रयास करते रहना ही सफलता की कुंजी है।इंटरनेशनल करियर कोच डॉ नयन प्रकाश गाँधी ने कहा की आज के युवाओ को अपनी रुचि और क्षमता को पहचाना होगा साथ ही युवाओ को यह जानना ज़रूरी है कि वे किस काम में रुचि रखते हैं और उनमे कौन सी क्षमताएं हैं। अपनी रुचि और क्षमता के अनुसार करियर का चुनाव करें।अपने सपनों को छोटे-छोटे लक्ष्यों में बांटें। हर लक्ष्य के लिए समय सीमा निर्धारित करें और योजना बनाएं।लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए कड़ी मेहनत और लगन से काम करना होगा। समय का सदुपयोग करें और अपनी क्षमताओं को विकसित करने का प्रयास करें।हमेशा सकारात्मक सोच रखें और खुद पर विश्वास रखें। नकारात्मक विचारों को अपने मन में जगह न दें।गुरुओं और मार्गदर्शकों से सीखें,जो लोग आपके क्षेत्र में सफल हैं, उनसे प्रेरणा लें और उनसे सीखें। गुरुओं और मार्गदर्शकों का मार्गदर्शन आपको सही रास्ते पर चलने में मदद करेगा। रास्ते में कई चुनौतियां आएंगी, लेकिन हार न मानें। अपने लक्ष्यों पर ध्यान केंद्रित रखें और लगातार प्रयास करते रहें।युवाओं, याद रखें कि सपनों को हकीकत में बदलने की शक्ति आपके अंदर है। अपने सपनों को लक्ष्य में बदलें, कड़ी मेहनत करें और सफलता प्राप्त करें।भारत का भविष्य आप ही हैं। आप अपनी प्रतिभा और क्षमताओं से देश का नाम रोशन कर सकते हैं। अपने सपनों को पूरा करें और एक बेहतर भविष्य का निर्माण करें! लेखक परिचय : डॉ नयन प्रकाश गाँधी देश के चर्चित स्तम्भकार ,युवा सशक्तिकरण पर सक्रिय एवं प्रशिक्षित करियर कोच है
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