मंड्रेला SHO साहित 3 लाइन हाजिर:पोस्टमॉर्टम के बाद भी नहीं लिया शव,हॉस्पिटल में धरना जारी,एसएचओ समेत सभी को सस्पेंड करने,सरकारी सहायता देने की मांग पुलिस हिरासत में मौत का मामला
मंड्रेला SHO साहित 3 लाइन हाजिर:पोस्टमॉर्टम के बाद भी नहीं लिया शव,हॉस्पिटल में धरना जारी,एसएचओ समेत सभी को सस्पेंड करने,सरकारी सहायता देने की मांग पुलिस हिरासत में मौत का मामला

झुंझुनूं : दुष्कर्म के मामले में गिरफ्तार युवक गौरव शर्मा की पुलिस हिरासत में मौत के मामले में एसपी ने मंड्रेला थानाधिकारी रविंद्रसिंह समेत तीन पुलिसकर्मियों को हटाकर पुलिस लाइन भेज दिया है। परिजनों ने अभी शव नहीं लिया है। परिजनों थानाधिकारी साहित सात जवानों को सस्पेंड करने की मांग की है।

देर शाम मेडिकल बोर्ड से पोस्टमार्टम कराया गया, लेकिन परिजनों शव नहीं लिया है।गौरव शर्मा के बहनोई बसई माजरा निवासी दिनेश शर्मा के नेतृत्व में लोगों ने हत्या का मामला दर्ज कर दोषी पुलिस कर्मियों को गिरफ्तार करने की मांग की। परिजनों को सहायता देने की मांग की।
परिजन हत्या का मामला दर्ज करने की बात पर अड़े रहे। एसपी का कहना था कि न्यायिक मजिस्ट्रेट से जांच चल रही है। शाम को न्यायिक मजिस्ट्रेट से हुई वार्ता के बाद बीडीके अस्पताल में डॉक्टर नवनीत मील, डॉक्टर कपिल सिहाग व डॉक्टर इकराज अहमद के मेडिकल बोर्ड से पोस्टमार्टम कराया गया। मामले में एसपी राजर्षि राज वर्मा ने थानाधिकारी रविंद्र सिंह, डीओ धर्मपाल व संतरी मीनाक्षी को हटाकर लाइन भेजा है। पिलानी थाने के एसआई चंद्रभान को मंड्रेला थानाधिकारी लगाया गया है।

गौरव के बहनोई बसई (माजरा) निवासी दिनेश कुमार शर्मा ने रिपोर्ट दी कि उसके साले गौरव शर्मा को 24 मई को राजस्थान हाइकोर्ट परिसर से मंड्रेला थानाधिकारी रविंद्र सिंह व सात पुलिसकर्मी उठाकर लाए थे। रिपोर्ट में आरोप लगाया गया है कि पुलिस हिरासत में गौरव की हत्या कर दी गई।
बुचाहेड़ा कोटपूतली निवासी गौरव शर्मा (34) पुत्र जगदीप्रसाद शर्मा को मंड्रेला थाना पुलिस ने 25 मई को दुष्कर्म के आरोप में जयपुर से गिरफ्तार किया था। वह पांच दिन के रिमांड पर चल रहा था।

बुधवार दोपहर में अचानक तबीयत बिगड़ने पर उसे मंड्रेला सीएचसी से झुंझुनूं रेफर किया गया। झुंझुनूं पहुंचने पर चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया। हिरासत में मौत की खबर सुनकर गौरव शर्मा के परिजन व रिश्तेदार मंड्रेला पहुंच गए। थाने के सामने प्रदर्शन कर गौरव शर्मा को प्रताड़ित कर मारने का आरोप लगाया। मंड्रेला थानाधिकारी रवींद्र सिंह समेत 7 पुलिस कर्मियों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कर गिरफ्तारी की मांग की।

युवती ने कहा था स्वैच्छा से गई, फिर दुष्कर्म का केस पुलिस हिरासत में में युवक की मौत के मामले में पुलिस की बड़ी लापरवाही सामने आई है। जिस युवती से दुष्कर्म के मामले में गौरव शर्मा को गिरफ्तार किया गया था। उसमें पहले गुमशुदगी दर्ज हुई थी। युवती व गौरव शर्मा 21 अप्रैल को गए थे। युवती की मां ने गुमशुदगी दर्ज कराई थी। पुलिस ने युवती व गौरव शर्मा को हैदराबाद से दस्तयाब कर तीन मई को लेकर आई थी। उस समय युवती ने अपनी स्वैच्छा से साथ जाना बताया था। उसके तीन दिन बाद पुलिस ने दोनों को छोड़ दिया था। इसके चार दिन बाद युवती की ओर से 7 मई को गौरव शर्मा के खिलाफ दुष्कर्म का मामला दर्ज कराया गया। जिसमें नौकरी का झांसा देकर घर ले जाकर वहां से हैदराबाद ले जाने और जबरन आर्य समाज से शादी करने और गलत काम करने का आरोप लगाया था। पुलिस ने गौरव शर्मा को हाइकोर्ट जयपुर से 24 मई को पकड़ा था, जबकि पुलिस उसे 25 मई को जयपुर सिंधी कैंप से पकड़ना बता रही है।
परिजन बोले-प्राइवेट पार्ट पर चोट के निशान
मृतक गौरव शर्मा के बहनोई बसई माजरा निवासी दिनेशकुमार शर्मा का कहना है कि उनके साले गौरव शर्मा को पुलिस ने हिरासत में टॉर्चर किया गया। हमने शव देखा। उसके नाक, कान में खून आ रहा था, प्राइवेट पार्ट में चोट है। कमर में चोट है। हमने थानाधिकारी रविंद्र सिंह समेत छह पुलिस कर्मी व दो अन्य नामजद व अन्य के खिलाफ हत्या की रिपोर्ट दी है। पुलिस हमारी रिपोर्ट दर्ज नहीं कर रही है। एसपी से मिले। उन्होंने भी रिपोर्ट दर्ज नहीं। एजीएम के आश्वासन के बाद पोस्टमार्टम करा रहे हैं। लेकिन जब तक हमारी मांगें नहीं मानी जाएंगी तब शव नहीं लेंगे। दोषी पुलिसकर्मी सस्पेंड होने चाहिए।
आपराधिक रिकॉर्ड नहीं फिर भी इनाम घोषित
गौरव शर्मा की मौत ने पुलिस की भूमिका पर सवाल खड़े कर दिए हैं। 7 मई को गौरव शर्मा के खिलाफ मामला दर्ज हुआ। उसका पहले से कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं था। मामला दर्ज होने के कुछ दिन बाद ही पुलिस ने उसको थाने का टॉप मुल्जिम करार दे दिया और उस पर दस दिन पहले 5 हजार रुपए का इनाम भी घोषित कर दिया। गौरव शर्मा के खिलाफ पहले से महज दहेज प्रताड़ना का मामला दर्ज है। पहले से कोई संगीन मामला दर्ज नहीं होने के बावजूद मंड्रेला पुलिस ने 18 दिन में न केवल उसे थाने का टॉप टेन मुल्जिम घोषित कर दिया, बल्कि उस पर 5 हजार रुपए का इनाम भी घोषित कर दिया।