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शराब माफिया ने रूह कंपा देने वाली सजा दी:हत्या करके घर के बाहर फेंक गए थे बॉडी; मां बोली- सब कुछ छीन लिया


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शराब माफिया ने रूह कंपा देने वाली सजा दी:हत्या करके घर के बाहर फेंक गए थे बॉडी; मां बोली- सब कुछ छीन लिया

शराब माफिया ने रूह कंपा देने वाली सजा दी:हत्या करके घर के बाहर फेंक गए थे बॉडी; मां बोली- सब कुछ छीन लिया

सूरजगढ़ : झुंझुनूं जिले के सूरजगढ़ थाने का बलोदा गांव। गांव में सन्नाटा पसरा है। गांव का हर कोई शराब माफियाओं की दरिंदगी से खौफ में हैं। यह वही गांव है जहां 27 साल के दलित युवक रामेश्वर वाल्मीकि को घर से किडनैप किया गया, फिर लाठियों से इतना पीटा कि उसकी मौत हो गई। घटना 14 मई की है।

गांव के लोग बताते हैं पिटाई का वीडियो देखा तो रूह कांप गई। कोई किसी को बिना कसूर इतना भी मारता है क्या? गांव के मुख्य चौक से थोड़ा आगे बढ़ने पर रामेश्वर का दो कमरों का घर है। घर के चौक में पांच-छह लोग बैठे मिले।

रामेश्वर का घर। पीली ओढ़नी में मां राधा देवी। जमीन पर लाल शर्ट में बैठा बड़ा भाई कालूराम।
रामेश्वर का घर। पीली ओढ़नी में मां राधा देवी। जमीन पर लाल शर्ट में बैठा बड़ा भाई कालूराम।

एक पेड़ के नीचे 65 साल की बुजुर्ग महिला बैठी थी। यह रामेश्वर की मां राधा देवी थीं। मां से जब हमने पूछा कि बेटे रामेश्वर के क्या हुआ था? कब घर से निकला था? मां के आंखों से आंसू बहने लगे। उन्होंने कहा- मेरा तो सहारा मेरा बेटा ही था। उससे ही मेरा घर चल रहा था। घर में हम मां बेटा ही रहते थे। हम दोनों मिलकर घर का काम करते थे।

उन दरिंदों ने मुझ से मेरा बेटा छीन लिया। मैं जैसे रो रही हूं, वैसे ही उनकी मां भी रोएं। बेटा मेरा सहारा था। दो बेटे तो बाहर रहते हैं, वह मेरे पास रहता था। अब गुनहगारों को फांसी दो।

गोशाला से घर आया था, खाना भी नहीं खाया

राधा देवी ने बताया- 14 मई का दिन था। सुबह 11 बजे रामेश्वर गोशाला से घर आया था। मैंने कहा- खाना खा ले। तो बोला- अभी आया हूं, कुछ देर में खाऊंगा। फिर वह ठंडा पानी लेने टंकी के पास चला गया। इसके बाद वह लौट कर नहीं आया। शाम को घर के पास उसकी लाश पड़ी मिली।

जब वो घर से चला गया था, मैं कुछ देर के लिए आराम करने के लिए लेट गई। रामेश्वर बहुत देर तक नहीं आया, तब मैं उसे तलाशने निकली। गांव का ही एक लड़का सुभाष मुझे मिला। उससे रामेश्वर के बारे में पूछ लिया। उसने बताया कि रामेश्वर को ठेके वाले लेकर गए हैं।

बलोदा गांव में शराब का यह ठेका सुशील कुमार को दिया गया था। उसने अवैध तरीके से बदमाश चिंटू को दे रखा है।
बलोदा गांव में शराब का यह ठेका सुशील कुमार को दिया गया था। उसने अवैध तरीके से बदमाश चिंटू को दे रखा है।

मैंने सुभाष के सामने हाथ जोड़े। कहा कि मुझे ले चल वे लोग उसे कहां ले गए हैं। रामेश्वर की तलाश में मैं भटकती रही। मुझे किसी ने नहीं बताया कि मेरे रामेश्वर को वे लोग कहां ले गए हैं। दोपहर में सभी घर बंद थे। थक हार कर मैं लौट आई।

दोपहर 3 बजे मैं चारपाई पर लेट गई। शाम को हल्ला मचा तो बाहर निकली। देखा कि रामेश्वर जमीन पर पड़ा हुआ है। मैं उसे देखकर रोने लगी। लोगों की भीड़ जुट गई। किसी ने कहा कि यह तो खत्म हो गया। यह सुन मेरी जान ही निकल गई। रामेश्वर मेरे 3 बेटों में सबसे छोटा था। एक बेटा कोटपूतली रहता है और दूसरा सीकर में। दोनों पांच-पांच हजार रुपए की मजदूरी करते हैं।

छह दिन का था तब ही हो गई थी पिता की मौत

राधा देवी ने बताया- रामेश्वर 6 दिन का था, जब उसके पिता हड़मान वाल्मीकि की मृत्यु हो गई थी। उसने अपने पिता को भी नहीं देखा। पिता का प्यार नहीं पाया। जीवन में बडे संघर्ष के साथ तीनों बेटों का पालन-पोषण किया। दो बेटे अपने-अपने परिवार के साथ रहते हैं। गांव में मेरे साथ छोटा बेटा रामेश्वर रहता था। वही मेरी देखभाल करता था। बुढ़ापे का सहारा था।

लोग बोले- मारपीट का वीडियो देखा हर कोई सिहर उठा

राधा देवी के पास गांव की कुछ महिलाएं बैठी थीं। उन्होंने बताया- रामेश्वर के साथ की गई मारपीट का वीडियो जब देखा तो हमारी रूह कांपने लगी। दरिंदों ने बड़ी बेरहमी से पीटा था। वह पिटाई सह नहीं सका और उसकी मौत हो गई। हत्यारों को फांसी मिलनी चाहिए।

उम्र के इस पड़ाव पर बहुत कमजोर शरीर, चेहरे पर बेटे के जाने का गम और बीते 13 दिन से बुखार से जूझ रहीं राधा देवी अपने बेटे के हत्यारों को फांसी देने की मांग कर रही हैं।

सूरजगढ़ पुलिस ने अभी तक इस मामले में 8 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। एक नाबालिग को निरुद्ध किया है।
सूरजगढ़ पुलिस ने अभी तक इस मामले में 8 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। एक नाबालिग को निरुद्ध किया है।

गोशाला में करता था नौकरी, यहां भी सन्नाटा, साथियों को सुनाता था भजन

घर के ठीक पीछे कुछ दूरी पर एक गोशाला है। इसी गोशाला में रामेश्वर 9500 रुपए की नौकरी करता था। गोशाला में रामेश्वर के साथ काम करने वाली कर्मचारी संतोष देवी रोने लगीं। उन्होंने बताया- हम सुबह पांच बजे गोशाला आते थे। काम करते थे। रामेश्वर के जाने के बाद गोशाला सूनी हो गई। वह बहुत शरीफ और नर्म स्वभाव का व्यक्ति था। काम के साथ गाने-भजन सुनाता रहता था। किसी भी काम के लिए मना नहीं करता था।

14 मई को बलोदा गांव में इसी टंकी के पास से रामेश्वर को किडनैप किया गया था।
14 मई को बलोदा गांव में इसी टंकी के पास से रामेश्वर को किडनैप किया गया था।

14 मई को गोशाला का काम कर वह सुबह 11 बजे से थोड़ा पहले घर जाने के लिए निकला था। इस दौरान पानी लाने के लिए स्कूल के पास टंकी पर चला गया। यहां से वह अक्सर ठंडा पानी भर ले जाता था। रामेश्वर का कोई कसूर नहीं था। गांव के ही सुभाष बावरिया ने दरिंदों को रामेश्वर की सूचना दी थी। इसके बाद बदमाश उसे उठाकर ले गए।

साथी कर्मचारी ने बताया- उसकी किसी से कोई दुश्मनी नहीं थी

गोशाला में रामेश्वर के साथी कर्मचारी नवल ने बताया- रामेश्वर बहुत शांत व्यक्ति था। पिछले चार साल से वह हमारे साथ काम करता था। उसकी किसी से कोई दुश्मनी नहीं थी। हम सब मिलकर गोशाला में काम करते थे।

वहीं साथ काम करने वाले बल्लू ने बताया कि रामेश्वर बहुत सीधा-सादा इंसान था। किसी के साथ उसका कभी कोई झगड़ा नहीं हुआ। रामेश्वर की किसी के साथ क्या दुश्मनी हो सकती है? वह अपने काम से काम रखता था।

बल्लू ने बताया- रामेश्वर गोशाला में काम करने के साथ ही डफली बजाता था। गांव में किसी शादी या खुशी के मौके पर लोग उसे डफली बजाने के लिए बुलाते थे। वह खुशमिजाज और नाचने गाने का शौकीन था।

बलोदा गांव में यह रामेश्वर का मकान है। इसमें वह अपनी मां राधा देवी के साथ रहता था।
बलोदा गांव में यह रामेश्वर का मकान है। इसमें वह अपनी मां राधा देवी के साथ रहता था।

प्रशासन कर रहा है खानापूर्ति, आरोपियों के पूरे मकान नहीं तोड़े

रामेश्वर के भाई कालू ने आरोप लगाया- प्रशासन कार्रवाई के नाम पर खानापूर्ति कर रहा है। सभी आरोपियों को गिरफ्तार करने की बात कह रहे हैं। जिसने आरोपियों को रामेश्वर की सूचना दी, अपहरण में मदद की, उसको अभी तक गिरफ्तार नहीं किया गया है। सुभाष बावरिया ने ही बदमाशों को सूचना दी थी। एफआईआर में उसका नाम है। फिर भी उसको गिरफ्तार नहीं किया। मकान तोड़ने की कार्रवाई भी महज खानापूर्ति है। आरोपियों के पशु बांधने, चारा डालने के कमरों को ही तोड़ा गया है। आरोपियों को सख्त सजा मिलनी चाहिए।

सूरजमलजी की हवेली है बदमाशों का अड्‌डा

रामेश्वर के घर से कुछ ही दूरी पर सूरजमलजी की वीरान पड़ी एक हवेली है। इस हवेली को शराब माफिया ने अपना अड्‌डा बना रखा है। बदमाश रामेश्वर को किडनैप कर इसी हवेली में लेकर गए थे। इसी हवेली में रामेश्वर की करीब छह घंटे तक लाठियों से बेरहमी से पिटाई की गई थी। इससे उसकी हालत खराब हो गई। वह अचेत हो गया। घबरा कर आरोपी उसे हरियाणा के किसी निजी अस्पताल में भी लेकर गए, वहां डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया तो शाम 7 बजे के पास उसको घर के पास पटक गए।

ग्रामीणों ने बताया- आरोपियों का आसपास के गांवों में आतंक है। वे कई युवाओं को पीट चुके हैं। वे चाहते हैं कि उनके कहने पर उनके बताए ठेकों से मुंह मांगे दाम पर शराब खरीदी जाए। किसी भी व्यक्ति में इनकी शिकायत करने की हिम्मत नहीं है। इन आरोपियों ने गैंग बना रखी है। इनके पास बड़ी बड़ी गाड़ियां हैं। ये चाहें जिसको उठा ले जाते हैं। युवाओं को डरा-धमकाकर अवैध काम भी करवाते हैं। शराब की तस्करी भी करवाते हैं।

बदमाश रामेश्वर को किडनैप कर इस हवेली में लाए थे। यहीं 6 घंटे टॉर्चर किया।
बदमाश रामेश्वर को किडनैप कर इस हवेली में लाए थे। यहीं 6 घंटे टॉर्चर किया।

ठेके से शराब खरीदने का दबाव

सूरजगढ़ (झुंझुनूं) से बलोदा गांव जाने वाले मुख्य मार्ग पर ही शराब का यह ठेका है। प्रशासन ने अब ठेकेदार का लाइसेंस रद्द कर दिया है। इसमें रखी शराब को जब्त कर लिया है। आबकारी विभाग ने शराब का ठेका बलोदा गांव के सुशील कुमार को दिया था। सुशील कुमार ने इसे अवैध रूप से आरोपी चिंटू को दे दिया था। चिंटू अपराधी है। उस पर सूरजगढ़ थाने में कई मुकदमे दर्ज हैं। चिंटू ग्रामीणों को ठेके से शराब खरीदने के लिए धमकाता था और पिटाई भी करता था।

यह वीडियो 14 मई वारदात के दिन का है। रामेश्वर को इस तरह बांधकर पिटाई की गई थी।
यह वीडियो 14 मई वारदात के दिन का है। रामेश्वर को इस तरह बांधकर पिटाई की गई थी।

पीड़ित परिवार को सरकार से नहीं मिली राहत

रामेश्वर के घर के हालात काफी दयनीय है। घर में मां-बेटे रहते थे। रामेश्वर की नौकरी से मां-बेटे का पेट पल रहा था। उसकी हत्या के बाद घर में आमदनी का जरिया खत्म हो गया। बूढ़ी मां के सामने खाने-पीने की भी समस्या खड़ी हो गई।

परिजनों व अन्य सामाजिक कार्यकर्ताओं ने सरकार से पीड़ित परिवार को 50 लाख रुपए मुआवजा व परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दिए जाने की मांग की है।

परिजनों ने बताया कि उनकी हालत जानने अभी तक सरकार का कोई प्रतिनिधि या बड़ा अधिकारी नहीं आया। एसडीएम दयानंद रुयल व तहसीलदार चंद्रशेखर यादव आए थे। इन्होंने जन सहयोग से तीन बोरी गेहूं, पांच किलो चीनी, एक किलो चाय दिलवाई। सरकार से मिलने वाली मदद शीघ्र ही जारी करवाने का आश्वासन दिया। साथ आए डॉक्टर ने राधा देवी का मेडिकल चेकअप कर दवा दी थी।

पुलिस और प्रशासन ने तीन आरोपियों के मकान पर बुलडोजर चलाने की कार्रवाई की। पीड़ित परिवार ने इसे नाकाफी बताया है।
पुलिस और प्रशासन ने तीन आरोपियों के मकान पर बुलडोजर चलाने की कार्रवाई की। पीड़ित परिवार ने इसे नाकाफी बताया है।

रामेश्वर के दो बड़े भाई हैं। इनमें कालूराम कोटपूतली और सुल्तान सीकर रहता है। बदमाशों ने 14 मई को रामेश्वर के अलावा गांव के ही जेटूराम नायक का भी अपहरण किया था। दोनों को हवेली में लेकर गए थे। घटना के सात दिन बाद मारपीट का वीडियो भी सोशल मीडिया पर शेयर हुआ था। इस मामले में सूरजगढ़ पुलिस ने अब तक 8 लोगों को गिरफ्तार किया और एक नाबालिग को निरुद्ध कर चुकी है।

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