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फर्जी एनओसी मामला: आरोपी महिला डॉक्टर की जमानत खारिज:एसआईटी ने कोर्ट में कहा- दलालों के संपर्क में थे फोर्टिस के डॉक्टर, आरोपी महिला डॉक्टर की जमानत अर्जी खारिज


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फर्जी एनओसी मामला: आरोपी महिला डॉक्टर की जमानत खारिज:एसआईटी ने कोर्ट में कहा- दलालों के संपर्क में थे फोर्टिस के डॉक्टर, आरोपी महिला डॉक्टर की जमानत अर्जी खारिज

फर्जी एनओसी मामला: आरोपी महिला डॉक्टर की जमानत खारिज:एसआईटी ने कोर्ट में कहा- दलालों के संपर्क में थे फोर्टिस के डॉक्टर, आरोपी महिला डॉक्टर की जमानत अर्जी खारिज

जयपुर : फर्जी एनओसी ऑर्गन ट्रांसप्लांट मामले में कोर्ट ने फोर्टिस हॉस्पिटल के दोनों डॉक्टर्स जितेंद्र गोस्वामी व संदीप गुप्ता को बुधवार को दोपहर करीब 12.40 बजे कोर्ट में पेश किया, जहां से 6 दिन के रिमांड पर भेज दिया। इस दौरान एसआईटी ने कहा कि डॉक्टर्स के खिलाफ रिमांड पर लेने के पुख्ता सबूत हैं, इसलिए इन्हें 10 दिन के रिमांड पर भेजे। दोनों की सीडीआर से मिली जानकारी में सामने आया है कि ये दलालों के संपर्क में थे। इनके मोबाइल की जांच की गई तो उसमें दलालों से इनकी चैट भी मिली है। ऐसे में इस आधार पर आगे की जांच करनी है कि इनके आगे किन-किन लोगों के साथ में संपर्क रहे हैं।

वहीं आरोपियों के वकीलों ने दलील दी कि इस केस में उनका कोई लेना-देना नहीं है। वे तो केवल हॉस्पिटल में ऑपरेशन ही करते थे और उन्होंने जो भी ऑपरेशन किए हैं, उनमें फर्जी एनओसी की जांच करना उनका काम नहीं था। इसके अलावा एसीबी ने भी मामले में एसएमएस अस्पताल के स्टाफ की गिरफ्तारी की थी, लेकिन वहां के डॉक्टर्स से पूछताछ नहीं की है। जबकि इस केस की शुरुआत भी वहीं से ही हुई है। इसलिए एसआईटी को 10 दिन का रिमांड नहीं दिया जाए। कोर्ट ने दोनों पक्षों की बहस सुनकर आरोपियों को 6 दिन के रिमांड पर भेज दिया। गौरतलब है कि एसीबी ने एसएमएस हॉस्पिटल में 31 मार्च सहायक प्रशासनिक अधिकारी गौरव सिंह व ईएचसीसी हॉस्पिटल के ऑर्गन ट्रांसप्लांट को-ऑर्डिनेटर अनिल जोशी को लेन-देन करते रंगे हाथों पकड़ा था। टीम ने मौके से 70 हजार रुपए व 3 फर्जी एनओसी भी जब्त की थीं।

फर्जी एनओसी के जरिए ऑर्गन ट्रांसप्लांट के मामले में फोर्टिस हॉस्पिटल की डॉक्टर ज्योति बंसल को जमानत देने से इनकार करते हुए कोर्ट ने उसकी अर्जी खारिज कर दी। कोर्ट ने फैसले में कहा कि जांच में सामने आया है कि फोर्टिस हॉस्पिटल में किडनी ट्रांसप्लांट करने वाली दो टीम हैं।

एक टीम में गिरफ्तार आरोपी डॉ. संदीप गुप्ता व डॉ. राजेश गरसा है, जबकि दूसरी टीम में डॉ. ज्योति बंसल व डॉ. जितेन्द्र गोस्वामी है। अनुसंधान में भी सामने आया है कि डॉ. ज्योति बंसल ने फोर्टिस हॉस्पिटल में रहते हुए किडनी ट्रांसप्लांट किए और उनके संपर्क किडनी ट्रांसप्लांट के लिए मरीजों को लाने वाले दलालों से भी थे। इस मामले में आरोपी की भूमिका भी संदिग्ध है और उस पर गंभीर आरोप हैं। ऐसे में उसे जमानत का लाभ नहीं दिया जा सकता।

एनओसी की प्रमाणिकता का संदेह… फिर भी अनदेखी

चिकित्सा मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर ने बताया कि वर्ष 2020 में ही एनओसी की प्रमाणिकता का संदेह होने के बाद भी इन तथ्यों की अनदेखी की गई। चेन्नई एवं बुलंदशहर में ट्रांसप्लांट के लिए जारी एनओसी की प्रमाणिकता जांचने एसएमएस को पत्र लिखा था, लेकिन उसे नजरअंदाज किया। उसी समय एक्शन होने पर मामलों को रोका जा सकता था। अनियमितताओं को रोकने के लिए भ्रष्टाचार मुक्त, अॉनलाइन बनाने के लिए एसओपी व गाइडलाइन तैयार की जा रही है।

वर्षों से जमा अफसरों व स्टाफ की होगी छुट्टी

प्रदेश में चिकित्सा विभाग में वर्षों से जमा अफसरों व स्टाफ की अब छुट्टी होने वाली है। पहले कैटेगरी के अनुसार सूची बनाई जाएगी। इसके बाद तबादला किया जाएगा। चिकित्सा मंत्री के अनुसार चिकित्सा विभाग ने तबादला नीति बना ली है। आचार संहिता के बाद मुख्यमंत्री से चर्चा करके लागू की जाएगी।

डॉ. जितेंद्र गोस्वामी व डॉ. संदीप गुप्ता

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