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एसआईटी बोली- दलालों के संपर्क में थे फोर्टिस के डॉक्टर:मोबाइल में चैट मिली, वकील बोले- दोनों निर्दोष; कोर्ट ने 6 दिन के रिमांड पर भेजा


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एसआईटी बोली- दलालों के संपर्क में थे फोर्टिस के डॉक्टर:मोबाइल में चैट मिली, वकील बोले- दोनों निर्दोष; कोर्ट ने 6 दिन के रिमांड पर भेजा

एसआईटी बोली- दलालों के संपर्क में थे फोर्टिस के डॉक्टर:मोबाइल में चैट मिली, वकील बोले- दोनों निर्दोष; कोर्ट ने 6 दिन के रिमांड पर भेजा

जयपुर : फर्जी एनओसी से ऑर्गन ट्रांसप्लांट मामले की जांच कर रही एसआईटी ने बुधवार को फोर्टिस के दोनों डॉक्टर को कोर्ट में पेश किया। एसआईटी ने कोर्ट से दोनों डॉक्टर का 10 दिन का रिमांड मांगा, लेकिन कोर्ट ने दोनों डॉक्टर का 6 दिन का रिमांड दिया है। इसके बाद एसआईटी की टीम दोनों डॉक्टरों को लेकर कोर्ट से निकल गई।

डॉक्टर के वकीलों ने कहा- दोनों निर्दोष, उनका कोई रोल ही नहीं
आरोपी डॉक्टरों के वकीलों ने दलील देते हुए कोर्ट से कहा कि उनके क्लाइंट का इस केस से कोई लेना-देना नहीं हैं। ये तो केवल हॉस्पिटल में ऑपरेशन करते थे। दोनों ने जो ऑपरेशन किए, उसमें फर्जी एनओसी की जांच करने का काम इनका नहीं था।

उन्होंने कहा- इस मामले में एसीबी ने सवाई मानसिंह (SMS) अस्पताल के स्टाफ को गिरफ्तार किया था, लेकिन एसआईटी वहां के डॉक्टर्स से कोई पूछताछ नहीं कर रही है, जबकि पूरी कहानी वहीं से शुरू हुई है। एसआईटी को एसएमएस हॉस्पिटल के डॉक्टरों से भी पूछताछ करनी चाहिए, क्योंकि उनकी मिलीभगत के बिना फर्जी एनओसी जारी नहीं हो सकती थी।

एसआईटी बोली- डॉक्टर दलालों के संपर्क में थे, मोबाइल में मिली चैट
एसआईटी ने कोर्ट में आरोपियों को जब पेश किया तो कोर्ट ने एसआईटी से भी रिमांड लेने की आवश्यकता और अब तक एसआईटी ने क्या किया इस पर सवाल पूछे। इस पर एसआईटी ने बताया कि इस केस पर बारीकी से काम किया जा रहा है। पुलिस रिमांड पर चल रहे डॉक्टर्स के खिलाफ पुलिस के पास पुख्ता सबूत है।

दोनों डॉक्टर्स की सीडीआर से जानकारी सामने आई है कि ये दलालों के संपर्क में थे। इनके मोबाइल की जांच की गई तो उसमें दलालों से इनकी चैट मिली है। इस आधार पर आगे की जांच करनी है। इस पर कोर्ट ने फोर्टिस अस्पताल के दोनों डॉक्टरों को 6 दिन के रिमांड पर भेज दिया।

1 दिन पहले हुआ था एसआईटी का गठन
राज्य सरकार ने एसआईटी गठन करने के आदेश दिए थे। इस पर मंगलवार को जयपुर कमिश्नर बीजू जॉर्ज जोफस ने एसआईटी का गठन किया था। ऑर्गन ट्रांसप्लांट मामले में दर्ज तीनों एफआईआर की जांच एसआईटी करेगी।

एसआईटी में एसीपी गांधी नगर गोपाल सिंह ढाका और एसीपी पुलिस लाइन हेमराज मूंड, 2 पुलिस निरीक्षक हवा सिंह मंगावा और भवानी सिंह, 2 एएसआई मूल सिंह और धर्मेंद्र कुमार के साथ-साथ 2 कॉन्स्टेबल चैन सिंह और सुभाष चंद्र रहेंगे। एसआईटी की जांच की मॉनिटरिंग जयपुर पुलिस कमिश्नर बीजू जॉर्ज जोसफ करेंगे।

डॉक्टर से पूछताछ में चौंकाने वाले खुलासे
ऑर्गन ट्रांसप्लांट मामले में गिरफ्तार फोर्टिस हॉस्पिटल के दो डॉक्टर जितेंद्र गोस्वामी और संदीप गुप्ता को पुलिस ने रविवार को कोर्ट में पेश किया, जहां से दोनों को 15 मई तक पुलिस रिमांड पर भेजा था। गिरफ्तार डॉक्टर जितेंद्र गोस्वामी से हुई पूछताछ में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। सामने आया है कि जितेंद्र गोस्वामी SMS अस्पताल के एएओ गौरव सिंह से डायरेक्ट संपर्क में था। जब तक वह मणिपाल हॉस्पिटल में रहा, उसने वहां पर कई ट्रांसप्लांट किए थे। आरोपी ने जब फोर्टिस अस्पताल जॉइन किया तो भी गौरव के संपर्क में रहा और हॉस्पिटल के कई स्टाफ को अपने साथ मिला चुका था।

एसीबी ने ऑर्गन ट्रांसप्लांट के लिए फर्जी एनओसी मामले में सवाई मानसिंह अस्पताल के एएओ गौरव सिंह, ईएचसीसी अस्पताल के ऑर्गन को-ऑर्डिनेटर अनिल जोशी और फोर्टिस अस्पताल के ऑर्गन को-ऑर्डिनेटर को विनोद सिंह को गिरफ्तार किया था।
एसीबी ने ऑर्गन ट्रांसप्लांट के लिए फर्जी एनओसी मामले में सवाई मानसिंह अस्पताल के एएओ गौरव सिंह, ईएचसीसी अस्पताल के ऑर्गन को-ऑर्डिनेटर अनिल जोशी और फोर्टिस अस्पताल के ऑर्गन को-ऑर्डिनेटर को विनोद सिंह को गिरफ्तार किया था।

क्या है पूरा मामला
दरअसल, एसीबी ने एसएमएस हॉस्पिटल में 31 मार्च सहायक प्रशासनिक अधिकारी गौरव सिंह और ईएचसीसी हॉस्पिटल के ऑर्गन ट्रांसप्लांट को-ऑर्डिनेटर अनिल जोशी को लेनदेन करते रंगे हाथों पकड़ा था। टीम ने मौके से 70 हजार रुपए और 3 फर्जी एनओसी भी जब्त किए थे।

कार्रवाई के बाद एसीबी ने आरोपियों के घर और अन्य ठिकानों पर भी सर्च किया था। इनकी गिरफ्तारी से खुलासा हुआ था कि फोर्टिस हॉस्पिटल का को-ऑडिनेटर विनोद सिंह भी कुछ समय पहले पैसा देकर फर्जी सर्टिफिकेट लेकर गया था। एसीबी ने उसे भी गिरफ्तार कर लिया था। बाद में जयपुर पुलिस ने इस केस में जांच शुरू कर दी थी।

पुलिस इस मामले में फरार चल रहे मैड सफर के अन्य डायरेक्टर राज कमल व दलाल मोहम्मद मुर्तजा अंसारी को पकड़ने के लिए जयपुर पुलिस पश्चिम बंगाल के अलग-अलग ठिकानों पर छापेमारी कर रही है।

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