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कार में जिंदा जला परिवार रास्ता भटक गया था:1 घंटे पहले भाई से मंगवाई थी गांव की लोकेशन; टक्कर होते ही कार लॉक हुई, मदद की गुहार लगाते रहे


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कार में जिंदा जला परिवार रास्ता भटक गया था:1 घंटे पहले भाई से मंगवाई थी गांव की लोकेशन; टक्कर होते ही कार लॉक हुई, मदद की गुहार लगाते रहे

कार में जिंदा जला परिवार रास्ता भटक गया था:1 घंटे पहले भाई से मंगवाई थी गांव की लोकेशन; टक्कर होते ही कार लॉक हुई, मदद की गुहार लगाते रहे

फतेहपुर : सीकर में जीण माता मंदिर के दर्शन कर लौट रहे परिवार की कार ओवरटेक करते समय ट्रक में जा घुसी। इससे कार में अचानक आग लग गई। मददगारों ने बचाने की कोशिश की लेकिन कार ऑटो लॉक हो गई थी। दरवाजे नहीं खुल पाए, ऐसे में 7 लोग हाईवे पर जिंदा ही जल गए। उन्हें बचाया न जा सका।

हादसे से 1 घंटे पहले हार्दिक ने अपने ताऊ के लड़के शुभम बिंदल को फोन कर सीकर स्थित अपने गांव भातवाड़ी की लोकेशन मंगाई थी। इसके 1 घंटे बाद सीकर के फतेहपुर में रविवार दोपहर 2:30 बजे आशीर्वाद पुलिया पर चढ़ते ही 200 मीटर दूरी पर कार ट्रक में जा घुसी। हार्दिक के फूफा सत्य प्रकाश अग्रवाल मेरठ कैंट से चार बार भाजपा के विधायक रहे हैं।

1 घंटे पहले लोकेशन मंगाई थी

हार्दिक के भाई ने बताया- रविवार सवेरे इन लोगों ने जीण माता के दर्शन किए। इसके बाद हार्दिक का लगभग डेढ़ बजे फोन आया था और पूछा- वे लोग अपने गांव भातवाड़ी जाना चाहते थे। उसकी लोकेशन क्या है। शुभम ने हार्दिक को गांव का रास्ता बताया, और लोकेशन भी भेज दी थी।

आग लगने के बाद ट्रक से कार को क्रेन की मदद से दूर किया गया।
आग लगने के बाद ट्रक से कार को क्रेन की मदद से दूर किया गया।

रास्ता भटके थे

शुभम ने बताया- तय कार्यक्रम के अनुसार इन लोगों को जीण माता से झुंझुनूं रानी सती आना था। ऐसे में इन्हें फतेहपुर जाने की जरूरत नहीं थी। वहां से झुंझुनूं का सीकर होते हुए सीधा रास्ता है। मेरठ से चलते समय इनका अपने गांव भातवाड़ी जाने का भी कोई प्रोग्राम नहीं था, लेकिन शायद अचानक गांव जाने के कार्यक्रम के चलते ये रास्ता भटक गए और फतेहपुर पहुंच गए। परिवार के सदस्यों को ये भी नहीं मालूम कि ये गांव या सालासर गए या नहीं। इस फोन के बाद हार्दिक की घर पर कोई बात नहीं हुई और हादसे की खबर आई।

जैसे ही कार में आग लगी ट्रक में रखी रुई ने भी आग पकड़ ली।
जैसे ही कार में आग लगी ट्रक में रखी रुई ने भी आग पकड़ ली।

जात देने आए थे

शुभम ने बताया- ये मेरठ से शनिवार सुबह 11 बजे कार से निकले थे। रात को ये लोग जीण माता में ही रुके और रविवार सवेरे दर्शन किए। इसके बाद सालासर (चुरू) के पास मालासी भैंरू के दर्शन किए। जहां से झुंझुनूं रानी सती जाने के लिए निकले थे। शुभम के अनुसार, परिवार मूलत: सीकर जिले के ही भातवाड़ी गांव का रहने वाला था। करीब छह दशक से ये परिवार उत्तर प्रदेश के मेरठ स्थित शिवशंकरपुरी के ब्रह्मपुरी में रह रहा था। हार्दिक की कुछ साल पहले शादी हुई थी। उसके बाद उसके दो बेटियां भी हो गई। परिवार की मान्यता के अनुसार हार्दिक बिंदल (37) पुत्र नरेंद्र अपनी पत्नी स्वाति बिंदल (32), मां मंजू बिंदल (58) पत्नी नरेंद्र बिंदल, बेटी दीक्षा (7), चार साल की दूसरी छोटी बेटी, मौसी नीलम गोयल (55) पत्नी मुकेश गोयल और मौसरे भाई आशुतोष गोयल (35) पुत्र मुकेश गोयल के साथ जीण माता के जात लगाने आए थे। कार आशुतोष की थी।

इसी कार में 2 मासूम बच्चियों समेत 7 लोग जल गए। उन्होंने मदद की गुहार लगाई लेकिन, कार लॉक हो जाने के कारण उन्हें बचाया नहीं जा सका।
इसी कार में 2 मासूम बच्चियों समेत 7 लोग जल गए। उन्होंने मदद की गुहार लगाई लेकिन, कार लॉक हो जाने के कारण उन्हें बचाया नहीं जा सका।

हार्दिक के परिवार में कोई नहीं बचा
इस हादसे में एक हार्दिक का पूरा परिवार खत्म हो गया। मेरठ में वह गारमेंट का काम करता था। पिता नरेंद्र बिंदल की चार-पांच साल पहले मौत हो चुकी है। हार्दिक के फूफा सत्यप्रकाश अग्रवाल मेरठ कैंट से चार बार भाजपा के विधायक रहे हैं।

कार में सिलेंडर लगा था। हालांकि, आग आगे से लगी थी ऐसे पुलिस जांच कर रही है कि आग लगने के क्या कारण रहे।
कार में सिलेंडर लगा था। हालांकि, आग आगे से लगी थी ऐसे पुलिस जांच कर रही है कि आग लगने के क्या कारण रहे।

कई महीनों से बना रहे थे सीकर आने का कार्यक्रम
शुभम ने बताया- फतेहपुर पहुंचने के बाद रिश्तेदारों ने जब शव देखे तो उन्हें पहचानना भी बेहद मुश्किल हो गया था। उन्हें देखते ही परिवार के सदस्य फफक-फफक कर रोने लगे। बड़ी मुश्किल से खुद को संभाला। वे बार-बार यही कहते रहे कि हार्दिक का परिवार बहुत ही मिलनसार था। छोटा सा परिवार सभी से मिलजुल कर रहता था। उन्होंने बताया कि ये लोग कई महीनों से जीण माता आने का कार्यक्रम बना रहे थे, लेकिन हर बार कार्यक्रम टलता ही गया।

शवों को लोडिंग ऑटो में रखकर मॉर्च्युरी पहुंचाया गया था।
शवों को लोडिंग ऑटो में रखकर मॉर्च्युरी पहुंचाया गया था।

ट्रक से टकराने के बाद कार में लगी आग
यह हादसा रविवार दोपहर करीब ढाई बजे फतेहपुर चूरू-सालासर स्टेट हाईवे पर आशीर्वाद पुलिया पर चढ़ते ही 200 मीटर दूरी पर हुआ था। एक ट्रक को ओवरटेक करते समय परिवार की कार उससे जा टकराई। कार में गैस किट लगा था। टक्कर होते ही गैस किट ने आग पकड़ ली। अंदर बैठे परिवार के सदस्य कुछ समझ पाते, उससे पहले ही कार के दरवाजों का लॉक जाम हो गया और वे बाहर नहीं निकल सके। मौके पर मौजूद प्रत्यक्षदर्शी रामनिवास सैनी ने बताया कि आग देखकर मैं कार के पास भी गया और दरवाजा खोलने की कोशिश की, लेकिन दरवाजे नहीं खुले। इस पर पुलिस को सूचना दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने फायर ब्रिगेड की मदद से करीब आधे घंटे बाद आग पर काबू पाया, लेकिन तक तक कार में बैठे सभी लोगों की जिंदा जलने से मौत हो चुकी थी।

मौके पर क्रेन बुलाकर ट्रक को खाली करवाया गया। ट्रक ड्राइवर हादसे के तुरंत बाद फरार हो गया।
मौके पर क्रेन बुलाकर ट्रक को खाली करवाया गया। ट्रक ड्राइवर हादसे के तुरंत बाद फरार हो गया।

जले मोबाइल से सिम निकालकर की पहचान
आग बुझाने के बाद पुलिस ने बड़ी मुश्किल से शवों को बाहर निकाला और राजकीय धानुका उप जिला अस्पताल की मॉर्च्युरी पहुंचाया। इस बीच मौके पर मौजूद एक युवक को घटना स्थल पर जला हुआ मोबाइल मिला। उसने इसमें से सिम कार्ड निकाला और अपने मोबाइल में डाला। मोबाइल में सिम लगाते ही एक कॉल आया। सामने से एक महिला की आवाज आई। उसने बताया कि वो आरके पुरम, दिल्ली रोड, मेरठ से बोल रही है। उसने अपनी मां को कॉल लगाया है। उसकी मां और भाई सेंट्रो कार से सालासर बालाजी दर्शन कर लौट रहे थे। जिसके बाद शवों की पहचान हुई।

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