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बच्चे से कुकर्म करने वाले मौलवी को उम्रकैद:जज ने कविता लिखी-तुम्हारे गुनहगार को आजीवन सलाखों के पीछे भेजा; कहा-दोषी को रोज प्रायश्चित करना होगा


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बच्चे से कुकर्म करने वाले मौलवी को उम्रकैद:जज ने कविता लिखी-तुम्हारे गुनहगार को आजीवन सलाखों के पीछे भेजा; कहा-दोषी को रोज प्रायश्चित करना होगा

बच्चे से कुकर्म करने वाले मौलवी को उम्रकैद:जज ने कविता लिखी-तुम्हारे गुनहगार को आजीवन सलाखों के पीछे भेजा; कहा-दोषी को रोज प्रायश्चित करना होगा

कोटा : अरबी सीखने आए 10 साल के मासूम से कुकर्म करने वाले मौलवी को कोटा की कोर्ट ने उम्र कैद की सजा सुनाई है। 5 महीने पुराने मामले में फैसला सुनाते हुए जज दीपक दुबे ने कविता लिखी- तुम्हारा गुनहगार अब सलाखों के पीछे है, वो तुम्हें परेशान नहीं करेगा। जज ने यह भी कहा कि फांसी देने से दोषी अपने पाप का प्रायश्चित नहीं कर पाएगा।

सरकारी वकील ललित कुमार शर्मा ने बताया- अदालत ने मौलवी नसीम खान (23) निवासी हुयपुरी जिला पलवल हरियाणा को अंतिम सांस तक के कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही, 21 हजार का जुर्माना लगाया है। उन्होंने कहा- धर्म गुरु होते हुए भी पवित्र स्थान पर गलत काम करने पर कोर्ट ने अपने फैसले में मासूम के लिए संवेदना प्रकट करते हुए एक कविता भी लिखी है।

जज ने दोषी मौलवी को सजा सुनाते हुए कविता भी लिखी।
जज ने दोषी मौलवी को सजा सुनाते हुए कविता भी लिखी।

कोर्ट ने लिखा-

मेरे नन्हे -मुन्ने मासूम फरिश्ते, तुम निर्दोष व निष्पाप हो,

तुम्हारी मुस्कान ही सारा जहान है,

तुम्हारी सूरत में अल्लाह का नूर बसता है,

तुम मन मस्तिष्क से कटु स्मृतियों को मिटा दो,

तुम्हारे गुनहगार को हमने आजीवन सलाखों के पीछे भेज दिया है,

अब तुम हंस खेलकर इस जीवन को यापन करो,

तुम्हारी आंखों से बहते आंसू, तुम्हारा घर नहीं देख पाएगा।

फांसी की अपील की थी
सरकारी वकील ने बताया- इस मामले पुलिस ने 14 दिन में जांच पूरी करके कोर्ट में चालान पेश किया था। कोर्ट में 11 गवाहों के बयान करवाए गए और 24 दस्तावेज पेश किए। सुनवाई के दौरान आरोपी को फांसी देने की मांग की गई, जिस पर कोर्ट ने कहा कि फांसी देने से आरोपी प्रायश्चित नहीं कर पाएगा, जिंदगी भर सलाखों के पीछे रहने पर वो रोज अपने पापों का प्रायश्चित करेगा।

जज के सामने नसीम खान ने अपना गुनाह कबूल कर लिया और कहा- कोर्ट जो भी सजा देगा, उसे मंजूर है।
जज के सामने नसीम खान ने अपना गुनाह कबूल कर लिया और कहा- कोर्ट जो भी सजा देगा, उसे मंजूर है।

सरकारी वकील ने बताया- कोर्ट ने फैसले में 14 दिन में जांच पूरी कर चालान पेश करने और केस को ऑफिसर स्कीम में लेने पर तत्कालीन बूढ़ादित SHO रामस्वरूप राठौड़ की कार्यशैली की प्रशंसा की।

ये था मामला
22 अक्टूबर 2023 को मासूम के चाचा ने बूढ़ादित थाने में शिकायत दी थी। शिकायत में बताया कि पिता की मौत के बाद से ही 10 साल का मासूम भतीजा उसके साथ रहता है। वह 5वीं कक्षा में पढ़ता है। 22 अक्टूबर को शाम 4 बजे वो रोता हुआ घर आया। उसने बताया कि साढ़े 3 बजे मस्जिद में मौलवी के पास अरबी पढ़ने गया था। वहां मौलवी नसीम खान ने उसे थोड़ी देर पढ़ाया, फिर मस्जिद के कमरे में ले जाकर उसके साथ गलत काम किया। किसी को बताने पर जान से मारने की धमकी दी। शिकायत पर पुलिस ने मामला दर्ज कर आरोपी मौलवी को गिरफ्तार किया।

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