कानून मंत्री जोगाराम के बेटे को अतिरिक्त महाधिवक्ता बनाया:मनीष पटेल को जोधपुर मुख्य पीठ में लगाया; हर महीने 6-7 लाख रुपए की आय

जयपुर : विधि विभाग ने मंगलवार रात राजस्थान हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में 6 अतिरिक्त महाधिवक्ताओं (एएजी) की नियुक्ति की थी। इसमें विधि (कानून) मंत्री जोगाराम पटेल के बेटे एडवोकेट मनीष पटेल को भी एएजी नियुक्त किया गया है। एडवोकेट मनीष पटेल को मुख्य पीठ जोधपुर में एएजी के पद पर नियुक्ति दी गई है। प्रमुख शासन सचिव विधि ज्ञान प्रकाश गुप्ता ने मनीष पटेल की नियुक्ति आदेश जारी किए थे।
विधि मंत्री के बेटे को ही एएजी के पद पर नियुक्ति मिलने के बाद सियासी जगत में इसे लेकर चर्चाओं का दौर शुरू हो गया। संभवत राजस्थान में यह पहला मामला है, जब कानून मंत्री के बेटे को एएजी के पद पर नियुक्ति मिली है।

एएजी की 6-7 लाख रुपए महीने की इनकम
अतिरिक्त महाधिवक्ता की महीने की करीब 6 से 7 लाख रुपए की आमदनी होती है। उसे फिक्स वेतन के रूप में सवा लाख रुपए मिलते हैं। वही प्रति केस 5 हजार रुपए पैरवी के भी मिलते हैं। एएजी को एक दिन में अधिकतम 5 केसेज में पैरवी का भुगतान किया जा सकता है। ऐसे में प्रतिदिन 25 हजार रुपए पैरवी के फिक्स वेतन से अलग मिलते हैं।
वहीं हर नया केस पेश करने पर ड्राफ्टिंग के 5 हजार रुपए देय होते हैं। इसके अलावा हाईकोर्ट में चैंबर, स्टाफ और स्टेशनरी का पूरा खर्चा राज्य सरकार की ओर से वहन किया जाता है।

विधि विभाग ने कल की थी 6 एएजी की नियुक्ति
राज्य सरकार ने मंगलवार रात आदेश जारी करते हुए राजस्थान हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में अतिरिक्त महाधिवक्ताओं की नियुक्ति की थी। एडवोकेट विज्ञान शाह और एडवोकेट संदीप तनेजा को जयपुर पीठ में एएजी नियुक्त किया गया था।
वहीं मुख्यपीठ जोधपुर में एडवोकेट राजेश पंवार, महावीर विश्नोई और मनीष पटेल की एएजी के पद पर नियुक्ति की गई थी। इसी तरह से सुप्रीम कोर्ट में एडवोकेट शिवमंगल शर्मा को अतिरिक्त महाधिवक्ता नियुक्त किया गया। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट में एडवोकेट निधि जसवाल को एडवोकेट ऑन रिकॉर्ड और सौरभ राजपाल, दिव्यांक पंवार, क्षितिज मित्तल और अनिशा रस्तोगी को पैनल लॉयर के रूप में नियुक्ति दी गई।