सफाई में चतुराई:गहलोत राज में बनी 87 नगर पालिकाओं को एक भी सफाईकर्मी पद नहीं दिया
सफाई में चतुराई:गहलोत राज में बनी 87 नगर पालिकाओं को एक भी सफाईकर्मी पद नहीं दिया

जयपुर : अशोक गहलोत के शासन में निकाली गई सफाईकर्मी की प्रदेश स्तरीय भर्ती अटक जाने के बाद अब भाजपा सरकार ने दुबारा निकाली है। लेकिन नई भर्ती में गहलोत राज में खोले गए नए निकायों के साथ साफ बदले की भावना दिख रही है। पिछले 5 साल में अशोक गहलोत राज में 90 नए नगर निगम, नगर परिषद, नगर पालिकाएं गठित की गई।
उनमें से 4 नए निगमों को छोड़कर 87 नई नगर पालिका, नगर परिषदों में सफाई कर्मी का एक भी पद नहीं दिया गया है। कुल 24797 पदों पर भर्ती निकाली गई है। लेकिन पूर्व यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल और सीएम अशोक गहलोत ने ज्यादा से ज्यादा शहरीकरण के लिए खोले 87 नई पालिकाओं को एक-एक सफाई कर्मी का पद भी आवंटित नहीं किया है।
राजस्थान में अभी 280 निगम, परिषद और पालिकाएं हैं लेकिन भर्ती केवल 186 के लिए ही निकाली गई है। गौरतलब है कि सफाईकर्मी भर्ती में चयनित लोगों को पेंशन तक के लाभ मिलेंगे। आरक्षण भी लागू होगा।
एससी, एसटी के आरक्षित पद 3 साल के लिए उनके लिए ही आरक्षित रहेंगे, उसके बाद भी इस कैटेगरी के पात्र व्यक्ति नहीं मिलने पर उनको सामान्य कैटेगरी से भरा जाएगा। स्वायत्त शासन विभाग के अफसरों के अनुसार वित्त विभाग के नियम व अनुमति जितने निकायों के लिए दी गई, उसी के अनुसार भर्ती निकाली है।
महिला के लिए आरक्षित पद उसी श्रेणी के पुरुषों से भर सकेंगे
सफाईकर्मी भर्ती में एससी एसटी के आरक्षित पद तो सामान्य से नहीं भरे जा सकेंगे। लेकिन किसी भी श्रेणी की महिलाओं के लिए आरक्षित पद यदि पात्र महिलाएं उपलब्ध नहीं होती है तो उसी श्रेणी के पुरुष अभ्यर्थियों से भरे जा सकेंगे। ओबीसी या ईडब्लुएस वर्ग के पात्र व्यक्ति भी नहीं मिलने पर तत्काल सामान्य वर्ग से भरे जाएंगे। हर निकाय के लिए पद आरक्षित हैं।
पोकरण को दिए 87 पद: नए खोले निकायों में केवल जैसलमेर के पोकरण को 87 सफाई कर्मी पद आवंटित किए हैं। बाकी को नहीं किए गए।
गहलोत-धारीवाल ने निकाय नए खोले, पर 1 भी पद नहीं
पिछले 5 साल में 87 नए निकाय स्थापित किए गए। ग्राम पंचायतों को मिलाकर 20 हजार या अधिक आबादी होने पर नगर पालिका का दर्जा दिया गया। लेकिन 87 में एक भी पद नहीं दिया। लिहाजा अगली भर्ती तक ये नगरपालिका बनने के बावजूद बिना सफाईकर्मी के चलेंगे।