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जयपुर : हनीट्रैप में फंसे सरकारी कर्मचारी को अब भी विश्वास नहीं कि उसकी प्रेमिका पाकिस्तानी एजेंट थी


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राजस्थानराज्य

जयपुर : हनीट्रैप में फंसे सरकारी कर्मचारी को अब भी विश्वास नहीं कि उसकी प्रेमिका पाकिस्तानी एजेंट थी

राजस्थान पुलिस के आंकड़ों के मुताबिक इस तरह के मामलों में 2017 के बाद से अब तक आम नागरिकों और सुरक्षाकर्मियों सहित 35 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है.

जयपुर : दिल्ली के सेना भवन में कार्यरत चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी रवि प्रकाश मीणा को विश्वास नहीं हो पा रहा है कि उसने जिस महिला से प्यार किया, वह पाकिस्तानी एजेंट थी. हनीट्रैप में फंसे 31 वर्षीय मीणा पर सेना से जुड़ी संवेदनशील एवं रणनीतिक जानकारी साझा करने का आरोप है और वह इस समय जेल में है. मीणा के मामले की जांच से जुड़े एक खुफिया अधिकारी ने यहां बताया कि मीणा फेसबुक के जरिए एक युवती का दोस्त बना और वह उसके ‘प्यार में पागल’ था.

अक्टूबर में हुआ था गिरफ्तार 
राजस्थान में करौली जिले के सपोटारा के रहने वाले मीणा को अक्टूबर के पहले सप्ताह में पकड़ा गया था. वह 2017 के बाद से राज्य पुलिस द्वारा इस तरह के मामलों में गिरफ्तार ऐसा 35वां व्यक्ति है, जिसे इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) समेत पाकिस्तानी एजेंट के हनीट्रैप में फंसकर संवेदनशील जानकारी साझा करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया.

नहीं हुआ विश्वास
मीणा के मामले से जुड़े अधिकारी ने कहा, ‘पाकिस्तानी एजेंट ने खुद को पश्चिम बंगाल में तैनात भारतीय सेना अधिकारी अंजलि तिवारी के रूप में पेश किया. मीणा को गिरफ्तारी के बाद भी और सबूतों को देखकर भी विश्वास नहीं हो रहा था कि वह महिला एक पाकिस्तानी एजेंट थी.’ राजस्थान के पुलिस महानिदेशक (खुफिया) उमेश मिश्रा ने आठ अक्टूबर को मीणा की गिरफ्तारी के बाद बताया था कि मीणा महिला के साथ सेना संबंधी गोपनीय और रणनीतिक जानकारी साझा कर रहा था.

मिश्रा ने बताया था कि महिला एजेंट ने मीणा को अपने हनीट्रैप में फंसाकर और धनराशि का प्रलोभन देकर सामरिक महत्व के तहत वर्गीकृत दस्तावेज मांगे थे और आरोपी ने ये दस्तावेज सोशल मीडिया के माध्यम से पाकिस्तानी एजेंट को मुहैया कराए और बदले में उसके बैंक खाते में धन राशि डाली गई.

2017 के बाद से 35 गिरफ्तार

राजस्थान पुलिस के आंकड़ों के अनुसार, इस तरह के मामलों में 2017 के बाद से अब तक आम नागरिकों और सुरक्षाकर्मियों सहित 35 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है. इनमें से 2017 में छह, 2019 में पांच, 2020 में पांच, 2021 में आठ और इस साल अब तक 10 लोगों को गिरफ्तार किया गया.

मिश्रा ने बताया, ‘पहले मामलों में लोग पैसे के बदले गोपनीय और रणनीतिक जानकारी प्रदान करते थे, लेकिन अब यह देखा जा रहा है कि लोगों को फंसाया जा रहा है, भावनात्मक रूप से ब्लैकमेल किया जा रहा है और फिर पैसे के बदले में जानकारी मांगी जा रही है.’ पुलिस के आंकड़ों के मुताबिक, गिरफ्तार किए गए 35 लोगों के खिलाफ 2017 से अब तक कुल 26 मामले दर्ज किए गए हैं. इन गिरफ्तार लोगों में 10 सुरक्षाकर्मी और 25 नागरिक हैं.

2019 से बढ़े ऐसे मामले
एक खुफिया अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर कहा कि पहले हनीट्रैप करके और फिर पैसे देकर संवेदनशील जानकारी हासिल करने का चलन 2019 से पाकिस्तानी एजेंट का पसंदीदा तरीका बन गया है. इस साल की शुरुआत में, जोधपुर में सेना की एक इकाई में तैनात उत्तराखंड के मूल निवासी 24 वर्षीय प्रदीप कुमार को रिया नाम की एक महिला पाकिस्तानी एजेंट ने हनीट्रैप में फंसाया था. इस मामले से जुड़े एक अन्य खुफिया अधिकारी ने बताया कि कुमार को मई में गिरफ्तार किया गया था और महिला एजेंट ने उसे बताया था कि वह बेंगलुरु के सैन्य अस्पताल में तैनात एक लेफ्टिनेंट कर्नल है.

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