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दो बहनों की जगह महिला लेक्चरर ने दिया था एग्जाम:एसआई भाई ने डमी कैंडिडेट को दिए 15-15 लाख, एसओजी ने भाई-बहन को पकड़ा


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दो बहनों की जगह महिला लेक्चरर ने दिया था एग्जाम:एसआई भाई ने डमी कैंडिडेट को दिए 15-15 लाख, एसओजी ने भाई-बहन को पकड़ा

दो बहनों की जगह महिला लेक्चरर ने दिया था एग्जाम:एसआई भाई ने डमी कैंडिडेट को दिए 15-15 लाख, एसओजी ने भाई-बहन को पकड़ा

जयपुर : एसआई भर्ती-2021 पेपर लीक केस में एसओजी ने साल 2014 बैच के एसआई और साल 2021 बैच की महिला एसआई को गिरफ्तार किया है। जांच में सामने आया है कि जोधपुर में तैनात महिला लेक्चरर ने जयपुर में दो बहनों के लिए डमी कैंडिडेट के रूप में परीक्षा दी थी। दोनों बहनों का भाई एसआई है। वर्तमान में वह भरतपुर एसपी ऑफिस में तैनात है। इसी ने डमी कैंडिडेट बैठाने का षड्यंत्र रचा था।

एसआई परीक्षा में महिला लेक्चरर ने पहले दो बहनों और फिर अपने लिए अलग-अलग नाम से पेपर दिया और तीनों में पास हो गई। इंदू बाला मेरिट में 1139 नंबर पर, भगवती 248 नंबर पर और खुद वर्षा 843वें नंबर पर रही थी। लेक्चरर वर्षा ने आरपीए जयपुर में ट्रेनिंग सेंटर जॉइन नहीं किया, जबकि दो बहनों ने जॉइन कर लिया था।

एसओजी बुधवार को इंदू बाला और जगदीश को कोर्ट के सामने पेश कर रिमांड पर लेगी। एसओजी का मानना है कि जगदीश ने न केवल अपनी बहनों को सब इंस्पेक्टर बनाने के लिए डमी कैंडिडेट बैठाया था, बल्कि उसने और भी लोगों के लिए भी डमी कैंडिडेट की व्यवस्था की थी।

वर्षा ने भगवती और इंदूबाला की जगह डमी कैंडिडेट के रूप में एग्जाम दिया था। उसने एक प्रवेश पत्र में चश्मे के साथ फोटो और दूसरे पर बिना चश्मे के साथ फोटो लगाई थी, ताकि पकड़ी नहीं जाए।
वर्षा ने भगवती और इंदूबाला की जगह डमी कैंडिडेट के रूप में एग्जाम दिया था। उसने एक प्रवेश पत्र में चश्मे के साथ फोटो और दूसरे पर बिना चश्मे के साथ फोटो लगाई थी, ताकि पकड़ी नहीं जाए।

प्रवेश पत्र पर साफ फोटो नहीं होने का फायदा उठाया
एडीजी वीके सिंह ने बताया- जांच में एक ही महिला अभ्यर्थी के बाकी 2 अभ्यर्थियों के स्थान पर भी परीक्षा देना पाया गया। प्रवेश पत्र पर मुख्य अभ्यर्थी की फोटो स्कैन की हुई थी, जिससे फोटो साफ नहीं दिख रही थी। इसी का फायदा उठाते हुए वर्षा ने प्रवेश पत्र पर अपनी फोटो लगाकर सेंटर में प्रवेश ले लिया।

वीके सिंह ने बताया कि एसओजी ने मंगलवार को आरोपी एसआई जगदीश सियाग निवासी सांचौर और उसकी बहन इंदूबाला को गिरफ्तार कर लिया। एक बहन भगवती पहले ही गिरफ्तार है। इंदूबाला और भगवती की जगह डमी कैंडिडेट के रूप में एग्जाम देने वाली लेक्चरर वर्षा अभी भी फरार है। भगवती और इंदू बाला 2015 बैच की कॉन्स्टेबल थी और जालोर में तैनात थी। डमी अभ्यर्थी के रूप में परीक्षा देने के लिए वर्षा ने 15-15 लाख रुपए लिए थे।

वर्षा ने 15 सितंबर 2021 को अपने प्रवेश पत्र पर परीक्षा दी थी। इसमें भी उसने चश्मे वाली फोटो लगाई, जो भगवती के प्रवेश पत्र पर लगाई थी।
वर्षा ने 15 सितंबर 2021 को अपने प्रवेश पत्र पर परीक्षा दी थी। इसमें भी उसने चश्मे वाली फोटो लगाई, जो भगवती के प्रवेश पत्र पर लगाई थी।

2 दिन डमी अभ्यर्थी बनकर एग्जाम, तीसरे दिन खुद की परीक्षा दी
एसओजी की जांच में सामने आया है कि वर्षा कुमारी ने 13 सितंबर 2021 को सिद्धार्थ पब्लिक सेकेंडरी स्कूल खिरणी फाटक झोटवाड़ा सेंटर में इंदूबाला (रोल नंबर 263900) की जगह परीक्षा दी। इसके बाद 14 सितंबर को चौधरी सीनियर सेकेंडरी स्कूल रांकड़ी सोडाला में भगवती (रोल नंबर 525669) की जगह परीक्षा दी। इसके बाद 15 सिंतबर 2021 को वर्षा ने टैगोर पब्लिक स्कूल विंग-2 टैगोर नगर अंबाबाड़ी जयपुर में खुद के लिए (रोल नंबर 817800) परीक्षा दी।

एसओजी ने आरपीएससी से तीनों आरोपियों के परीक्षा में मौजूद होकर पेपर देने के सभी दस्तावेज प्राप्त कर लिए हैं। वर्षा, इंदू बाला और भगवती विश्नोई की तस्वीरों में बहुत बड़ा अंतर दिखाई देता है। ऐसे में परीक्षा केंद्र में इसकी जांच क्यों नहीं की गई। इसको लेकर भी जांच की जा रही है।

जगदीश को पहली नियुक्ति में ही एसीबी ने किया था ट्रैप
जगदीश का साल 2014 में सब इंस्पेक्टर के पद पर चयन हुआ था। पहली नियुक्ति बालोतरा (बाड़मेर) में मिली थी। जगदीश पहली नियुक्ति में एक मामले में रिश्वत लेते पकड़ा गया था। हालांकि बाद में वह बरी हो गया था। अक्टूबर 2022 तक जैसलमेर में तैनात रहा। इसके बाद उसका भरतपुर एसपी ऑफिस में तबादला हो गया। मंगलवार को एसओजी ने भरतपुर एसपी ऑफिस से ही उसे गिरफ्तार किया। जगदीश ने ही वर्षा को 15-15 लाख के बदले परीक्षा देने के लिए राजी किया था।

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