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राजस्थान का सबसे कम उम्र का अंतरराष्ट्रीय शतरंज खिलाड़ी:6 साल की उम्र में खेल चुके 10 इंटरनेशन मैच, ट्रेनिंग के लिए अजमेर से आते हैं जयपुर


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राजस्थान का सबसे कम उम्र का अंतरराष्ट्रीय शतरंज खिलाड़ी:6 साल की उम्र में खेल चुके 10 इंटरनेशन मैच, ट्रेनिंग के लिए अजमेर से आते हैं जयपुर

राजस्थान का सबसे कम उम्र का अंतरराष्ट्रीय शतरंज खिलाड़ी:6 साल की उम्र में खेल चुके 10 इंटरनेशन मैच, ट्रेनिंग के लिए अजमेर से आते हैं जयपुर

जयपुर : जयपुर के अद्विक शर्मा 6 साल की उम्र में राजस्थान के सबसे युवा इंटरनेशनल रेटेड चेस खिलाड़ी बन गए हैं, जो अभी पहली क्लास में ही पढ़ते हैं। पिछले दिनों अंतरराष्ट्रीय शतरंज संघ ने उनकी अंतरराष्ट्रीय रेटिंग अपनी वेबसाइट पर जारी की थी। अद्विक एक साल पहले से चेस खेल रहे हैं, जो अब तक 10 इंटरनेशनल चेस मैच खेल चुके हैं। चेस सीखने के लिए हर हफ्ते 120 किलोमीटर दूर अजमेर से जयपुर आते हैं। अद्विक के पिता गिरिराज कुमार शर्मा डॉक्टर हैं। वहीं मां अंजलि बिजनेस वुमन हैं। जयपुर में अद्विक और उनके परिवार ने मीडिया टीम के साथ अपनी जर्नी शेयर की। आगे पढ़िए पूरा इंटरव्यू…

सवाल-: आप कब से चेस खेल रहे हैं? आपको चेस खेलना क्यों पसंद है?
जवाब-:
 मैं पिछले एक साल से चेस खेल रहा हूं। मुझे चेस खेलना इस लिए पसंद है क्योंकि ये दिमाग का खेल है। इस माइंड गेम में मुझे बहुत मजा आता है।

सवाल-: आपको सबसे ज्यादा मजा कब आया ?
जवाब-:
 मैं जब भी चेस खेलता हूं, मुझे इसमें काफी मजा आता है। जिस मैच में मैंने इंटरनेशनल प्लेयर से ड्रॉ किया था। उस दिन मुझे काफी खुशी हुई थी ।

अद्विक शर्मा ने अब तक 10 इंटरनेशनल चेस मैच खेले हैं। उन्होंने सालभर में चेस में अपनी पहचान बना ली है।
अद्विक शर्मा ने अब तक 10 इंटरनेशनल चेस मैच खेले हैं। उन्होंने सालभर में चेस में अपनी पहचान बना ली है।

सवाल-: आपने डांस क्लास भी जॉइन की, फिर उसे क्यों छोड़ दिया?
जवाब-:
 हां, मैंने डांस क्लास जॉइन की थी। मेरा इंटरेस्ट डांस में बिल्कुल भी नहीं था। डांस सीखने या करने में मुझे बिल्कुल भी मजा नहीं आता था। इसलिए मैंने उसे छोड़ कर चेस खेलना शुरू किया। मैंने मेरी मां को चेस खेलते हुए देखा था, मुझे भी वो अच्छा लगा।

सवाल-: घर में किसके साथ चेस खेलते हैं? रोजाना कितनी देर प्रैक्टिस करते हैं?
जवाब-: 
मैं जब भी घर पर रहता हूं तो मम्मी और पापा दोनों के साथ चेस खेलता हूं। कई बार दोनों को हराता हूं। पर ज्यादातर अपने कोच अंकेश सर के साथ खेलना होता है। मैं रोजाना 2 से 3 घंटे चेस की प्रैक्टिस करता हूं।

सवाल-: आप आगे क्या बनना चाहते हैं? चेस के अलावा और क्या पसंद है?
जवाब-:
 मैं चेस का इंटरनेशनल ग्रैंड मास्टर बनना चाहता हूं। मुझे चेस के साथ क्रिकेट खेलना काफी पसंद है। इसके साथ ही बुक रीडिंग भी अच्छी लगती है।

अद्विक चेस की ट्रेनिंग के लिए हर हफ्ते 120 किलोमीटर दूर अजमेर से जयपुर आते हैं।
अद्विक चेस की ट्रेनिंग के लिए हर हफ्ते 120 किलोमीटर दूर अजमेर से जयपुर आते हैं।

बेटे के जन्म के बाद छोड़ दी नौकरी
अद्विक की मम्मी अंजलि शर्मा ने कहा- बेटे के जन्म के बाद मैंने अपनी नौकरी छोड़ दी। मैं एक प्रोफेसर होने के नाते अक्सर बच्चों को जीवन में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करती आई थी। जैसे-जैसे अद्विक बड़ा होने लगा मेरे अंदर की मां ने मुझसे कहा- जॉब छोड़ दी तो क्या ही हुआ, तेरा बच्चा सपनों की उड़ान भरेगा। वो ही तेरी सफलता होगी।

इस सोच ने मुझे अद्विक को अभी से जीवन में कुछ करने के लिए प्रेरित किया। मैंने उस दिन ठान लिया कि अपने बच्चे को आगे बढ़ाना है। इस सोच के साथ मैं उसे डांस क्लास लेकर पहुंची। डांस क्लास में उसका एडमिशन कराया। कुछ दिनों में महसूस किया की वो डांस सीख जरूर रहा है, लेकिन उसे एंजॉय नहीं कर रहा है। ऐसे मे मैंने अलग-अलग क्लास जॉइन कराई। अद्विक की किसी में कोई रुचि उभर कर सामने नहीं आई।

एक साल पहले मुझे किसी ने चेस एकेडमी के बारे में बताया। मैं उसे वहां लेकर पहुंची। मुझे लगा चेस में बहुत कुछ किया जा सकता है। चेस में मुझे भी थोड़ी रुचि रही है। ऐसे में जब अद्विक को चेस खिलाया तो उसने तुरंत ही एंजॉय करना शुरू कर दिया। आज साल भर के अंदर चेस में अपनी पहचान बना ली। कुछ समय पहले हम जयपुर से अजमेर शिफ्ट हो गए। अद्विक का पैशन और लगन चेस के प्रति कभी कम नहीं हुआ। आज मैं उसे हर हफ्ते जयपुर सिर्फ चेस की ट्रेनिंग के लिए लेकर आती हूं। अद्विक यहां मनसरोवर माइंडडेड चेस स्कूल से ट्रेनिंग ले रहा है।

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