पोखरण : जैसलमेर में पानी की समस्या काे लेकर केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को नारेबाजी का सामना करना पड़ा। पाेकरण के झाबरा गांव में जनसुनवाई कार्यक्रम में शनिवार शाम 6:30 बजे कुछ लोगों ने शेखावत के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। आरोप लगाया कि इलाके में पेयजल समस्या को लेकर अनदेखी की जा रही है। समस्या का समाधान ही नहीं हो रहा है।
इस पर शेखावत नाराजगी जाहिर करते हुए बोले- टंकी बनाने के लिए 4 करोड़ स्वीकृत करा दिए थे। आप लोग किस मिट्टी के बने हो। धन्यवाद देने की जगह आप एहसान फरामोशी कर रहे हो तो मेरा भगवान ही मालिक है। केंद्रीय मंत्री शनिवार को पोकरण, रामदेवरा और भादरिया के दौरे पर थे। उनके साथ पोकरण विधायक महंत प्रताप पुरी भी थे।
कांग्रेस सरकार ने काम नहीं होने दिए
विरोध के दौरान मंत्री शेखावत ने कहा- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संकल्प है कि हर घर तक पीने का पानी पहुंचना चाहिए। उसके लक्ष्य को लेकर और घर तक पीने का पानी पहुंचाने के लिए योजना के तहत केंद्र सरकार ने राजस्थान सरकार को 27 हजार करोड़ रुपए दिए। लेकिन, कांग्रेस सरकार ने दुर्भावनावश राजस्थान में किसी तरह का काम नहीं होने दिया।
झाबरा गांव में पानी की टंकी बनाने की मांग थी। कांग्रेस सरकार ने जो योजना बनाई थी, उसमें झाबरा की टंकी को लिया भी नहीं। आप लोगों की डिमांड पर 4 करोड़ रुपए की टंकी झाबरा गांव के लिए सेंक्शन करवाई। पांच साल तक कांग्रेस सरकार ने उसे रोके रखा, सेंक्शन नहीं होने दिया।
4 करोड़ 89 लाख रुपए की टंकी को सेंक्शन करवाकर उसे टेंडर के स्टेज तक ला दिया। फिर भी आप लोगों को लगता है कि टंकी नहीं बनी और मेरे खिलाफ नारे लगाने से टंकी बन जाएगी तो बनाओ आप।
धन्यवाद देने के बजाय एहसान फरामोशी कर रहे हो
केंद्रीय मंत्री बोले- इसके आगे पराकाष्ठा है कि मैं आप लोगों के लिए संघर्ष कर रहा हूं। मैंने संघर्ष कर पानी की टंकी सेंक्शन करवाई, टेंडर करवा दिया। उसका धन्यवाद देने के बजाय आप मुझे इस बात का दोष दे रहे हो कि हमारी टंकी नहीं बनी। मुझे समझ में नहीं आता कि आप लोग किस मिट्टी के बने हो।
आप लोग एहसान फरामोशी करते हैं तो मेरा भगवान ही मालिक है। इस तरह का माहौल इसी गांव में देखने को मिला। टंकी बनाने के लिए मैंने साढ़े चार साल तक संघर्ष किया। एक-एक अधिकारी से बात कर उसकी सेंक्शन करवाई।
बीजेपी की सरकार आते ही उसे सेंक्शन करवाकर टेंडर की स्टेज तक ले आया। टेंडर बनने के बाद एक प्रक्रिया के तहत टंकी बनेगी, उसमें समय तो लगता है। एकदम से टंकी तो बनकर तैयार नहीं हो जाएगी। मैं फिर आपको भरोसा दिलाता हूं कि टंकी बनेगी और आपके घरों में पानी आएगा। अगर भरोसा नहीं तो मेरे पास इस बात का कोई इलाज नहीं है।
प्रताप पुरी बोले- अपनी मांगें ढंग से रखनी चाहिए
पोकरण विधायक महंत प्रताप पुरी ने कहा- केंद्रीय मंत्री जैसा सम्मानित व्यक्ति आए तो उनका सम्मान करना हमारा शिष्टाचार है। मांग हमारा अधिकार है, लेकिन उसे ढंग से रखना चाहिए। केंद्रीय मंत्री हमारे बीच में आए, बड़े भाव से आए। उन्होंने पता नहीं कितने संघर्ष किए। गजेंद्र सिंह एक श्वास भी अपने लिए नहीं जीते, वो गृहस्थी हैं, लेकिन अपने घर में नहीं सोते। लोगों के काम के लिए लगे रहते हैं। एक घर का मुखिया भी कहता है कि मेरे पास अभी टाइम नहीं है तो एक केंद्रीय मंत्री की स्थिति क्या होगी, क्या आपने कल्पना की है।
प्रताप पुरी बोले- आप लोगों को थोड़ा धैर्य रखना चाहिए। साढ़े चार साल के संघर्ष के बाद यहां पानी की टंकी लाए हैं। देश में दूसरी जगह घर तक नल पहुंचाने का खर्चा 20 हजार रुपए है। अपने क्षेत्र में हर घर नल पहुंचाने के लिए 2 लाख रुपए प्रत्येक घर का खर्चा आ रहा है। फिर भी वह काम मंत्री जी ने करवाया है। राजस्थान के लिए भारत से अलग फंड दिलवाया। राजस्थान की कांग्रेस सरकार योजना को फेल करने में लगी रही।