[pj-news-ticker post_cat="breaking-news"]

29 फरवरी तक सरकार को अल्टीमेटम, समाधान नहीं होने पर 14 मार्च को दिल्ली में महापंचायत करेंगे देशभर के किसान


निष्पक्ष निर्भीक निरंतर
  • Download App from
  • google-playstore
  • apple-playstore
  • jm-qr-code
X
चंडीगढ़टॉप न्यूज़राज्य

29 फरवरी तक सरकार को अल्टीमेटम, समाधान नहीं होने पर 14 मार्च को दिल्ली में महापंचायत करेंगे देशभर के किसान

29 फरवरी तक सरकार को अल्टीमेटम, समाधान नहीं होने पर 14 मार्च को दिल्ली में महापंचायत करेंगे देशभर के किसान

चंडीगढ़ : अपनी मांगों को लेकर किसान बॉर्डर पर डटे हुए हैं. SKM के आह्वान पर किसानों ने आज ट्रेक्टर मार्च निकाला है. वहीं, किसानों ने सरकार को 29 फरवरी तक का अल्टीमेटम दिया है. किसानों का कहना है कि अगर समाधान नहीं हुआ तो 14 मार्च को देश भर के किसान दिल्ली में आंदोलन करेंगे.

चरखी दादरी में ट्रैक्टर के साथ हाईवे पर उतरे किसान: एसकेएम के आह्वान पर खापों की अगुवाई में किसान अपने ट्रैक्टरों साथ हाईवे पर उतरे. दादरी में दिल्ली रोड पर सैकड़ों ट्रैक्टर दादरी-दिल्ली रोड पर खड़े किए. किसानों की मांगों को लेकर रोष जता रहे हैं, शाम 4 बजे तक ट्रैक्टरों के साथ रोष प्रदर्शन करेंगे. फोगाट खाप प्रधान बलवंत नंबरदार की अगुवाई में कई खापों के अलावा किसान संगठनों के नेता मौके पर मौजूद हैं.

जींद-रोहतक हाईवे को खोल किया वन वे: किसानों के दिल्ली कूच के आह्वान को लेकर पिछले 13 दिनों से जिले के अंतिम गांव पौली पर जींद-रोहतक हाईवे को सील किया गया था. जिसके चलते लोगों को घूम कर या दूसरे रास्तों से आवागमन करना पड़ रहा था. जिसके कारण लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा था. 29 फरवरी तक दिल्ली कूच स्थगित किए जाने और हालात सामान्य होते देख रविवार को पौली सील बॉर्डर को खोल कर वन वे कर दिया गया है. जिसके साथ वाहनों का सीधा रोहतक आवागमन शुरू हो गया है. मार्ग को वन-वे किए जाने पर भी लोगों ने राहत की सांस ली. बावजूद इसके पुलिस ने नाका स्थल पर वाहनों के आवागमन पर निगरानी जारी रखी।

फतेहाबाद में किसानों और फतेहाबाद में आई दरारें भरने की कोशिश: फतेहाबाद के समैन गांव में 73 गांवों और 36 खापों के द्वारा एक बड़ी पंचायत का आयोजन किया गया. इसमें किसान आंदोलन को लेकर बड़ी रणनीति बनाई गई.पंचायत के बाद खापों के द्वारा निर्णय लिया गया कि हरियाणा के किसान पंजाब के किसानों की किसान आंदोलन में पुरजोर मदद करेंगे. संयुक्त किसान मोर्चा और संयुक्त किसान मोर्चा गैर राजनीतिक में जो दरार आई है, उसे भरने का काम किया जाएगा. आगामी 2 मार्च को उचाना के ऐतिहासिक चबूतरे में खाप की एक बड़ी महापंचायत होगी, जहां पर इन दोनों किसान यूनियनों को आमंत्रित किया जाएगा और इन्हें मिलने का काम किया जाएगा.

खापों के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुबै सिंह समैन ने बताया ठसमैन गांव में खापों की पंचायत का आयोजन किया गया. पंजाब के किसान हरियाणा के किसानों की मदद के बिना इस आंदोलन को नहीं जीत सकते. इसलिए सभी को मिलकर यह किसान आंदोलन लड़ना चाहिए. किसानों के बीच जो दरार आई हुई है, उसे भरने का काम किया जाएगा और किसानों के प्रमुख संगठनों से बातचीत करके उन्हें इकट्ठा करने का काम खाप करेगी, जो किसान संगठन का खापो की बात नहीं मानेगा, उसे संगठन से बाहर किया जाएगा. 2 मार्च को उचाना में महापंचायत करके खास पंचायत किसान आंदोलन को लेकर बड़ा निर्णय लेंगी.”

भिवानी में किसानों के समर्थन में सड़कों पर उतरे पूर्व सैनिक: अपनी मांगों को लेकर दिल्ली कूच करने को लेकर शंभू बॉर्डर पर किसान 13 फरवरी से डटे हुए हैं. वहीं, किसानों के समर्थन में SKM ने ट्रैक्टर मार्च निकाला है. वहीं, इस बीच अपनी विभिन्न मांगों को लेकर बॉर्डरों पर धरनारत अन्नदाताओं के समर्थन, अग्निवीर योजना रद्द कर नियमित भर्ती करने तथा अग्निवीर योजना से पहले आर्मी में चयनित उम्मीदवारों को ज्वाFनिंग दिए जाने की मांग को लेकर पूर्व सैनिकों ने वेटरन संगठन भिवानी के जिला प्रधान सूबेदार मेजर बीरेंद्र सिंह ग्रेवाल बामला के नेतृत्व में सोमवार को शहर में प्रदर्शन किया और स्थानीय रोहतक गेट पर केंद्र सरकार का पुतला फूंक रोष जताया. इस दौरान पूर्व सैनिकों ने सरकार से जल्द से जल्द उक्त मांगें माने जाने की मांग की.

सोनीपत में ट्रैक्टर के साथ हाईवे पर उतरे किसान: किसान आंदोलन के समर्थन में एसकेएम के आह्वान के बाद किसान अपने ट्रैक्टरों साथ हाईवे पर उतरे. इस दौरान किसानों ने सोनीपत-गोहाना हाईवे पर ट्रैक्टर खड़ा कर दिया. इस दौरान बड़ी संख्या में ट्रैक्टरों की श्रृंखला बनाकर सरकार के खिलाफ रोष प्रकट किया. सड़क पर बैठकर प्रदर्शन कर रहे किसानों ने चेतावनी दी है कि सरकार किसानों की मांगों का जल्द समाधान करे. किसानों ने कहा एसकेएम ने 6 सदस्यीय कमेटी का गठन किया है. किसानों का कहना है कि सरकार 29 फरवरी तक समाधान कर दे, वरना 14 मार्च को देशभर के मजदूर और किसान दिल्ली में महापंचायत करेंगे. अगर सरकार समाधान नहीं करती है तो दिल्ली में महापंचायत करने के लिए जरूर देशभर से किसान पहुंचेंगे.

Related Articles