EWS संघर्ष समिति की प्रेस वार्ता में पहुंचे राठौड़:पूर्व RTDC चेयरमैन से आंकड़े मांगे तो माइक पूर्व DCC अध्यक्ष को थमाया; केंद्र सरकार की कमियां बता रहे थे
EWS संघर्ष समिति की प्रेस वार्ता में पहुंचे राठौड़:पूर्व RTDC चेयरमैन से आंकड़े मांगे तो माइक पूर्व DCC अध्यक्ष को थमाया; केंद्र सरकार की कमियां बता रहे थे
जालोर : जालोर में मंगलवार को ईडब्ल्यूएस संघर्ष समिति ने EWS के मुद्दे को लेकर प्रेस वार्ता की। इस दौरान EWS की जटिल शर्तों और कई लोगों तक फायदा ना पहुंचने की बात पर चर्चा की गई। वार्ता में कांग्रेस नेता धर्मेंद्र राठौड़ भी मौजूद थे। वे बार-बार केंद्र सरकार से ज्यादा राज्य द्वारा EWS का फायदा पहुंचाने की बात कह रहे थे। उन्होंने आंकड़े भी उनके पास होने की बात कही। लेकिन, जैसे ही पत्रकारों ने उनसे आंकड़े मांगे। उन्होंने माइक पास बैठे जिला कांग्रेस कमिटी के पूर्व DCC अध्यक्ष नैन सिंह राजपुरोहित को दे दिया।
आंकड़े मांगे तो माइक किसी और को थमाया
मंगलवार को जालोर जिला मुख्यालय पर ईडब्ल्यूएस संघर्ष समिति के बैनर तले कांग्रेस नेता धर्मेंद्र राठौड़ ने प्रेस वार्ता की। प्रेस वार्ता में राठौड़ ने कहा- राजस्थान के युवाओं को ईडब्ल्यूएस आरक्षण से काफी लाभ मिल रहा है। केंद्र की बजाय पूर्व सरकार ने युवाओं के हितों को ध्यान में रखकर कई बदलाव किए हैं। उन्होंने मीडिया को सम्बोधित करते हुए राजस्थान में ईडब्ल्यूएस आरक्षण की शर्तों में छूट देते हुए तत्कालीन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पहले अचल संपत्ति की शर्त हटाई। बाद में परीक्षार्थियों को आयु सीमा और परीक्षा शुल्क में भी अन्य आरक्षित वर्गों की तरह लाभ देना शुरू किया।
इससे राजस्थान में बड़ी संख्या में ईडब्ल्यूएस वर्ग में लाभार्थी शामिल हुए और उन्हें लाभ मिल सका। उन्होंने खुद के पास लाभार्थी युवाओं का आंकड़ा होने की बात कहते हुए कहा कि केंद्र की बजाय राजस्थान में युवाओं को ईडब्ल्यूएस आरक्षण का लाभ मिल रहा है। उन्होंने में कई बार खुद के पास आंकड़े होने की बात कही। पत्रकारों ने सवाल करते हुए केंद्र और राज्य में अंतर स्पष्ट करने वाले आंकड़ों की जानकारी मांगी तो वे नहीं बता पाए। उन्होंने पास बैठे जिला कांग्रेस कमिटी के पूर्व DCC अध्यक्ष नैन सिंह राजपुरोहित को माइक दे दिया।
केंद्र सरकार से रखी मांग
इस दौरान उन्होंने कहा- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2019 में आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग को 10 प्रतिशत आरक्षण देने की पहल की। जिसे सुप्रीम कोर्ट ने भी संवैधानिक ठहराया है। ये पहल तो अच्छी थी लेकिन, ईडब्ल्यूएस में शामिल होने को लेकर जोड़ी गईं जटिल शर्तों से इसका फायदा बहुत कम लोगों तक पहुंच पा रहा है। जिसको लेकर ईडब्ल्यूएस संघर्ष समिति ने राजस्थान मॉडल लागू करने की केंद्र सरकार से मांग की है।
इसमें बताया कि ईडब्ल्यूएस की प्रमुख शर्त है कि 5 एकड़ कृषि भूमि और एक निश्चित क्षेत्रफल से अधिक का मकान होने पर आरक्षण का लाभ नहीं मिलेगा। साथ ही, अन्य वर्गों की तरह परीक्षार्थियों को आयु सीमा में कोई छूट नहीं दी गई है। जिससे बड़ी संख्या में परीक्षार्थी इस लाभ के दायरे से बाहर हो रहे हैं, इसलिए केन्द्र सरकार को भी राजस्थान मॉडल लागू करना चाहिए।
इस दौरान भीनमाल विधायक डॉ. समरजीत सिंह, नैन सिंह राजपुरोहित, लाल सिंह धानपुर, तरुण सोलंकी, सुरेंद्र दवे, मोहन सिंह व लोकेन्द्र सिंह सहित कई स्थानीय नेता मौजूद रहे।